Ludhiana: पंजाब की लुटेरी हसीना की साजिश भरी कहानी, सिर्फ एक गलती ने पहुंचा दिया जेल
रातों-रात अमीर बनने और विदेश जाने के चक्कर में मनदीप और मनजिंदर ने लुधियाना की सबसे बड़ी लूट को अंजाम दे डाला था। यह कहानी करीब पांच माह पहले मनदीप कौर (मोना) और मनजिंदर सिंह (मनी) की पहली मुलाकात के साथ शुरू हुई थी।

लुधियाना, दिलबाग दानिश। बैंकों के एटीएम में नकदी का प्रबंधन करने वाली कंपनी सीएमएस के राजगुरु नगर स्थित कार्यालय से बीती नौ जून की रात को करोड़ों रुपये की लूट की मास्टरमाइंड महिला मनदीप कौर उर्फ मोना और कंपनी का अपना ड्राइवर मनजिंदर सिंह उर्फ मनी निकला है।
लूट के 96 घंटे के अंदर पुलिस ने दस में से पांच लुटेरों को गिरफ्तार कर लिया है। कंपनी का ड्राइवर मनजिंदर सिंह भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। आरोपितों के पास से पांच करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं। हालांकि लूट की दूसरी मास्टरमाइंड मनदीप कौर, उसका पति और चार अन्य आरोपित अभी फरार हैं। पुलिस ने उनका लुक आउट सर्कुलर भी जारी करवा दिया है।
रातों-रात अमीर बनने और विदेश जाने के चक्कर में मनदीप और मनजिंदर ने लुधियाना की सबसे बड़ी लूट को अंजाम दे डाला था। कुल कितनी रकम लूटी गई थी अभी इस पर असमंजस है। यह कहानी करीब पांच माह पहले मनदीप कौर (मोना) और मनजिंदर सिंह (मनी) की पहली मुलाकात के साथ शुरू हुई थी। गांव अब्बूवाला का रहने वाला मनजिंदर सीएमएस कंपनी में ड्राइवर था और एटीएम में नकदी डालने जाता था। मनदीप कौर पहले फिरोज गांधी मार्केट में एक बीमा कंपनी में काम करती थी। उसने एक व्यक्ति पर दुष्कर्म का केस दर्ज करवा रखा था। उसकी सुनवाई के लिए वह अदालत जाती थी। अदातल में वह किसी मुंशी के संपर्क में आई और फिर वहीं मुंशी का काम करने लगी।
एक दिन मनजिंदर अदालत परिसर में लगे एटीएम में नकदी डालने गया था। वहां उसकी मुलाकात मनदीप कौर से हुई। दोनों के बीच काफी देर बातचीत हुई और दोस्ती हो गई। मनदीप कौर मूल रूप से डेहलों की रहने वाली है। उसकी शादी बरनाला में जसविंदर सिंह के साथ हुई है। दोनों के बीच मोबाइल पर बातचीत होने लगी और मुलाकातों को दौर शुरू हो गया। मनजिंदर विदेश जाना चाहता था लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे। यह बात वह अक्सर मनदीप कौर से करता था। मनदीप भी उसे बताती थी कि घर की हालात ठीक नहीं है। उसे अमीर बनना है। करीबियां बढ़ने पर मनजिंदर ने उसे एक दिन कंपनी के कार्यालय को लूटने का आइडिया बताया।
इस बारे में मनदीप ने अपने पति जसविंदर सिंह से बात की। करीब दो माह पहले तीनों एक जगह मिले और लूट की तैयारी शुरू कर दी। मनदीप कौर अदालत में मुंशी का काम करती थी इसलिए वह जानती थी कि अगर उन्होंने मोबाइल का प्रयोग किया तो पकड़े जाएंगे। उसने सभी को निर्देश दिए थे कि कोई भी मोबाइल का प्रयोग नहीं करेगा। इसलिए वारदात के बाद जब सभी अलग-अलग हो गए तो उसके बाद भी वे एक-दूसरे के संपर्क में नहीं थे। पुलिस ने लूट के पांच करोड़ रुपये तो बरामद कर लिए हैं लेकिन यह अब भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कुल कितनी राशि लूटी गई है। पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ में मिली जानकारी और कंपनी की ओर से पुलिस बताई रकम में अंतर है।
