अमरूद नहीं कर पाया पंजाब के किसानों को खुश, थोक भाव 2 रुपये किलो, भरी ट्रालियां खेत में फेंकी
संगरूर के किसानों ने बताया कि मंडी में अमरूद का थोक भाव 2 रुपये किलो है। इस बार पौधों की देखरेख खाद स्प्रे निराई गुड़ाई में एक लाख रुपये से अधिक खर्च हुआ है। वे बाहर बेचने नहीं जा सकते हैं इसलिए फसल फेंकनी पड़ रही है।

संवाद सूत्र, लहरागागा (संगरूर)। कर्नाटक में टमाटर के दाम 2 रुपये मिलने पर किसानों की ओर से फसल फेंकने की तस्वीरें पिछले दिनों दिनों सुर्खियों में रही थी। अब यही हाल पंजाब के अमरूद ने काश्तकारों का है। मंडी में थोक में अमरूद के दाम 2 रुपये तक गिर जाने के कारण अब उन्हें फसल फेंकनी पड़ रही है।
गांव गुलाड़ के रहने वाले ठेकेदार बीरबल व लक्षमण सिंह ने बताया कि उन्होंने गांव खंडेबाद के भोला सिंह से चार एकड़ जमीन साढ़े तीन लाख रुपये में ठेके पर लेकर उसमें अमरूद का बाग लगाया है। सही मूल्य न मिलने से उन्हें जेब से लेबर खर्च उठाकर अमरूद तुड़वाकर खेतों में फेंकने पड़ रहे हैं।
मंडी में अमरूद का थोक भाव 2 रुपये किलो है। इस बार पौधों की देखरेख, खाद, स्प्रे, निराई, गुड़ाई में एक लाख रुपये से अधिक खर्च हुआ है। अमरूद की तुड़ाई के लिए 15 दिहाड़ीदार 300 रुपये पर रखे। छंटाई के लिए अलग से दिहाड़ी देनी होती है। उन्होंने बताया कि अगर वह कैंटर के जरिए करनाल, भिवानी, मालेरकोटला व संगरूर मंडी में फसल बेचने जाते हैं तो उनका तीन हजार रुपये किराया लग जाता है। इन मंडियों में 45 कैरेट का मूल्य 70 से 80 रुपये रेट मिलता है, लेकिन दूर होने की वजह से बचत नहीं होती।
मंदी के चलते इस बार अंदाजन 10 लाख रुपये घाटा पड़ने की संभावना है। ठेकेदारों ने मांग की कि पंजाब सरकार दूसरी फसलों की तरह फलों का मंडीकरण यकीनी बनाए, ताकि ठेके पर जमीन लेकर बागवानी करने वाले किसान आर्थिक तौर पर मजबूत बन सकें।
आने वाले दिनों में बढ़ेंगे रेट : डा. हरदीप सिंह
डिप्टी डायरेक्टर बागवानी संगरूर डा. हरदीप सिंह ने बताया कि इस वर्ष अमरूद की फसल बहुत ज्यादा है। दूसरा गर्मियां में फसल एकदम पक जाती है। ऐसे में इसका भाव बाजार में गिर जाता है। सर्दियों की फसल धीरे पकती है, जिसे कई दिनों तक घरों व स्टोर में रखा जा सकता है। अमरूद की कीमत सर्दी में अधिक होती है, लेकिन आगामी दिनों में रेट में तेजी आने की संभावना है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।