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    लुधियाना में पत्नी की हत्या के प्रयास मामले में पति दोषी, कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 11:48 AM (IST)

    लुधियाना में, तरुण कुमार को पत्नी की हत्या के प्रयास में अदालत ने सात साल की सजा सुनाई। उस पर 11,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। शिवानी ने बताया कि पति उससे झगड़ा करता था। पैसे मांगने पर इनकार करने पर तरुण ने चाकू से हमला किया था, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। अदालत ने साक्ष्यों के आधार पर तरुण को दोषी पाया।

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    पत्नी की हत्या के प्रयास मामले में पति को 7 साल की सजा। सांकेतिक तस्वीर

    संवाद सहयोगी, लुधियाना। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप सिंह बाजवा की अदालत ने तरुण कुमार, निवासी प्रताप सिंह वाला लुधियाना को अपनी पत्नी की हत्या के प्रयास के मामले में सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।

    अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपित के खिलाफ लगाए गए आरोपों को सफलतापूर्वक साबित करने में सफल रहा है। इसके साथ ही आरोपित पर 11,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

    यह मामला थाना हैबोवाल में 18 मई, 2017 को दर्ज किया गया था, जब पत्नी शिवानी ने हमले के संबंध में बयान दिया था। अभियोजन के अनुसार, एएसआइ राम किशन, हेड कान्स्टेबल अमरीक सिंह और कान्स्टेबल जीतू राम को 18 मई 2017 को पुलिस कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि शिवानी को सिविल अस्पताल लुधियाना में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर से अनुमति लेने के बाद शिवानी का बयान लिया गया।

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    शिवानी ने बताया कि उसने दो वर्ष पहले तरुण कुमार से शादी की थी और उनका एक बेटा है। उसने कहा कि उसका पति कोई काम नहीं करता था, आए दिन झगड़ा करता था और कई दिनों तक घर से गायब रहता था। घटना के समय वह अपने घर में अलग रह रही थी, जबकि उनका बेटा अमृतसर में अपने नाना-नानी के पास था।

    17 मई 2017 की शाम करीब 6:30 बजे आरोपित ने उसे उसके घर के सामने रहने वाले विनोद पराशर के घर बुलाया और 5,000 रुपये की मांग की। जब उसने मना किया तो आरोपी ने चाकू निकालकर उसके गले के बाईं ओर वार कर दिया। उसे विनोद पराशर और उनकी पत्नी द्वारा सिविल अस्पताल पहुंचाया गया।

    मेडिकल जांच में चार चोटें पाई गईं। प्रारंभ में मामला चोट पहुंचाने के आरोप में दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में 25 मई, 2017 को शिवानी के पुनः दिए बयान के आधार पर हत्या के प्रयास की धारा जोड़ी गई। साक्ष्यों की जांच के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए सात वर्ष की सजा सुनाई।