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    Ludhiana Municipal Corporation के एक हजार कर्मचारियों की उम्र 42 पार, स्थाई होने पर लग सकता है ग्रहण

    By Pankaj DwivediEdited By:
    Updated: Tue, 20 Sep 2022 05:56 PM (IST)

    नगर निगम लुधियाना के 35 सौ कच्चे मुलाजिमों की लिस्ट में लगभग एक हजार मुलाजिम यह सीमा को पार कर चुके है। ऐसे में उनकी पक्के होने की उम्मीदों पर पानी फ ...और पढ़ें

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    लुधियाना से पंजाब सरकार को भेजी लगभग 3500 कच्चे मुलाजिमों की सूचि में अड़ंगा पड़ गया है।

    जागरण संवाददाता. लुधियाना। पंजाब सरकार की तरफ से कच्चे कर्मचारियों को स्थायी करने के मामले में उम्र की सीमा को एक पेंच फंस गया है। सरकार के नियमों के अनुसार 42 साल के बाद किसी व्यक्ति को सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती है। उसे ओवरएज माना जाता है। नगर निगम लुधियाना के 35 सौ कच्चे कर्मचारियों की लिस्ट में लगभग एक हजार कर्मचारी यह सीमा को पार कर चुके है। ऐसे में उनकी स्थायी होने की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है। इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। अब देखना होगा कि इस मामले का हल किसी तरह से सरकार निकालती है।

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    गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार के समय निकाय विभाग में कच्चे कर्मचारियों को स्थायी करने का काम शुरू हुआ था। नगर निगम लुधियाना में इस योजना में एक अड़ंगा फंस गया था क्योंकि निगम की तरफ से डीसी रेट पर कर्मचारियों को रखा जा रहा था। आखिरकार इस मुद्दे को लेकर कर्मचारी यूनियन ने संघर्ष छेड़ दिया था, जिसके बाद निगम हाउस की तरफ से डीसी रेट पर काम कर रहे कर्मचारियों के अस्थायी कर्मचारी होने के प्रस्ताव पारित किया।

    सरकार ने भी इस प्रस्ताव को सहमति दे दी थी। इसके बाद सरकार को भेजी गई लगभग 3500 अस्थायी कर्मचारियों की सूची में अड़ंगा पड़ गया। इस सूची में कुछ ऐसे नाम चले गए, जिनकी मौत हो चुकी है। इस मामले में घपला होने की आशंका को देखते निगम की तरफ से एक कमेटी का गठन कर दिया गया था।

    इस कमेटी को एक एक कर्मचारी की पूरी स्क्रूटनिंग करने का जिम्मा दिया गया। अभी तक यह काम पूरा नहीं हो पाया है। हालांकि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान कुछ कर्मचारियों को स्थायी होने का नियुक्ति पत्र सौंप दिया था। बाकी कर्मचारियों की नियुक्ति अभी लटकी है।

    निगम कमिश्नर को भाजपा ने दिया ज्ञापन

    भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवीण बंसल ने मंगलवार को निगम कमिश्नर शेना अग्रवाल को इस मुद्दे पर ज्ञापन दिया है। इसमें कहा गया है कि कच्चे कर्मचारियों को स्थायी करते समय उम्र की कोई सीमा नहीं होनी चाहिए क्योंकि जिन कर्मचारियों को स्थायी किया जा रहा है, वे 15 से 20 साल से इस शहर की सेवा कर रहे है। जब उन्होंने निगम में सेवा करनी शुरू की उनकी उम्र 20 से 25 साल होगी। उनकी उम्र के कारण उन्हें पक्की नौकरी से वंचित करना गलत है। उन्हें भी सरकार की योजना को फायदा मिलना चाहिए। इसलिए, किसी भी कर्मचारी को उम्र सीमा के चलते बाहर न किया जाए।

    सरकार ने कुछ किया तो फिर देखेंगे

    हमारे नोटिस में अभी तक ऐसा कुछ नहीं आया है कि 42 साल उम्र से ज्यादा के कर्मचारियों को स्थायी न किया जाए। अगर सरकार ऐसा कुछ करती है तो हम यह बात रखेंगे कि जिन कर्मचारियों को स्थायी किया जा रहा है, वह बीते 15 से 20 साल से नौकरी कर रहे है। ऐसे में इन भी यह नियम लागू होता है कि दस साल नौकरी करने वाले को स्थायी किया जाए। इस मुद्दे पर हमारी नजर है, अगर ऐसा कुछ हुआ तो यूनियन कुछ न कुछ फैसला लेगी।

    -विजय दानव, सदस्य सीवरमैन सफाई कर्मचारी संघर्ष कमेटी