वर्धमान ग्रुप के मालिक एसपी ओसवाल से 7 करोड़ की ठगी, फर्जी अरेस्ट वारंट दिखाकर डराया
साइबर ठगों ने लुधियाना के प्रसिद्ध उद्योगपति एसपी ओसवाल को 7 करोड़ रुपये का चूना लगाया। गिरोह ने सुप्रीम कोर्ट कस्टम सीबीआई और दिल्ली पुलिस के नकली दस्तावेज दिखाकर धोखाधड़ी की। पुलिस ने असम से गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर 5.25 करोड़ रुपये बरामद किए हैं। इसी गिरोह ने एक हफ्ते पहले लुधियाना के ही कारोबारी रजनीश आहूजा से 1.01 करोड़ रुपये ठगे थे।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। प्रसिद्ध उद्योगपति वर्धमान टेक्सटाइल ग्रुप के चेयरमैन पद्म भूषण एसपी ओसवाल से साइबर ठगों ने डिजीटल अरेस्ट बताकर सात करोड़ रुपये ठग लिये। गिरोह ने ओसवाल पर दबाव बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट, कस्टम, सीबीआई और दिल्ली पुलिस के नकली दस्तावेज तक दिखाए। 22 दिन पहले हुई इस घटना की जांच के बाद पुलिस ने इस गिरोह के दो सदस्यों को असम से गिरफ्तार कर उनसे 5.25 करोड़ रुपये के अलावा छह एटीएम और तीन मोबाइल बरामद किए हैं।
रजनीश आहूजा से भी इसी ग्रुप ने की थी ठगी
आरोपितों की पहचान असम के गुवाहाटी निवासी अतनू चौधरी और आनंद कुमार के रूप में हुई है। पुलिस को असम निवासी निम्मी भट्टाचार्या, संजय सूत्राधार, रूमी और जिकर तथा पश्चिम बंगाल निवासी आलोक रंगी व गुलाम मोतर्बा की तलाश है। पुलिस का दावा है कि एक सप्ताह पहले भी लुधियाना के ही करोबारी रजनीश आहूजा से 1.01 करोड़ की ठगी भी इसी गिरोह ने की थी। इनके निशाने पर दस और कारोबारी थे, जिनकी डिटेल उनसे बरामद मोबाइल फोन से मिली है।
फर्जी अरेस्ट वारंट दिखाकर डराया
पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चाहल ने कहा कि एसपी ओसवाल को करीब 22 दिन पहले एक आदमी ने फोन कर कहा कि एक पार्सल एयरपोर्ट पर पकड़ा गया है। इसमें विदेशी करेंसी, कुछ पासपोर्ट और अन्य प्रतिबंधित सामान है। पार्सल भेजने में उनकी आईडी का इस्तेमाल हुआ है इसलिए उनके खिलाफ दिल्ली में केस दर्ज किया गया है। कुछ ही देर बाद उन्हें एक और फोन आया। इस दौरान फोन करने वाले ने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने अरेस्ट वारंट और उनकी प्रापर्टी सीज करने के आदेश दिए हैं। सीबीआई भी इस मामले की जांच कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट और सीबीआई के फर्जी आर्डर भी भेजे
आरोपितों ने एसपी ओसवाल का विश्वास जीतने के लिए उनको सुप्रीम कोर्ट और सीबीआई के फर्जी आर्डर भेजे। इसके बाद उन्होंने आरोपितों के कहने पर अपने फोन में स्काईप डाउनलोड किया। आरोपितों ने वीडियो कॉल कर कहा कि उन्हें डिडिटल अरेस्ट कर लिया है। अगर उन्होंने किसी को कुछ बताया तो फिजिकली अरेस्ट कर लेंगे। अगर उनकी कोई गलती नहीं है तो वो जांच में सहयोग करें।
उन्हें इसके लिए सात करोड़ की ट्रांजेक्शन करनी होगी जोकि दो घंटे बाद उनके ही खाते में दोबारा आ जाएगी। इस पर उन्होंने एक खाते में चार करोड़ और दूसरे में तीन करोड़ की रकम आरटीजीएस कर दी। दो घंटे बाद जब उनके पैसे वापस नहीं आए तो उन्होंने पुलिस को शिकायत की। सीपी ने कहा कि शिकायत मिलने पर इंडियन साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेंटर के साथ संपर्क कर सारी डिटेल्स उनके साथ शेयर कर टीम ने दो आरोपितों को असम से गिरफ्तार कर लिया।