Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लुधियाना पश्चिम उपचुनाव: कांग्रेस प्रत्याशी आशु को नोटिस भेजने वाला विजिलेंस का SSP सस्पेंड, गृह विभाग ने 24 घंटे के भीतर की कार्रवाई

    Updated: Sat, 07 Jun 2025 12:09 AM (IST)

    लुधियाना उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी भारत भूषण आशु को नोटिस जारी करने पर विजिलेंस एसएसपी निलंबित हो गए। आप ने आरोप लगाया कि आशु ने सहानुभूति पाने के लिए खुद ही नोटिस जारी करवाया क्योंकि नोटिस जारी करने वाला एसएसपी उनका करीबी है। कांग्रेस ने इसे तानाशाह रवैया बताया और कहा कि आप सरकार डरी हुई है।

    Hero Image
    कांग्रेस प्रत्याशी भारत भूषण आशु को नोटिस भेजने वाला विजिलेंस का एसएसपी निलंबित। फाइल फोटो

    जागरण टीम, लुधियाना/चंडीगढ़। लुधियाना पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी भारत भूषण आशु को नोटिस जारी करने वाले विजिलेंस के एसएसपी जगप्रीत सिंह को गृह विभाग ने निलंबित कर दिया है।

    पंजाब सरकार ने यह कार्रवाई एसएसपी द्वारा नोटिस जारी करने के 24 घंटे के भीतर की। सरकार को यह डर है कि चुनाव में इस प्रकार के नोटिस जारी करने से आशु को सहानुभूति मिल सकती है क्योंकि आशु ने अपने चुनाव अभियान में विजिलेंस के हाथों प्रताड़ित किए जाने को प्रमुख हथियार बनाया हुआ है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विजिलेंस ने लुधियाना में न्यू हायर सेकेंडरी स्कूल में फर्जी कमेटी गठित करके स्कूल पर कब्जा करने और फिर स्कूल की जमीन बेचने व किराए पर देने के मामले में वीरवार को आशु को नोटिस जारी किया था। विजिलेंस का नोटिस राजनीतिक मुद्दा बन गया। मामला तूल पकड़ते देख गृह विभाग ने विजिलेंस के एसएसपी को निलंबित कर दिया।

    2023 में पंजाब सरकार ने आशु पर फूड एंड सप्लाई मंत्री रहते हुए मंडियों में 2,000 करोड़ रुपये के ठेके में अनियमितताएं करने के आरोप में एफआइआर दर्ज की थी। इस मामले में बाद में ईडी ने भी जांच की थी। विजिलेंस ने एक अगस्त 2024 को आशु को गिरफ्तार किया था।

    20 दिसंबर 2024 को हाई कोर्ट ने आशु के खिलाफ दर्ज एफआइआर न केवल खारिज कर दी थी बल्कि सख्त टिप्पणी भी की थी। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा था कि एफआइआर केवल परेशान करने के लिए दर्ज की गई। हाई कोर्ट द्वारा की टिप्पणी को भी आशु उपचुनाव में भुना रहे हैं। ऐसे में विजिलेंस द्वारा एक अन्य मामले में नोटिस जारी करना राजनीतिक रूप से सरकार के लिए नई परेशानियां खड़ी कर सकता था।

    उल्लेखनीय है कि 42 दिनों के भीतर विजिलेंस के अधिकारियों पर यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। 25 मई को सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस घोटाले में विजिलेंस प्रमुख एसपीएस परमार, एसएसपी विजिलेंस जालंधर हरप्रीत सिंह व एआइजी फ्लाइंग विंग मोहाली स्वर्णदीप सिंह को सस्पेंड कर दिया था। 18 मई को पंजाब सरकार ने हरप्रीत सिंह व स्वर्णदीप सिंह का निलंबन रद कर दिया था।

    'आशु ने सहानभूति के लिए खुद जारी करवाया विजिलेंस नोटिस'

    आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंध का कहा कि भारत भूषण आशु को जारी किया गया विजिलेंस नोटिस आशु द्वारा खुद ही रची गई एक राजनीतिक चाल है। जांच करने पर पता चला कि नोटिस जारी करने वाला विजिलेंस एसएसपी आशु का पूर्व सहपाठी व करीबी दोस्त है।

    मंत्री ने दावा किया कि आशु ने नोटिस बनवाने के लिए अपने संबंधों का दुरुपयोग किया जिसका उद्देश्य खुद को पीड़ित के रूप में पेश करना और अपने पूर्व के भ्रष्टाचार से जनता का ध्यान हटाना था।

