Ludhiana: बच्ची से दुष्कर्म व हत्या के दो दोषियों को फांसी की सजा, कोर्ट ने कहा-ऐसे अपराधी समाज के लिए खतरा
Ludhiana Crime आरोपित विनोद पीड़िता को उसके लिए टाफियां खरीदने के बहाने साथ ले गया फिर दोनों दोषियों ने उसके साथ क्रूरता से दुष्कर्म किया और पकड़े जान ...और पढ़ें

लुधियाना, जागरण संवाददाता। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमरजीत सिंह की अदालत ने दोराहा निवासी विनोद शाह (25 वर्ष) व रोहित कुमार शर्मा (23 वर्ष) को साढ़े सात वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। दोषियों पर दो-दो लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।
दोषी विनोद शाह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गांव बलुआ और रोहित कुमार उत्तर प्रदेश के गांव जगदीशपुरा थाना बेला गोकल जिला हरदोई का रहने वाला है। विनोद शाह पीड़िता का रिश्ते में भाई भी है। सरकारी वकील बीडी गुप्ता ने बताया कि पीड़ित लड़की की मां के बयान के बाद 10 मार्च, 2019 को दोराहा पुलिस थाने में आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।
14 गवाह पेश किए
अभियोजन पक्ष ने आरोपितों के अपराध को साबित करने के लिए 14 गवाह पेश किए। इसके अलावा आरोपितों का डीएनए टेस्ट भी कराया था, जोकि पीड़िता के शव से मिले निशानों से मेल खाते थे। शिकायतकर्ता ने कहा था कि उसके सात बच्चे हैं, जिनमें से चार बेटे, तीन बेटियां हैं। नाबालिग बेटी आरोपितों की हवस का शिकार बनी। एक दिन पहले उसका पति घर पर था। दोपहर करीब 3-4 बजे पति का भांजा विनोद घर आया था। दोनों ने साथ बैठ शराब पी। फिर पति काम से बाहर चला गया।
बहला फुसला के बच्ची को साथ ले गया
फिर आरोपित विनोद पीड़िता को उसके लिए टाफियां खरीदने के बहाने साथ ले गया, लेकिन बेटी घर नहीं लौटी। शिकायतकर्ता को शक था कि आरोपित विनोद शाह ने बेटी के साथ गलत हरकत करने के बाद हत्या कर दी। बाद में शिकायतकर्ता को पता चला कि विनोद शाह के साथ उसके साथ रोहित कुमार ने भी इस घटना को अंजाम दिया है।
कोर्ट ने कहा-ऐसे अपराधी समाज के लिए खतरा
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि वास्तव में ऐसे अपराधी समाज के लिए खतरा हैं। वो सुधार व पुनर्वास से परे हैं। अदालत का दृढ़ मत है कि वर्तमान मामला दुर्लभतम मामलों के दायरे में आता है। दोषियों ने एक छोटी उम्र की बच्ची के साथ ऐसा घिनौना अपराध किया है। पीड़ित बच्ची दोषी विनोद शाह पर विश्वास कर उसके साथ गई थी।
बच्ची यह सोच भी नहीं सकती थी कि यह उसकी जिंदगी का आखिरी पड़ाव होगा। दोनों दोषियों ने उसके साथ क्रूरता से दुष्कर्म किया और पकड़े जाने की आशंका से सोच-समझकर बच्ची के सिर को ईंट से फोड़ डाला, जिसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। अन्यथा इससे समाज में गलत संदेश जाएगा।

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