त्योहारों को लेकर ट्रेनें पैक, बसों में जाने लगे लोग, रेलवे ने नहीं चलाई स्पेशल ट्रेनें
दिवाली और छठ पर्व पर दूसरे प्रदेशों से आए लोग अपने मूल गाव जाने के लिए परेशान हैं। ट्रेनों में भारी भीड़ से लोगों को बोगियों में चढ़ने की भी जगह नहीं मिल रही। इस कारण वे अब बस से सफर करने लगे हैं।

डीएल डॉन, लुधियाना
दिवाली और छठ पर्व पर दूसरे प्रदेशों से आए लोग अपने मूल गाव जाने के लिए परेशान हैं। ट्रेनों में भारी भीड़ से लोगों को बोगियों में चढ़ने की भी जगह नहीं मिल रही। इस कारण वे अब बस से सफर करने लगे हैं। स्पेशल ट्रेनें नहीं चलाए जाने से रेलवे को चार वर्ष से भारी नुकसान हो रहा है।
लुधियाना से यूपी-बिहार के लिए एक ट्रैवल्स ने एसी बस सेवा शुरू की है। लोग अपने गाव जाने के लिए बस सफर को अच्छा मानने लगे हैं। बस लुधियाना से लखनऊ, गोरखपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा से होते हुए सिमराही बाजार, जदिया बाजार तक जाती है। एसी बस में एक यात्री का किराया बैठने का 1200 रुपये और स्लीपर का 1500 रुपये है। जबकि ट्रेन में एसी का किराया गरीब रथ में 900 और अन्य ट्रेनों में 2000 रुपये तक है। यात्रियों का कहना है कि इस रूट में जाने के लिए ट्रेन की सुविधा सहरसा तक है और वहा से फिर लोग लोकल बस से सफर कर जदिया जाते हैं।
इस संबंध में लुधियाना रेलवे स्टेशन के डायरेक्टर अभिनव सिंगला ने कहा कि यात्रियों को बस से सुविधा होती है तो लोग बस से सफर कर रहे हैं। यात्रियों ने बस सेवा को बताया उत्तम
यात्रियों ने ट्रेन की बजाय बस के सफर को अच्छा बताया है। यात्री चंदू मंडल ने कहा कि वह काफी समय से लुधियाना में है और उसे जिला मधुबनी गाव फूल परास जाना है वह हमेशा बस से ही गाव जाता है जब लुधियाना से बस की सर्विस नहीं थी तो वह देहली से बस से जाता था। बस से 20 से 22 घटे लगते हैं, वहीं ट्रेन से 36 से 38 घटे लगते हैं। यात्री बादल यादव ने बताया कि उसने जिला सुपौल सिमराही बाजार जाना है। ट्रेन में टिकट की बहुत ही समस्या है। सहरसा तक ट्रेन है गरीब रथ जिसका किराया भी ज्यादा है। वहीं आरक्षित टिकट नहीं मिलने से परेशानी है।

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