Ludhiana Gas Tragedy: 11 लोगों की जिंदगी छीनने वाली हाइड्रो सल्फाइड गैस बनी कैसे, 48 घंटे बाद भी रहस्य बरकरार
फिलहाल यही अनुमान लगाया जा रहा है कि यह सीवरेज या फिर किसी औद्योगिक इकाई के कैमिकल से बनी है। वहीं पुलिस कमिश्नर मनदीप सिंह संधू ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए पुलिस ने भी पांच अधिकारियों की एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) बनाई है।
लुधियाना, भूपेंदर सिंह भाटिया। ग्यासपुरा इलाके में रविवार सुबह 11 लोगों की जान लेने वाली हाइड्रो सल्फाइड गैस सीवरेज लाइन में बनी कैसे, इसको लेकर 48 घंटे बाद भी रहस्य बरकरार है। मामले की जांच में जुटे विशेषज्ञों का कहना है कि इस जानलेवा गैस के बनने का स्त्रोत अभी पता नहीं चल पाया है। एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) और पीपीसीबी (पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के अधिकारियों का कहना है कि सैंपल जांच के लिए पटियाला स्थित लैब में भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
डिप्टी कमिश्नर सुरभि मलिक का कहना है कि प्रभावित क्षेत्र पूरी तरह जहरीली गैस हवा से समाप्त हो गई है। पहले 200 मीटर क्षेत्र को सील किया गया था जिसे अब 50 मीटर कर दिया गया है। जांच के दौरान मैनहोल में नगर निगम की ओर से कैमिकल डिकान्टेमिनेशन (रासायनिक कीटाणुशोधन) करवाया था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की दस टीमें इलाके की औद्योगिक इकाइयों की जांच भी कर रही हैं।
टीमों की छानबीन और लैब से आने वाली रिपोर्ट के बाद पता चल पाएगा कि जहरीली गैस बनने का कारण क्या रहा। साथ ही न्यायिक जांच रिपोर्ट से भी दोषियों का पता चल जाएगा। जो भी 11 लोगों की मौत को जिम्मेदार पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, पीपीसीबी के चीफ इंजीनियर संदीप बहल का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यही सामने आया है कि यह हाइड्रोजन सल्फाइड गैस थी।
फिलहाल यही अनुमान लगाया जा रहा है कि यह सीवरेज या फिर किसी औद्योगिक इकाई के कैमिकल से बनी है। वहीं, पुलिस कमिश्नर मनदीप सिंह संधू ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए पुलिस ने भी पांच अधिकारियों की एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) बनाई है।
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