Brain Tumor Day: आधी रात को सिर में तेज दर्द हो व नींद खुले तो समझिए गड़बड़ है
अगर कुछ दिन से आधी रात को तेज सिरदर्द होने के साथ नींद खुल जाएऔर उल्टी आए तो इसे हलके में ना लें क्योंकि यह ब्रेन ट्यूमर का संकेत हो सकता है।
लुधियाना, जेएनएन। अगर कुछ दिन से आधी रात को तेज सिरदर्द होने के साथ नींद खुल जाए और उल्टी आए तो इसे हलके में न लें, क्योंकि यह ब्रेन ट्यूमर का संकेत हो सकता है। इसे अनदेखा करना जिंदगी पर भारी पड़ सकता है।
दयानंद मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मोनिका सिंगला के अनुसार ब्रेन ट्यूमर के यूं तो कई लक्षण हो सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ा लक्षण रात को सिरदर्द का है। क्योंकि रात में ब्रेन मे ट्यूमर का प्रेशर बढ़ जाता है और इससे तेज सिर में दर्द होता है और उल्टी आती है। जब भी यह लक्षण किसी को महसूस हो, तो बिना देरी न्यूरोलॉजिस्ट के पास जाना चाहिए।
इसके अतिरिक्त अगर किसी को लगातार सिरदर्द और साथ में उल्टी की शिकायत हो, आंखों के आगे धुंधलापन और नजर व सुनने की शक्ति लगातार कम हो रही हो, शरीर का एक हिस्सा कमजोर हो जाए या सुन्न हो जाए, उठने बैठने के दौरान संतुलन न हो और दौरे पडे़ तो भी सतर्क हो जाना चाहिए। क्योंकि यह लक्षण भी ब्रेन ट्यूमर के हो सकते हैं। ब्रेन ट्यूमर तब होता है, जब मस्तिष्क में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ जाती हैं और इसमें गांठ बन जाती है। प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क या उससे आसपास के ऊतकों में ही शुरू होता है। वहीं, मेटास्टेटिस ब्रेन ट्यूमर शरीर के किसी अन्य हिस्से से शुरू होता है और मस्तिष्क तक खून के माध्यम से फैल जाता है।
मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल भी खतरनाक
न्यूरोलॉजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मोनिका सिंगला के अनुसार ब्रेन ट्यूमर के कई कारण हैं। इनमें रेडिएशन व केमिकल एक्सपोजर, पर्यावरण प्रदूषण, जैनेटिक हो सकते है। कुछ स्टडी का कहना है कि मोबाइल के अत्याधिक इस्तेमाल से भी ब्रेन ट्यूमर की संभावना हो सकती है। स्टडी के अनुसार मोबाइल की रेडिएशन ब्रेन को नुकसान पहुंचाती है।
सर्जरी, कीमोथेरेपी व रेडिएशन से इलाज
डॉ. मोनिका सिंगला बताती हैं कि ब्रेन ट्यूमर का उपचार इसके प्रकार, आकार और स्थिति पर निर्भर करता है। इसके साथ ही आपके संपूर्ण स्वास्थ्य और आपकी प्राथमिकता का भी ध्यान रखा जाता है। इसमें सर्जरी व कुछ थेरेपी की मदद ली जाती है। कुछ ट्यूमर में सर्जरी करनी होती है। जबकि कुछ में सर्जरी के बाद रेडियोथैरेपी, कीमोथेरेपी करनी होती है। कई केसों में सर्जरी नहीं हो सकती, तो उसमें रेडिएशन थेरेपी दी जाती है।
किसी भी उम्र में हो सकता है ब्रेन ट्यूमर
डॉ. मोनिका कहती है कि मौजूदा समय में जिस तरह से रहन-सहन, खानपान, प्रदूषण, तनाव है, इस वजह से छोटी उम्र में भी ब्रेन ट्यूमर के मामले देखे जा रहे हैं। बच्चों, युवाओं में भी ब्रेन ट्यूमर के केस आ रहे हैं लेकिन ज्यादातर मामले 30 से 40 और 50 से अधिक आयु के बाद आ रहे हैं।
घर का बना भोजन खाएं, योग व प्राणाम कर तनाव भगाएं
डॉ. मोनिका कहती हैं कि ब्रेन ट्यूमर सहित दूसरी बीमारियों से बचाव का एक ही तरीका है कि आप हेल्दी फूड लें। तनाव से बचे रहें। रेगुलर योग व प्राणायाम करें। बाहर का खाना कम खाएं। जितना हो सके, घर पर बना पौष्टिक भोजन लें। अच्छी नींद लें।
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