Punjab News: लुधियाना में भिक्षावृत्ति से मुक्त करवाए छह बच्चों के लिए गए DNA सैंपल
लुधियाना में भिखारी मुक्त अभियान के तहत पकड़े गए 18 बच्चों में से छह और उनके अभिभावकों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं। जांच के लिए सैंपल खरड़ स्थित एफएसएल लैब भेजे गए हैं जिनकी रिपोर्ट 10-15 दिन में आएगी। 12 बच्चों को उनके परिजनों को चेतावनी देकर सौंप दिया गया। 15 जिलों में छापेमारी कर 20 बच्चों को भिक्षावृत्ति से बचाया गया है।

जागरण, संवाददाता, लुधियाना। आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर से राज्य को भिखारी मुक्त बनाने के लिए शुरू किया गया अभियान जीवनजोत-2 बुधवार को भी जारी रहा। इसी के तहत बुधवार को लुधियाना में पिछले दिनों पकड़े गए 18 बच्चों में से छह बच्चों और उन्हें अपना बताने वाले चार लोगों के डीएनए सैंपल लिए गए।
इन सैंपल को जांच के लिए खरड़ स्थित एफएसएल लैब भेजा गया है। 10 से 15 दिन में इनकी रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि यह बच्चे आखिर किसके हैं। इसी तरह 12 बच्चों को उनके सुबूत दिखाने पर स्वजन को चेतावनी देते हुए सौंप दिया गया।
इससे पहले मंगलवार को बठिंडा में सात बच्चों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं। सरकार ने फैसला लिया है कि राज्य को भिखारी मुक्त बनाने के लिए हर जिले में बच्चों को छुड़वाया जाएगा।
ऐसे बच्चों को छुड़वाने के बाद यह पता लगाया जाएगा कि आखिर यह बच्चे किसके हैं, जो लोग बच्चों को अपना होने के सुबूत देंगे उन्हें चेतावनी देकर छोड़ा जाएगा शेष के डीएनए टेस्ट करवाए जाएंगे।
इस दौरान जिनका डीएनए मिलान नहीं होगा उन बच्चों को सरकार अपने संरक्षण में लेकर उनके माता-पिता की पहचान करने का प्रयास करेगी और इन बच्चों को अपना बताने वालों के खिलाफ मानव तस्करी, बच्चों से जबरन भीख मंगवाने की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
15 जिलों में छापेमारी के दौरान 20 बच्चों को भिक्षावृत्ति से बचाया
उधर, बुधवार को 15 जिलों में अभियान चलाकर 20 भीख मांगते बच्चों को बचाया गया। साथ ही सात दिन में कुल 169 बच्चों को बचाया जा चुका है। इसकी जानकारी सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डा.बलजीत कौर ने दी।
उन्होंने बताया कि बचाए गए 20 बच्चों में से दस्तावेजी जांच के बाद नौ बच्चों को उनके स्वजन को सौंपा गया, छह बच्चों को बाल गृहों में भेजा गया और पांच बच्चों की जांच अभी जारी है।
बुधवार को टीमों ने बरनाला, बठिंडा, फतेहगढ़ साहिब, फाजिल्का, होशियारपुर, जालंधर, मानसा, मलेरकोटला, मोगा, पटियाला, रूपनगर, संगरूर, मोहाली, मुक्तसर व तरनतारन में कुल 29 स्थानों पर छापेमारी कर यह कार्रवाई की।
मुहिम का जमीनी स्तर पर असर भी दिखने लगा है। कई स्थानों पर कोई भी बच्चा भीख मांगते नहीं मिला, जो सरकार की कोशिशों की सफलता को दर्शाता है।
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