लुधियाना में साइबर ठगी का शिकार हुई टीचर, NPCI कर्मचारी बनकर ठगों ने 16.42 लाख लूटे
लुधियाना में एक अध्यापिका साइबर ठगी का शिकार हो गईं। उन्होंने 30 हजार की ठगी की शिकायत एनपीसीआई में की जिसके बाद ठगों ने एनपीसीआई कर्मचारी बनकर उनसे 16.42 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने भरोसे में लेकर अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

संवाद सहयोगी, लुधियाना। एक सरकारी अध्यापिका की ओर से 30 हजार ठगी संबंधी नेशनल पेमेंट कारपोरेशन आफ इंडिया (एनपीसीआई) को शिकायत दी गई और ठगों ने उसी का फायदा उठाकर खुद को एनपीसीआई का कर्मचारी बताकर उसके खाते से 16.42 लाख उडा लिए।
जब तक उसे एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है तब तक उसका बैंक खाता खाली हो चुका था। जिसकी शिकायत पर थाना साइबर क्राइम की पुलिस ने अज्ञात ठग पर केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। पुलिस उन खातों की डिटेल निकलवा रही है जिन खातों में यह पेमेंट ट्रांसफर हुई है। जिसके बाद पुलिस उन खातों को फ्रीज करने की कार्रवाई करेगी।
शिकायतकर्ता गुरप्रीत कौर ने बताया कि वह सरकारी स्कूल में अध्यापिका तैनात है। उसके किसी रिश्तेदार का ठगों ने मोबाइल हैक करके 29 जुलाई को उसे मैसेज भेजा कि उसे 30 हजार रूपए की जरुरत है। उसने रिश्तेदार का नाम देखकर उक्त पेमेंट ट्रांसफर कर दी।
कुछ दिनों बाद जब उसकी रिश्तेदार से बात हुई तो उसने बताया कि उसने किसी तरह की पेमेंट नहीं मंगवाई थी उसका तो मोबाइल हैक किया गया था। अध्यापिका गुरप्रीत कौर की ओर से इसकी शिकायत पुलिस और नेशनल पेमेंट कारपोरेशन आफ इंडिया (एनपीसीआई) को दर्ज करवाई गई। जिसके बाद उसे एक व्हाट्सएप काल आई और फोन करने वाले ने कहा कि वह एनपीसीआई का कर्मचारी बोल रहा है।
उसने अध्यापिका को कहा कि वह उसके खाते से निकले 30 हजार रूपए रिफंड करवा देगा। जानकारी के अनुसार उसने झांसे में लेकर अध्यापिका से पहले एक खाते में पेमेंट ट्रांसफर करवाई। जब उससे पेमेंट ट्रांसफर करवाने का कारण पूछा गया तो ठग ने कहा कि यह एनपीसीआई की गाइडलाइन हैं।
उसका पैसा बाद में वापस खाते में आ जाएगा। उसने भरोसे में लेकर अपने अलग-अलग खातों में करीब चार बार में 16,42,949 रूपए ट्रांसफर करवा लिए। जब अध्यापिका ने दोबारा उस नंबर पर फोन करना चाहा तो ठग ने फोन उठाना ही बंद कर दिया।
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