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    लुधियाना बना गैर कानूनी ई-सिगरेट का हब, फ्लेवर स्माग बोल बेची जा रही; बच्चों के लिए काफी घातक

    लुधियाना शहर ई सिगरेट का हब बन गया है। नशेड़ी नए युवाओं को ई सिगरेट का इस्तेमाल करवा कर उन्हें नशे के दलदल में धकेल रहे हैं। अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई तो आगे इसके और भी नुकसान देखने को मिल सकते हैं।

    By Dilbag SinghEdited By: DeepikaUpdated: Fri, 11 Nov 2022 09:44 AM (IST)
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    लुधियाना शहर में ई सिगरेट का इस्तेमाल बढ़ रहा है। (सांकेतिक)

    दिलबाग दानिश, लुधियाना। अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो बाजार में आई ई सिगरेट बच्चों को हेरोइन जैसे घातक नशों की तरफ ले जाएगी। इसलिए समय रहते प्रशासन की तरफ से इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। पुलिस ने एक दिन की रेड के बाद इसे बेचने वालों पर कार्रवाई लगभग रोक दी है।

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    जानकार बताते हैं कि लुधियाना इस तरह की गैर कानूनी सिगरेट का हब बन चुका है। यही नहीं पूरे पंजाब में यहीं से इसकी सप्लाई भी होने लगी है। अगर पुलिस की कार्रवाई सही ढंग से हुई तो करोड़ों रुपये के जीएसटी चोरी का भी भंडाफोड़ हो सकता है। बताया जा रहा है कि नशेड़ी इस तरह की ई सिगरेट का इस्तेमाल कर नए युवाओं को नशे की दलदल में धकेल रहे हैं और अपने शिकार बना रहे हैं। इस तरह की सिगरेट का इस्तेमाल सबसे ज्यादा रेस्टोरेंट और क्लबों में हो रहा है। इन सिगरेट में दूसरी सिगरेट की तरह की निकोटीन होता है।

    कई ई सिगरेट में कई अन्य रासायन भी मिले होते हैं और इससे युवा नशे के आदि हो सकते हैं। सिगरेट के होलसेल धंधे से जुड़े एक व्यक्ति ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि लुधियाना में ई सिगरेट जिसे फ्लेवर्ड स्माग बोलकर बेचा जाता है, उसका धंधा एक करोड़ से डेढ़ करोड़ रुपये का है। विदेश से कंटेनरों में इसे लुधियाना पहुंचाया जाता है। यहां से पूरे पंजाब ही नहीं बल्कि आस पास के राज्यों मे भी इसकी सप्लाई की जाती है। इसे कंपनियों की सिगरेट या फिर दूसरे मादक पदार्थों के बीच में छिपाकर सप्लाई किया जाता है।

    पान दुकानों पर रेड के दौरान मिली थीं ई सिगरेट

    पुलिस ने शनिवार को अलग-अलग पान भंडार पर रेड की तो वहां से 79 स्माग फ्लेवर यानि ई सिगरेट बरामद किए थे। दावा किया गया था कि पुलिस इसके खिलाफ अभियान चला रही है। मगर इसके बाद पुलिस ने इस पर कोई बरामदगी नहीं की है, जबकि शहर में पान की दुकानों पर इसे शरेआम बेचा जा रहा है।

    इसी माध्यम से नशे पर लग सकते हैं युवक

    सिविल अस्पताल के मनोचिकित्सिक डा विवेक गोयल बताते हैं कि युवकों को पहले सिगरेट और दूसरे नशों पर यह कहकर लगाया जाता है कि इसमें कोई नशा नहीं होता है। यह शरीर पर नुकसान भी नहीं करती है। मगर बाद में इसकी लत लगती है और युवा गलत संगत में चले जाते हैं। यही इसी का नतीजा होता है कि सिगरेट या फिर ई सिगरेट हेरोइन या फिर दूसरे नशें की तरफ युवाओं को धकेल ले जाती है।

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