    आप पंजाब के कार्यकारी अध्यक्ष अमनशेर सिंह शैरी कलसी के साथ लुधियाना में प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मंत्री सौंध ने कहा कि भारत के राजनीतिक इतिहास में यह संभवत: पहली बार हुआ है कि कोई राजनेता इतना नीचे गिर गया है कि पीड़ित कार्ड खेलने के लिए अपने खिलाफ फर्जी समन जारी करवा रहा है।

    उन्होंने कहा कि आशु की मंशा साफ है-खुद को मौजूदा सरकार का निशाना बताकर सहानुभूति बटोरना। उन्होंने कहा कि फर्जी नोटिस का उद्देश्य करोड़ों रुपये के स्कूल भूमि घोटाले से ध्यान हटाना है जिसमें आशु और उनके साथियों, जिनमें उनका भाई भी शामिल है, पर स्कूल की कीमती जमीन का दुरुपयोग करने का आरोप है।

    इस घोटाले ने अभिभावकों, छात्रों व स्कूल के पूर्व छात्रों को बुरी तरह प्रभावित किया जो अब जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

    आप नेता ने कहा कि लुधियाना पश्चिम में अपने हार के डर से कांग्रेस पार्टी हताशा में अनैतिक हथकंडे अपना रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि लुधियाना पश्चिम से आप उम्मीदवार संजीव अरोड़ा के खिलाफ भाजपा व कांग्रेस के बीच अनैतिक गठबंधन हो गया है।

    भाजपा ने हार मान ली है। वह अपने समर्थकों से आप का समर्थन न करने की अपील कर रही है। संजीव अरोड़ा की साफ छवि से उनका डर स्पष्ट झलक रहा है।

    'एसएसपी मेरे करीबी तो अरोड़ा के साथ क्यों'

    भारत भूषण आशु की लीगल टीम ने इस मामले में आवेदन करके अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जसपिंदर सिंह की अदालत से उनकी अग्रिम जमानत ले ली। अदालत ने आशु को जांच में सहयोग करने और जांच अधिकारी द्वारा बुलाए जाने पर पेश होने के निर्देश दिए।

    साथ ही यह भी आदेश दिया कि यदि आशु की गिरफ्तारी होती है तो उन्हें जांच अधिकारी द्वारा अग्रिम जमानत पर रिहा किया जाए। आशु ने समन का जवाब भी देते हुए कहा कि वह 19 जून के बाद जांच में शामिल होंगे।

    इसके साथ ही, आशु ने विजिलेंस के निलंबित एसएसपी जगप्रीत सिंह की आप उम्मीदवार संजीव अरोड़ा के साथ तस्वीर जारी की जिसमें एसएसपी मीटिंग में उपस्थित है। आशु ने पूछा-यदि एसएसपी मेरे करीबी हैं तो वह अरोड़ा की मीटिंग में क्यों शामिल थे? एसएसपी से उनकी निकटता के कोई सबूत आप के पास हैं तो सार्वजनिक करे।

    हताश होकर भेजा आशु को नेटिस : बाजवा

    भारत भूषण आशु को विजिलेंस की ओर से विजिलेंस का नोटिस जारी किए जाने पर कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने तीखी टिप्पणी की है। बाजवा ने एक्स पर लिखा कि भगवंत मान एक तानाशाह की तरह काम कर रहे हैं। लुधियाना उपचुनाव से पहले एजेंसियों द्वारा आशु को निशाना बनाया जाना दर्शाता है कि आम आदमी पार्टी कितनी डरी हुई है।

    यह प्रतिशोध की राजनीति काम नहीं आएगी। लुधियाना के लोग 19 जून को ऐतिहासिक सबक सिखाएंगे। यह स्पष्ट है कि आप सरकार ने पहले आशु को चुप कराने व डराने के लिए राज्य मशीनरी का इस्तेमाल करने की कोशिश की। सतर्कता ब्यूरो द्वारा उन्हें मतदान से कुछ सप्ताह पहले समन जारी किए।

    किसी वास्तविक जांच के हिस्से के रूप में नहीं, बल्कि राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए एक असभ्य, हताश रणनीति के रूप में।

    'वड़िंग को स्टार प्रचारक नियुक्त करने की भी आजादी नहीं'

    कांग्रेस स्टार प्रचारक की लिस्ट से स्थानीय नेताओं के नाम गायब होने के लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजा वड़िंग का कहना है कि कांग्रेस की स्टार प्रचारक की लिस्ट हाईकमान तय करती है। इस बात पर आप ने कांग्रेस व वड़िंग पर हमला बोल दिया है।

    पार्टी ने पूछा क्या पंजाब कांग्रेस के प्रधान वड़िंग को इतनी भी आजादी नहीं कि वह स्टार प्रचारक नियुक्त कर सकें। पार्टी ने कहा कि पंजाब कांग्रेस हाईकमान कल्चर के आगे बेबस है और इटली व दिल्ली के इंद्रा भवन की कठपुतली है।