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    पूर्व CM बेअंत सिंह जहां बैठकर बनाते थे पंजाब की रणनीति, उस इमारत का 25 साल से किराया नहीं दे पाई कांग्रेस

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 11:23 AM (IST)

    लुधियाना में कांग्रेस का जिला कार्यालय जहां कभी मुख्यमंत्री बेअंत सिंह रणनीति बनाते थे अब हाथ से निकल गया है। 25 साल से किराया न देने के कारण मालिक ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत के आदेश पर कब्जा मिलने के बाद भी कांग्रेस ने दोबारा ताला तोड़ दिया। जिला प्रधान संजय तलवाड़ का कहना है कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला।

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    लुधियाना के घंटा घर चौक पर स्थित जिला कांग्रेस का कार्यालय। (दाएं)

    भूपेंदर सिंह भाटिया, लुधियाना। घंटाघर के पास स्थित कांग्रेस का जिला कार्यालय जहां कभी प्रदेश के मुख्यमंत्री स्व. बेअंत सिंह जैसे नेता कांग्रेस की रणनीति तैयार करते थे, अब वह कांग्रेस के हाथ से निकल गया है। इसका एक कारण जिला कांग्रेस की ओर से करीब 25 वर्ष से इसका किराया तक नहीं देना है।

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    खास बात यह है कि लुधियाना से ही कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग सांसद हैं लेकिन कभी किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। यही नहीं, इमारत के मालिक ने कार्यालय पर कब्जे के लिए अदालत में जब केस किया तो भी अदालत की ओर से भेजे गए नोटिस को किसी नेता ने गंभीरता से नहीं लिया।

    अदालत ने थर्ड पार्टी केस के तहत इमारत पर मालिक के कब्जे का आदेश दिया और मालिक ने कार्यालय में पड़ा कांग्रेस का सामान कोर्ट के कर्मचारियों की मौजूदगी में बाहर निकाल वहां ताला लगा दिया तो कांग्रेस के नेता हरकत में आए।

    '25 साल से कांग्रेस का कब्जा'

    कांग्रेस के जिला प्रधान संजय तलवाड़ का कहना है कि उन्हें कभी अदालत की ओर से भेजा गया कोई भी नोटिस नहीं मिला। इमारत के मालिक सुरिंदर सिंह गिल का कहना है कि 25 वर्षों से कांग्रेस ने इस पर जबरन कब्जा किया हुआ था। इस पर उन्होंने इमारत का मालिकाना हक के लिए अदालत का सहारा लिया।

    अदालत की ओर से लगातार नोटिस जारी हुए, लेकिन कांग्रेस की ओर से कोई उपस्थिति नहीं हुई और उसके बाद अदालत ने उनके पक्ष में आदेश दिया। कोर्ट स्टाफ ने उन्हें कब्जा दिलाया, लेकिन कांग्रेस के जिला प्रधान और उनके लोगों ने आकर ताला तोड़ दोबारा कब्जा किया है। उन्होंने अदालत में आवेदन किया है कि उन्हें इमारत पर फिर से कब्जा दिलवाया जाए।

    'हमें अदालत ने नहीं भेजा नोटिस'

    लुधियाना कांग्रेस के कार्यालय पर मालिक ने कोर्ट के आदेश पर लगाया ताला, कांग्रेस ने फिर लिया कब्जे में l कांग्रेस के जिला प्रधान बोले, हमें कभी अदालत की ओर से भेजा गया नोटिस ही नहीं मिला l

    प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष वड़िंग भी यहीं से हैं सांसद, पर किसी ने नहीं दिया इस पर ध्यान

    कुछ वर्ष से कार्यालय पर लगा हुआ था ताला खास बात यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बेअंत सिंह भी जिला प्रधान से लेकर मुख्यमंत्री बनने तक इसी कार्यालय में आते रहे।

    उनके बाद भी कांग्रेस के जिला प्रधान यहीं से कामकाज देखते रहे हैं। पूर्व जिला प्रधान अश्वनी शर्मा तक सभी प्रधान बैठते रहे और कार्यालय खुलता रहा। इमारत पुरानी होने के कारण वर्तमान जिला प्रधान संजय तलवाड़ अपने निजी कार्यालय से ही कांग्रेस का दफ्तर चलाते रहे।

    ठंडे बस्ते में पहुंचा मामला

    इस दौरान कार्यालय में ताला ही लटका रहा। बताते हैं कि वर्षों पहले नया कांग्रेस कार्यालय बनाने पर विचार हुआ था। इसके लिए मॉडल टाउन एक्सटेंशन में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की 2,000 गज जमीन भी चिन्हित की गई थी, लेकिन उसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

    बता दें कि इसी कार्यालय में बैठकर डॉ. बीआर आंबेडकर ने तीन सदस्यीय कमेटी के साथ संविधान निर्माण से पहले लोगों सुझाव लिए थे।

    यहीं पर प्रिंसिपल महिंदर सिंह (विश्वकर्मा स्कूल के फाउंडर) ने एक बुकलेट ‘हमारी भी सुनिए’ उर्दू में उन्हें भेंट की थी। डॉ.आंबेडकर ने वह बुकलेट जवाहर लाल नेहरू को दी थी, जिन्होंने उसे पूर्व मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों को भेज उसका अंग्रेजी वर्जन मंगवाया था।

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