किसान आलू फेंके नहीं, पशु आहार में करें इस्तेमाल
गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने आलू की बर्बादी रोकने के लिए एक नया रास्ता निकाला है। ...और पढ़ें

जासं, लुधियाना: गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने आलू की बर्बादी रोकने के लिए एक नया रास्ता निकाला है। वैज्ञानिकों ने शोध में पाया है कि यदि किसान बेकार पड़े आलू को पशुओं के आहार में शामिल करें, तो इससे पशुओं को फायदा होगा।
पशु आहार विभाग की प्रमुख डॉ मंजू वधवा आलू के अधिक उत्पादन वाले सीजन में आलू संभालना किसानों के लिए मुश्किल हो जाता है। यदि आलू का अधिक मूल्य मिलता है तो किसान कोल्ड स्टोरेज में स्टोर करके रखता है। औसतन छह से दस प्रतिशत कोल्ड स्टोरेज में संभाले गए आलू इंसानों के खाने योग्य नहीं होते। ऐसे में वैज्ञानिकों ने आलू की बर्बादी रोकने के लिए शोध की।
खोज में पाया गया कि आठ किलो ताजे आलू को पशु आहार में डाल सकते हैं। जिसका कोई बुरा प्रभाव नहीं होता। ताजे कुतरे आलू के साथ कंसनट्रेट मिश्रण में जौ के साथ तबदील कर सकते हैं और इसे पराली के साथ मिलाकर पशुओं को खिला सकते हैं। यदि छोटे पशुओं के आहार में छह किलो आलू डाल दी जाए तो उनके बढ़ने की दर तेज हो जाती है। जबकि नई सूयी गायों के चारे में दो किलो कनसनट्रेट मिश्रण को मिला सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान इसकी ट्रेनिंग गडवासू से ले सकते हैं।

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