राजस्थान की जेलों से पंजाब में हथियार तस्करी, ISI एजेंट जस्सा का खौफनाक नेटवर्क बेनकाब
लुधियाना में हथियारों की बरामदगी के बाद, जांच में राजस्थान की जेलों से पंजाब में हथियारों की तस्करी का खुलासा हुआ है। पुलिस 26 संदिग्धों की तलाश कर रही है और आईएसआई एजेंट जस्सा की भूमिका की जांच कर रही है। इस मामले में विदेशी कनेक्शन भी सामने आया है। घायल आतंकियों से पूछताछ के लिए पुलिस उनके ठीक होने का इंतजार कर रही है।

आइएसआइ एजेंट ने राजस्थान के गुर्गों से पंजाब में पहुंचाए भारी मात्रा में हथियार (प्रतीकात्मक फोटो)
गगनदीप रत्न, लुधियाना। लुधियाना में आतंकियों की ओर से भेजे गए ग्रेनेड, पिस्टल और अन्य हथियारों की बरामदगी के बाद बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि राजस्थान की जेलों और वहां के कई व्यक्तियों की मदद से पंजाब में भारी मात्रा में हथियार भेजे गए हैं।
पुलिस की टीमें राजस्थान पहुंचकर ठिकानों पर दबिश देने में जुट गई हैं और आने वाले दिनों में महत्वपूर्ण रिकवरी की उम्मीद जताई जा रही है। इस मामले में पुलिस के पास 26 और गुर्गों की सूची है, जिन पर हथियारों की सप्लाई का शक है।
कुछ आरोपित राजस्थान की जेलों में बंद हैं, जिनसे पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर पूछताछ की तैयारी कर रही है। पुलिस को उम्मीद है कि इन लोगों से हथियारों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी, जिससे बड़ी रिकवरी संभव हो सकेगी।
वहीं इस मामले में एक विदेशी एंगल भी सामने आया है, जिसमें पाकिस्तान में रहते आइएसआइ के एजेंट जसवीर चौधरी उर्फ जस्सा का नाम शामिल है। पुलिस उसकी पहचान और संपर्कों को उजागर करने में जुटी है। इस मामले में पुलिस को आरोपितों के फोन से लगभग 80 वर्चुअल नंबर मिले हैं, जिन पर बातचीत की गई थी।
गौर हो कि 20 नवंबर को पुलिस ने शमशेर नामक व्यक्ति और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार किया था, जो पाकिस्तान में आइएसआइ के निर्देश पर लुधियाना में ग्रेनेड और हथियार लाने का कार्य कर रहे थे।
उन्हें इसके बदले में नशा और 12,000 रुपये का भुगतान किया जाना था। इस दौरान पुलिस ने ग्रेनेड लेने आए दो आतंकियों को मुठभेड़ में घायल कर गिरफ्तार किया था।
अब तक इस मामले में दो ग्रेनेड, पांच पिस्टल और 40 से अधिक गोलियां बरामद की जा चुकी हैं। पंजाब में हथियारों की सप्लाई और आतंकियों के नेटवर्क की जांच में पुलिस की सक्रियता जारी है, और जल्द ही इस मामले में और भी महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ सकती है।
सूत्र बताते हैं कि इस मामले में पुलिस को विदेशी शख्स के शामिल होने का शक है। इन नंबरों में से एक नंबर विदेशी लग रहा है। हालांकि ये पता नहीं चला है कि वो नंबर किस देश का है? इसकी पड़ताल पुलिस कर रही है।
यहां बता दें कि 27 दिन पहले जो ग्रेनेड पुलिस को मिला था, उस मामले में भी एक विदेशी लिंक था, जोकि मलेशिया में बैठा है। फिलहाल पुलिस दोनों मामलों को लिंक करके जांच कर रही है।
वहीं, घायल दीपक उर्फ दीपू और राम लाल भी आइएसआइ के कहने पर हथियारों की डिलीवरी देने आए थे, लिहाजा पुलिस उनके ठीक होने का इंतजार कर रही है, ताकि वो भी हथियारों के बारे में इनपुट दे सकें।
बताया जा रहा है कि दोनों आतंकियों के शरीर पर गोलियों के निशान हैं, लेकिन एक्स-रे और स्कैन रिपोर्ट में उनके शरीर के अंदर कोई गोली नहीं मिली। दोनों के चोटों वाले स्थान पर टांके लगाए गए हैं। हालांकि डाक्टरों के द्वारा सोमवार को दोनों के रंगीन एक्स-रे और सीटी स्कैन दोबारा कराए जाएंगे। इसके बाद अगली कार्रवाई होगी।

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