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    Ludhiana Plastic industry: कच्चे माल के दामों में जबरदस्त उछाल, महंगे हो सकते है प्लास्टिक के कई उत्पाद

    Ludhiana Plastic industry विदेशी बाजार में भारतीय उत्पादों की मांग में तेजी होने से एक्सपोर्ट में कंपनियों को भारी लाभ हो रहा है वहीं एक्सपोर्ट लगातार बढ़ने से कच्चे माल की शार्टेज होने लगी है जिस कारण इंडस्ट्री को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

    By Rohit KumarEdited By: Updated: Thu, 25 Mar 2021 10:22 AM (IST)
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    विदेशी बाजार में भारतीय उत्पादों की मांग में तेजी होने से एक्सपोर्ट में कंपनियों को भारी लाभ हो रहा है।

    लुधियाना, मुनीश शर्मा। विदेशी बाजार में भारतीय उत्पादों की मांग में लगातार तेजी से जहां एक्सपोर्ट में कंपनियों को भारी लाभ हो रहा है, वहीं कच्चे माल की एक्सपोर्ट लगातार बढ़ने से कच्चे माल की शार्टेज से भारतीय इंडस्ट्री को फिनिशड गुड्स बनाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इन दिनों प्लास्टिक के कच्चे माल की उपलब्धता कम होने से प्लास्टिक इंडस्ट्री के फिनिशड गुड्स के निर्माण में परेशानी हो रही है।

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    बात प्लास्टिक के कच्चे माल की करें, तो यह आल टाइम हाई के दौर से गुजर रहे हैं। इसका मुख्य कारण कच्चे माल की लगातार एक्सपोर्ट का बढ़ जाना है। नामी कंपनियों की ओर से दिसंबर से डीलर्स को कच्चे माल की सप्लाई के लिए असमर्थता जताई जा रही है। इससे पीवीसी, लिफाफा, साइकिल पार्ट्स, प्लास्टिक बर्तन, पंखे सहित प्लास्टिक से बनने वाले कई उत्पादों के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

    फीको प्लास्टिक डिविजन के मनकर गर्ग के मुताबिक इस समय आर्डरों की भरमार है, लेकिन जमाखोरी और एक्सपोर्ट में अधिक तेजी होने से कच्चे माल के लिए दो चार होना पड़ रहा है। हमारे पास मांग के मुताबिक कच्चा माल नहीं है। इसके साथ ही दाम इतने बढ़ गए है कि पुराने दामों पर बिक्री करना मुश्किल हो रहा है। अगर यही हालात रहे, तो हमें दामों में इजाफा करना पड़ेगा। राक्सी पोलीपैक के सुरेश रैना ने कहा कि हमारे लिए आर्डर नहीं इनपुट कास्ट बड़ी समस्या है। जिन दामों पर आर्डर ले चुके हैं, ऐसे में बढ़े हुए कच्चे माल के दाम देकर लाभ से ज्यादा नुकसान हो रहा है। कंपनियों का फोकस एक्सपोर्ट पर है और घरेलू बाजार में शार्टेज क्रिएट हो रही है।

    कच्चे माल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी का इन उत्पादों पर हुआ असर

    बात कच्चे माल की करें, तो प्लास्टिक इंडस्ट्री में लो इनर डेनसिटी पोली एथलेन 60 रुपए किलो से बढ़कर 108 रुपए किलो हो गई है। इससे पैकेजिंग मटीरियल का सामान बनाया जाता है। लाइनर डेनसिटी पोली एथलेन 84 रुपए किलो से 135 रुपए किलो हो गया है। इससे भी खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग का निर्माण किया जाता है। पोली प्रोपलेन 70 रुपए से 160 रुपए किलो हो गया है।

    इससे साइकिल व इसके पार्ट्स खासकर बच्चे के साइकिलों का निर्माण होता है। एबीएस 110 रुपए किलो से 280 रुपए किलो रुपए हो गए है। इससे टैलीफोन, फ्रिज, टीवी, कुलर, पंखो के निर्माण में किया जाता है। पीसी 125 रुपए किलो से 300 रुपए किलो हो गए हैं। इसका इस्तेमाल होम एप्लायंसेस के निर्माण में किया जाता है। पीवीसी 60 रुपए किलो से 150 रुपए प्रति किलो हो गया है। इससे एग्रीकल्चर पाइपस और सबमरसिबल पाइपस का निर्माण किया जाता है।