खन्ना पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री हैरान, ड्यूटी पर तैनात तीन डॉक्टरों ने की सिर्फ 56 मरीजों की ओपीडी
स्वास्थ्य मंत्री बलवीर सिंह सिद्धू ने उच्चाधिकारियों को हिदायत दी कि जिस अस्पताल में एक बीमारी के जरूरत से ज्यादा विशेषज्ञ डॉक्टर हैं उनकी तुरंत रेशनेलाइजेशन की जाए।
खन्ना (लुधियाना), जेएनएन। प्रदेश के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को दोपहर करीब दो बजे अचानक सिविल अस्पताल खन्ना का दौरा किया। सिद्धू मालेरकोटला में किसी समारोह में शामिल होकर वापस लौट रहे थे। इस दौरान वे अस्पताल में रूक गए। सेहत मंत्री ने देखा कि अस्पताल में चार हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं, जिनमें तीन ड्यूटी पर थे और एक डॉक्टर अवकाश पर थे। सिद्धू ने ओपीडी रजिस्टर चेक किया तो देखा कि तीन डॉक्टरों ने मिलकर सिर्फ 56 मरीजों की ओपीडी की है। इसका मतलब अस्पताल में इतने हड्डी रोग विशेषज्ञों की जरूरत ही नहीं थी। इसका उन्होंने गंभीर नोटिस लिया और उच्चाधिकारियों को मौके पर हिदायत की कि जिस अस्पताल में एक बीमारी के जरूरत से ज्यादा विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात हैं, उनकी तुरंत रेशनेलाइजेशन की जाए।
सिद्धू ने जहां अस्पताल की तरफ से मुहैया करवाई जा रही सेवाओं का जायजा लिया, वहीं अस्पताल की बुनियादी आवश्यकताओं को भी समझने की कोशिश की। उन्होंने मरीजों को पेश आ रही मुश्किलें तुरंत हल करने के भी आदेश दिए। सेहत मंत्री सिद्धू ने कहा कि प्रदेश में आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना लागू होने से लोगों को लाभ पहुंचा है। सरकारी अस्पतालों से काफी हद तक बोझ घटने लगा है। उन्होंने दावा किया कि पिछली सरकारों ने सेहत सुविधाओं में सुधार लाने का काम नहीं किया।
अपने लगभग दस मिनट निरीक्षण में उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने 10 सालों के शासन दौरान सूबे के सेहत क्षेत्र में सुधार लाने के लिए कोई काम नहीं किया। इस कारण स्वसाथ्य व्यवस्था पूरी तरह लड़खड़ा गई थी। पिछले ढाई सालों के दौरान कैप्टन सरकार ने डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ की बड़े स्तर पर भर्ती की गई है। इस मौके राजनीतिक सचिव हरकेश चंद शर्मा, एसएमओ डॉ. राजिन्दर गुलाटी भी उपस्थित थे।
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