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    Punjab Flood: तटबंध तोड़ खेतों में सतलुज का पानी आने से अलर्ट पर 12 गांव, घग्गर के उफान से बाढ़ का खतरा

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 10:03 PM (IST)

    भाखड़ा बांध से सतलुज में पानी छोड़ने से लुधियाना के 12 गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। पटियाला में घग्गर का पानी कम हुआ है लेकिन संगरूर और मानसा में खतरा बढ़ गया है। बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोग छतों पर आश्रय ले रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बीमारियों की रोकथाम के लिए हेल्पलाइन 104 शुरू की है।

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    तटबंध तोड़ खेतों में सतलुज का पानी आने से अलर्ट पर 12 गांव। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, लुधियाना। भाखड़ा बांध में पानी की आवक कम होने पर भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) के प्रबंधन ने इसके दस फीट तक खोले फ्लड गेट अब सात फीट कर दिए हैं लेकिन यहां से सतलुज दरिया में छोड़े जा रहे पानी से अब लुधियाना में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।

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    जिले के गांव ससराली में सतलुज का पानी करीब एक किलोमीटर तटबंध तोड़ने के बाद प्रशासन की ओर से 200 फीट की दूरी पर बनाए गए अस्थायी तटबंध से भी आगे निकल गया है। इससे जिले के करीब 12 गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।

    जिला प्रशासन ने लोगों को अलर्ट करते हुए सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। उधर, वीरवार को पटियाला के गांवों में आया घग्गर दरिया का पानी अब कम होने लगा है लेकिन संगरूर और मानसा जिले में घग्गर का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंचने से वहां बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

    राज्य के अन्य बाढ़ग्रस्त जिलों में जलस्तर तेजी से कम हो रहा है लेकिन लोगों की परेशानियां कम नहीं हुई हैं। लोग अब भी घरों की छतों और ऊंचे स्थानों पर आश्रय लिए हुए हैं। हालात ऐसे हैं कि जिन घरों में पानी कम हुआ है वहां पर रहना अब लोगों के लिए आसान नहीं है।

    कहीं घरों में सिल्ट भरी हुई है तो कहीं घरों की दीवारें गिरने का खतरा है। फिरोजपुर और फाजिल्का जिले के बाढ प्रभावित इलाकों में चार से पांच फीट पानी होने से वहां पर राहत व बचाव कार्य जारी हैं।

    इसके लिए स्थानीय प्रशासन के अलावा सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की भी मदद ली जा रही है। स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति पर 104 नंबर करें डायलस्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह ने बाढ़ के बाद पनपने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए राज्यव्यापी अभियान की शुरुआत की।

    स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से अपील की कि तेज़ बुखार, दिल का दौरा, गंभीर दस्त लगना या सांप या कुत्ते के काटने जैसी किसी भी स्वास्थ्य आपात स्थिति में तुरंत 104 डायल करें ताकि समय पर सहायता मिल सके और मरीज़ों की जान बचाई जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ के बाढ़ हमारा मुख्य ध्यान अब बचाव, राहत, चिकित्सा सहायता, राशन और प्रभावित लोगों के पुनर्वास पर है।

    बांधों की स्थिति

    भाखड़ा बांध : भाखड़ा बांध में पिछले 24 घंटे के दौरान जलस्तर 0.60 फीट घटकर 1678.14 फीट पर दर्ज किया गया है। इस समय बांध कुल समर्था से 98 प्रतिशत भर चुका है। बांध में पानी की आवक 6,2481 क्यूसेक रही जबकि 7,4151 क्यूसेक पानी डाउनस्ट्रीम पर छोड़ा गया।

    21 मई से अब तक कुल 12.42 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी की आवक हो चुकी है जबकि 8.19 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी छोड़ा जा चुका है। बता दें कि पिछले वर्ष इसी दिन जलस्तर 1,642.47 फीट व आवक 34,088 क्यूसेक दर्ज की गई थी।

    पोंग बांध : यहां का जलस्तर 0.04 फीट घटकर 1394.67 फीट पर पहुंच गया है। बांध 106 प्रतिशत भरा हुई है। बीते 24 घंटे में 98,418 क्यूसेक पानी की आवक रही जबकि 99,673 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

    21 मई से अब तक कुल 12.92 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी की आवक दर्ज की गई जबकि 7.51 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी छोड़ा गया। पिछले साल इसी दिन जलस्तर 1363.23 फीट व आवक 26975 क्यूसेक रही थी।

    रणजीत सागर बांध : शनिवार सुबह छह बजे दर्ज आंकड़ों के अनुसार इसका जलस्तर 1.02 मीटर घटकर 525.37 मीटर पर पहुंच गया है। बांध में पानी की आवक 36,923 क्यूसेक रही जबकि 70,534 क्यूसेक पानी डाउनस्ट्रीम पर छोड़ा गया।

    इसके अतिरिक्त 4,417 क्यूसेक पानी डाइवर्जन में गया। पिछले वर्ष इसी दिन जलस्तर 501.65 मीटर व आवक 10140 क्यूसेक दर्ज की गई थी।

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