दीपावली के दिन भगवान महावीर स्वामी को हुई थी मोक्ष की प्राप्ति
दीपावली पर्व हमारी आस्था का प्रतीक है। जैन मान्यतानुसार इसका संबंध भगवान महावीर के निर्वाण से है। निर्वाण का अर्थ है मुक्ति। अपना अंतिम समय जानकर भगवान महावीर स्वामी ने दो दिनों तक लोगों को धर्म संदेश दिया था और उसी दिन में उन्होंने मोक्ष को प्राप्त किया।

कृष्ण गोपाल, लुधियाना : दीपावली पर्व हमारी आस्था का प्रतीक है। जैन मान्यतानुसार इसका संबंध भगवान महावीर के निर्वाण से है। निर्वाण का अर्थ है मुक्ति। अपना अंतिम समय जानकर भगवान महावीर स्वामी ने दो दिनों तक लोगों को धर्म संदेश दिया था और उसी दिन में उन्होंने मोक्ष को प्राप्त किया। लोगों ने उसी दिन से दीपमाला कर इस त्योहार को मनाया। इसी विषय पर नगर के बुद्धिजीवी अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं।
भगवान ने लगातार दिया था ज्ञान का उपदेश
मानव रत्न रामकुमार जैन, विश्व जैन कंगारु, जवाहर लाल ओसवाल, मोती लाल जैन ने कहा कि जैन मान्यतानुसार दीपावली के दिन ही भगवान महावीर का निर्वाण हुआ था। उसी दिन गौतम प्रसादी को केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इसदिन भगवान महावीर ने लगातार दो दिन तक जनता को अपना उपदेश दिया था।
जीवों पर दया करें व अच्छे नागरिक का दायित्व निभाएं
विनोद जैन गोयम, विनोद जैन सीएचई, संजीव जैन आत्म, अरिदमन जैन ने कहा कि जैन मान्यतानुसार ध्वनि करने वाले पटाखों से जीव भयभीत हो जाते है और बहुत से मर भी जाते है। यह जीव प्रेमियों के लिए दुख और निराशा की बात है। हमें जीवों पर दया करनी चाहिए। हमें अच्छे नागरिक होने का दायित्व निभाना चाहिए।
पावन दिवस पर धार्मिक अनुष्ठान करने चाहिए
कुलदीप जैन सुराणा, संजीव जैन सीए, राजीव जैन ने कहा कि यदि हम सच्चे अर्थों में भगवान राम के पुजारी है तो हमें इस पावन दिवस पर धार्मिक अनुष्ठान करने चाहिए। भगवान राम की सच्ची पूजा, सच्ची श्रद्धा और मानव धर्म का पालन करने में है। ना कि पटाखे जलाकर प्रदूषण फैलाने में। ऐसे पटाखों से प्रदूषण फैलता है, जिससे वृद्ध लोगों और रोगियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
ज्ञान की प्राप्ति का पर्व है दीपावली
अरुण जैन, बोध राज जैन, संजय जैन ने कहा कि प्रत्येक धर्म की दीपावली के प्रति अपनी अपनी आस्थाएं है। आर्य समाज का दीपावली का संबंध स्वामी दयानंद सरस्वती से जोड़ता है। इसी दिन उन्हें वास्तविक ज्ञान की प्राप्ति हुई। सिख धर्म में गुरु हरगोबिद सिंह ने ग्वालियर के किले से 52 पहाड़ी राजाओं को मुक्त करवया था। राम का आयोध्या में प्रवेश यह सब कुछ दीपावली पर्व पर हुआ।
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