मोना और मनी की लूट
अमीर बनने और विदेश जाने के चक्कर में की सबसे बड़ी लूट, दस लोगों की टीम बनाई; पांच गिरफ्तार, पांच करोड़ बरामद किए गए। मनजिंदर सिंह की टीम मनजिंदर ने अपनी टीम में मनदीप, हरविंदर, पल्लेदार परमजीत और नरिंदर सिंह हैपी को लिया था। यह सभी दो मोटरसाइकिलों पर आए थे। मनजिंदर का काम कैश वैन को चलाना था जबकि बाकि चार को उसकी गाड़ी को एस्कार्ट करना था। टीम-2 मनदीप कौर की टीम मनदीप ने अपनी टीम में पति जसविंदर सिंह, भाई हरप्रीत सिंह को चुना था। जसविंदर का काम लूट के बाद गाड़ी को ठिकाने लगाना और अरुण व नन्नी को लूटी गई रकम को संभालने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
जीपीएस बंद नहीं किया, कैश वैन तक पहले पहुंची पुलिस
कंपनी की कैश वैन में सीसीटीवी कैमरों के अलावा जीपीएस भी लगा हुआ था। जसविंदर सिंह ने सीसीटीवी कैमरे और हूटर की तारें तो काट दी थी लेकिन जीपीएस का उसे पता नहीं था। उसने कैश वैन को गांव मंडियानी के पास हाईवे से नीचे खेतों में उतार दिया था। कैश वैन के मिलने के बाद पुलिस ने उस इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। इसमें दो मोटरसाइकिल और एक काले रंग की क्रूज कार का पता चला। पल्लेदार शराब पी कर रहा था नोटों का दिखावा, मिला सुराग फुटेज को खंगालते काउंटर इंटेलीजेंस की टीम जगराओं के आसपास के गांवों तक पहुंच गई। वहां से पुलिस को पता चला कि दो दिन से पल्लेदार परमजीत रुपयों का दिखावा कर रहा है और लगातार शराब पी रहा है। पुलिस ने उसे हिरासत में ले पूछताछ की तो उसने मनदीप और हरविंदर सिंह के बारे में जानकारी दी। उसने ही पुलिस को बताया था कि रुपये फिरोजपुर रोड पर गांव ढट्टां के पास एक पुल के नीचे छिपाए हैं। पुलिस ने वहां ट्रैप लगाया। छिपाए रुपये लेने जब मनजिंदर सिंह और हरप्रीत सिंह (मनदीप कौर का भाई) आए तो पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। हरप्रीत सिंह की निशानदेही पर पुलिस ने अरुण कुमार के घर के पास तिरपाल के नीचे छिपाई नकदी बरामद कर ली।
भाई हरप्रीत सिंह की गिरफ्तारी के बाद उसकी ओर से इंस्टाग्राम पर शेयर की गई रील चर्चा में आ गई। जब पुलिस कमिश्नर ने उसकी रील का वीडियो दिखाया उसके बाद से वह इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने लगी। इसमें वह एक कार में जा रहा है। 500-500 रुपये के नोट पकड़े हैं और डैशबोर्ड पर भी नोटों बंडल रखे हैं।
पकड़े गए लूट के पांच आरोपित
सीएमएस कंपनी का ड्राइवर मनजिंदर सिंह उर्फ मनी
गांव कोठे हरी सिंह का मनदीप सिंह उर्फ विक्की
जगराओं का रहने वाला हरविंदर सिंह
जगराओं के गांव काउके का परमजीत सिंह उर्फ पम्मा
बरनाला के भाई साहिब सिंह नगर का हरप्रीत सिंह
मास्टरमाइंड हसीना सहित इनकी अब भी तलाश
