वित्त मंत्री के घोषणा से बंधी उम्मीद... लुधियाना शहर को नहर से सप्लाई होगा पीने का पानी, खर्चे जाएंगे 1242 करोड़
पंजाब सरकार सिधवां नहर के किनारे वाटर सप्लाई व वाटर फिल्टर प्लांट बनाने के लिए 50 एकड़ जमीन के अधिग्रहण को मंजूरी दे चुकी है। निगम ने कुछ गांवों की जमीन चिन्हित कर रिपोर्ट डीसी को भेज दी है ताकि अधिग्रहण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।
लुधियाना [राजेश भट्ट]। शहरवासियों को 24 घंटे पीने के पानी की सप्लाई के प्रोजेक्ट का रास्ता लगभग साफ हो गया है। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने बजट भाषण में नहर से पीने के पानी की सप्लाई के प्रोजेक्ट पर अगले वित्तीय वर्ष से काम शुरू होने की घोषणा की है। 31 मार्च को विश्व बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक होगी जिसमें प्रोजेक्ट को फाइनल मंजूरी मिल जाएगी। वित्त मंत्री के इस एलान से उम्मीद बंधी है कि 1242 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट पर काम इसी साल शुरू हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से भू जलस्तर भी बचेगा।
गौरतलब है कि पंजाब सरकार सिधवां नहर के किनारे वाटर सप्लाई व वाटर फिल्टर प्लांट बनाने के लिए 50 एकड़ जमीन के अधिग्रहण को मंजूरी दे चुकी है। निगम ने कुछ गांवों की जमीन चिन्हित कर रिपोर्ट डीसी को भेज दी है ताकि अधिग्रहण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके। प्रोजेक्ट का काम दो चरणों में होगा। पहले चरण में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और वाटर स्टोरेज टैंक बनेंगे। प्लांट से शहर तक पाइप लाइन बिछाई जाएगी। शहर में 125 ओवर हेड टंकियां बनाई जाएंगी। 165 किलोमीटर लंबी वाटर सप्लाई लाइन भी बिछाई जानी है। दूसरे चरण में शहर के अंदरूनी हिस्से में वाटर सप्लाई की पाइपें बदली जाएंगी।
डार्क जोन में शामिल हो चुके हैं 12 में से 11 ब्लाक
मौजूदा समय में शहर में नगर निगम के 850 ट्यूबवेल और 20 हजार से अधिक सबमर्सिबल पंप हैं। हर रोज शहर के लिए 700 एमएलडी से ज्यादा पानी जमीन के नीचे से निकाला जाता है। स्थिति यह हो गई है कि जिले के 12 में से 11 ब्लाक डार्क जोन में पहुंच चुके हैं। हर साल भूजल स्तर तीन फीट नीचे जा रहा है। 20 वर्ष पहले शहर में 40 से 50 फीट पर पानी मिल जाता था लेकिन अब 125 फीट तक पहुंच गया है। पीने वाला पानी तो 450 फीट पर मिल रहा है।
प्रोजेक्ट एक नजर में....
कुल लागत : 1242 करोड़ रुपये
जमीन की जरूरत : 50 एकड़
ओवर हेड वाटर टंकियां : 125
वाटर सप्लाई लाइन : 165 किलोमीटर
शहर में ट्यूबवेल: 850
वर्तमान में पानी की सप्लाई : 10 घंटे प्रतिदिन
प्रोजेक्ट के बाद : 24 घंटे प्रतिदिन
निगम वसूलेगा बिल :
विश्व बैंक ने निगम के सामने शर्त रखी थी कि इस प्रोजेक्ट के लिए फंड तभी मिलेगा जब शहर में वाटर मीटर पालिसी लागू होगी और उपभोक्ताओं से पानी का बिल वसूला जाएगा। नगर निगम ने अब बिल वसूलने का फैसला कर लिया है। एक अप्रैल से यह लागू हो जाएगा। इसके अलावा नगर निगम विश्व बैंक को हलफनामा देगा कि वह प्रोजेक्ट के लिए उनकी सभी हिदायतों का पालन करेगा