पंजाब की पंचायत का अनूठा फैसला, नशा बेचने वाले तस्कराें की जमानत नहीं करवाएंगे ग्रामीण
नशामुक्त पंजाब की दिशा में लाेगाें ने अहम कदम उठाया है। डीएसपी रछपाल सिंह ने गांव और पंचायत की पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह गांव पंजाब का पहला गांव बन गया है जिसने नशा तस्करों की जमानत न देने का फैसला लिया है।

लहरागागा (संगरूर), जेएनएन। पंजाब काे नशामुक्त करने के लिए अब लाेग भी आगे आ रहे हैं। गांव लेहल कलां की पंचायत और ग्रामीणों ने नशे के खिलाफ अहम कदम उठाया है। पंचायत ने नशा बेचने वालों की जमानत न करवाने का प्रस्ताव पारित किया है। इस फैसले काे लाेगाें में नशे के खिलाफ आई जागरूकता के ताैर पर देखा जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार काे आयाेजित बैठक में डीएसपी लहरा रछपाल सिंह सहित सेहत विभाग, पंचायत सदस्य और गांव निवासी शामिल हुए। गांव के सरपंच और चेयरमैन मार्केट कमेटी लहरागागा जसविंदर सिंह रिंपी ने ऐलान किया कि कोई भी नशा बेचने वालों की जमानत नहीं करवाएगा। यदि गांव का व्यक्ति नशा बेचता हुआ पकड़ा गया तो उसकी जमानत किसी कीमत पर नहीं दी जाएगी। ऐसे व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जाएगी।
दूसरे गांवाें की पंचायतें भी करे फैसले का समर्थन
डीएसपी रछपाल सिंह ने गांव और पंचायत की पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह गांव पंजाब का पहला गांव बन गया है, जिसने नशा तस्करों की जमानत न देने का फैसला लिया है। उन्होंने अन्य गांव की पंचायतों को अपील की कि वह भी फैसले को समर्थन देकर गांव को नशामुक्त बनाने में मदद करें।गाैरतलब है कि पंजाब में जहरीली शराब से कई लाेगाें की माैत हाे चुकी है।
जहरीली शराब से माैत हाेने पर बेचने वाले काे फांसी के लिए बिल लाई थी सरकार
पंजाब में नकली शराब की घटनाओं के मद्देनजर सरकार ने पंजाब आबकारी एक्ट, 1914 की धारा 61-ए दर्ज करने और धारा 61 व 63 में संशोधन करने की मंजूरी दी थी। यह फैसला जुलाई 2020 में अमृतसर, गुरदासपुर और तरनतारन में जहरीली शराब से हुईं मौतों को देखते हुए लिया गया था। नकली या अवैध शराब पीने से किसी व्यक्ति की मौत होने या हालत गंभीर होने पर आरोपितों को मौत या उम्र कैद की सजा का प्रविधान किया गया है। इस संबंधी बिल विधानसभा के बजट सेशन में पेश किया जाएगा।
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