बरनाला के रामगढ़िया रोड की मास्टरमाइंड मनदीप कौर
मनदीप कौर का पति जसविंदर सिंह
बरनाला का ही रहने वाला अरुण कुमार
नरिंदर सिंह उर्फ हैप्पी
गुलशन व नन्नी (गुलशन लूट के बाद इनके साथ मिला था)
कब, क्या हुआ
रात दो बजे दस लुटेरे राजगुरु नगर स्थित कंपनी के कार्यालय में घुसे दोपहर के समय कंपनी की लूटी गई कैश वैन गांव पंडोरी के पास मिली सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की मदद से पुलिस जगराओं इलाके तक पहुंची पल्लेदार पुलिस के हाथ आया, लूट की कड़ियां आपस में जुड़ने लगी पुलिस ने गांव ढट्टां से मनजिंदर व हरप्रीत को काबू कर लिया
गाड़ी में छिपाकर रखे थे 2.25 करोड़ रुपये
पुलिस ने मनजिंदर सिंह से एक करोड़ रुपये, हथौड़ा, छैनी, पलास, पेचकस और करंडी बरामद की है। मनदीप सिंह उर्फ विक्की से 50 लाख रुपये मिले हैं। हरविंदर सिंह उर्फ लंबू से 75 लाख रुपये, गंडासा और एल्यूमीनियम की एक सीढ़ी मिली है। परमजीत सिंह उर्फ पम्मा के पास 25 लाख रुपये थे। वहीं, हरप्रीत सिंह के पास से 25 लाख रुपये, एक क्रूज गाड़ी, जिसमें से 2 करोड 25 लाख रुपये थे।
एल्यूमीनियम की सीढ़ी, हथोड़ा और पलास लेकर आए थे मनजिंदर सिंह और उसके साथी
वारदात को अंजाम देने के लिए फोल्ड होने वाली एल्यूमीनियम की सीढी, छैनी, हथोड़ा और पलास लेकर आए थे। वारदात को अंजाम देने के दौरान वह सीढी लगाकर कार्यालय में घुसे थे। पलास से सायरन की तारें काटी थी। बाद में डीवीआर और अन्य सामान के साथ ही नोटों के बंडल बैग में डालकर ले गए थे।
मनजिंदर का ड्यूटी पर आने का हथकंडा नहीं आया काम
किसी को शक न हो इसलिए वारदात के बाद भी मनजिंदर सिंह लगातार ड्यूटी पर आ रहा था। वारदात के अगले ही दिन वह ड्यूटी पर पहुंच गया था। हालांकि थोड़ा देरी से आया था। कार्यालय में काम नहीं हो रहा था इसलिए उसके बाद कभी आता और कभी नहीं आता। वह पुलिस की जांच पर भी नजर रखे हुए था।
गलत जानकारी देने का भी शक
कमिश्नर मनदीप सिंह सिद्धू का कहना है कि पुलिस को शक है कि कंपनी ने लूटी गई रकम में बारे में गलत जानकारी दी है। पहले 6.31 करोड़ की लूट होने फिर 8.49 करोड की लूट होने की बात बताई गई। गिरफ्तार किए गए आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि वह तीन बैग में कैश लेकर गए थे। दो बैगों में तीन-तीन लाख रुपये थे और एक बैग में 50 लाख रुपये के साथ पांच डीवीआर डाली गई थीं। इसके अलावा कंपनी ने किसी बैंक को 51 लाख रुपये अधिक दे दिए थे। उसका बैंक के साथ विवाद चल रहा था। वहीं, 50 लाख रुपये के फटे नोट भी कंपनी के पास पड़े थे। पुलिस को शक है कि इस रकम को भी सही करने के लिए लूट की रकम गलत बताई गई हो सकती है।
काउंटर इंटेलीजेंस की बड़ी भूमिका
लुधियाना की सबसे बड़ी लूट की वरदात को सुलझाने में पुलिस के काउंटर इंटेलीजेंस विंग की भी बड़ी भूमिका रही है। काउंटर इंटेलीजेंस की टीमों ने ही पहली तीन गिरफ्तारियां की थीं। उसके बाद अन्य दो आरोपित पकड़े गए। पुलिस कमिश्नर ने खुद इस टीम की प्रशंसा की है।
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