छोटे साहिबजादों के संस्कार के लिए जमीन खरीदने वाले दीवान टोडर मल की याद में चल रही रसोई
गुरु गोबिद सिंह के छोटे साहिबजादों के अंतिम संस्कार के लिए जमीन खरीदने वाले दीवान टोडर मल की याद में चल रही रसोई रोजाना 500 से ज्यादा जरूरतमंदों का पेट भर रही है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना :
गुरु गोबिद सिंह के छोटे साहिबजादों के अंतिम संस्कार के लिए जमीन खरीदने वाले दीवान टोडर मल की याद में चल रही रसोई रोजाना 500 से ज्यादा जरूरतमंदों का पेट भर रही है। हिदू न्याय पीठ ने डेढ़ साल पहले शहर में दीवान टोडरमल की याद में एक रसोई शुरू की। लोगों तक साफ व पौष्टिक खाना पहुंचाने के लिए हिदू न्यायपीठ ने बाकायदा चार स्टाल खोले हैं। इन स्टालों पर जरूरतमंदों को दस रुपये में खाना दिया जाता है। इस रसोई की जरिए जहां जरूरतमंदों को खाना उपलब्ध करवाया जा रहा है वहीं, दीवान टोडर मल के योगदान के बारे में भी लोगों को बताया जा रहा है। बता दें कि दीवान टोडर मल ने ही छोटे साहिबजादों के संस्कार के लिए सोने की अशरफियां देकर जमीन खरीदी थी।
हिदू न्यायपीठ ने पांच अगस्त 2019 को गांधी नगर मार्केट में शांति धर्मशाला में रसोई शुरू की। पहले 100 लोगों के लिए खाना तैयार किया जाता था और अब रोजाना 500 लोगों के लिए खाना तैयार किया जा रहा है। हिदू न्यायपीठ के प्रवीण डंग ने बताया कि दीवान टोडर मल को इतिहास भूलता जा रहा है। सरकार भी उनके योगदान की याद दिलाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही है। इसलिए संस्था ने फैसला लिया कि उनके नाम से रसोई शुरू की जाए और लोगों को दस रुपये में भर पेट खाना उपलब्ध करवाया जाए। उन्होंने बताया कि लोग अब इस कार्य में अपना सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि संस्था के सदस्य अपने स्तर पर पैसे एकत्रित करते हैं। इसके अलावा अब उन्होंने लोगों से अपील की है कि जो लोग अपने जन्म दिन व अपने बुजुर्गों की पुण्यतिथि यहां आकर मनाएं और अपना योगदान दें। उन्होंने बताया कि अब काफी संख्या में लोग आ रहे हैं और इस सेवाकार्य में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस काम के लिए जो भी फंड आता है उसकी पारदर्शिता के लिए हर माह हिसाब सार्वजनिक किया जाता है। इन जगहों पर लगते हैं स्टाल
-गिल चौक पुल के नीचे
-साबुन बाजार
-बहादुर के रोड
-सलेम टाबरी मोती राम मेहरा की याद में चलता है दूध का लंगर
हिदू न्यायपीठ ने मोती राम मेहरा की याद में मिलर गंज में दूध का लंगर भी शुरू किया है। यहां पर लोगों को निश्शुल्क दूध दिया जाता है। प्रवीण डंग ने बताया कि मोती राम मेहरा ने माता गुजरी व साहिबजादों को सजा के दौरान गर्म दूध उपलब्ध करवाया था। इसके लिए उनको और उनके परिवार को कोहलू में डालकर मार दिया गया था। इसलिए उनकी याद में दूध का लंगर लगाया जाता है।