Punjab Grain Lifting Scam : ठेकेदार, आशु के पीए व बर्खास्त डिप्टी डायरेक्टर के बीच मोबाइल पर होती थी लंबी बात
अनाज ढुलाई घोटाले में विजिलेंस ने अदालत में 1556 पेज की चार्जशीट पेश की है। इसमें पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु ठेकेदार तेलू राम और आढ़ती धोतीवाला के खिलाफ चार्जशीट में आरोप लगाए गए हैं कि टेंडर मिलने के दौरान तीनों के बीच मोबाइल पर लंबी बात होती थी।

दिलबाग दानिश, लुधियाना । अनाज ढुलाई का टेंडर मिलने के दौरान ठेकेदार तेलू राम, पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु के कथित पीए मीनू पंकज मल्होत्रा और तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर के बीच मोबाइल पर लंबी बात होती थी। विजिलेंस ने अनाज ढुलाई घोटाले को लेकर अदालत में पेश की 1556 पेज की चार्जशीट में इस बात का खासतौर पर जिक्र किया है। इस बिंदु को अपनी जांच का आधार भी बनाया है। सवाल खड़े किए गए हैं कि डिप्टी डायरेक्टर स्तर के अधिकारी को ठेकेदार से इतना क्या काम पड़ता था कि वह अक्सर मोबाइल फोन पर बातें करते थे।
पंकज मीनू मल्होत्रा से भी मोबाइल पर तेलू राम कई बार बात करता था। इसके अलावा विजिलेंस ने चार्जशीट में घोटाले के मुख्य सूत्रधार ठेकेदार तेलू राम की डायरी का भी जिक्र किया है। इस डायरी में उसने समय-समय पर तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर आरके सिंगला को 20 लाख, मीनू पंकज मल्होत्रा को छह लाख और डीएफएससी हरवीन कौर को तीन लाख और डीएफएससी सुखविंदर सिंह गिल को दो लाख रुपए व आइफोन देने का जिक्र किया था। विजिलेंस ने जांच के दौरान तेलू राम की दो साल की मोबाइल काल्स का रिकार्ड निकलवाया है। काल्स की जांच में सामने आया था कि वह सिंगला और मीनू के संपर्क में था।
विजिलेंस ने आरके सिंगला को पालिसी बनाने की कमेटी का चेयरमैन लगाने, करेट का काम उसी को देने को भी जांच में शामिल किया है। खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से सिंगला के खिलाफ की गई जांच और रिपोर्टों को भी सबूत के तौर पर इसमें शामिल किया गया है। विजिलेंस के अनुसार सिंगला और मीनू मल्होत्रा ही अनाज ढुलाई घोटाले के मुख्य सूत्रधार हैं। उन पर यह मेहरबानियां मंत्री रहते हुए भारत भूषण आशु की थीं। इसके अलावा मीनू मल्होत्रा की शहर में बनाई कई इमारतों का भी जिक्र किया है, जिनमें अनाज ढुलाई घोटाले का पैसा लगा होने की बात कही जा रही है। चार्जशीट में डिप्टी डायरेक्टर को बाद में सरकार द्वारा बर्खास्त किए जाने का जिक्र भी किया गया है।
गौरतलब है कि विजिलेंस ने बीती 16 अगस्त को लुधियाना के मंडियों में अनाज ढुलाई के टेंडर को लेकर हुए घोटाले को लेकर केस दर्ज किया था। सबसे पहले ठेकेदार तेलू राम को गिरफ्तार किया गया था। बाद में 22 अगस्त को पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु को पकड़ लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 20 लोगों को नामजद किया गया है। इनमें से छह की गिरफ्तारी हो चुकी है।
दूसरे राज्यों से आए अनाज को भी जांच में किया शामिल
विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार यह घोटाला केवल अनाज ढुलाई का नहीं है। इसमें दूसरे राज्यों से अनाज पंजाब लाकर उसे आगे बेच कर भी मोटी कमाई की गई। इसमें सरकार से अनाज पर मिलने वाली सब्सिडी हड़प ली गई। मुल्लांपुर के आढ़ती कृष्ण लाल धोतीवाला और अनिल जैन का भी जिक्र किया गया है। इनके गोदामों से मिले बारदाने को सबूत के तौर पर रखा गया है। यही नहीं एक चैट का भी जिक्र इसमें है, जिसमें एक रैली के लिए पैसा जुटाने की बात कही जा रही है।
इसके बाद सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी पेश कर सकती है विजिलेंस
अनाज ढुलाई घोटाले के कई आरोपित अभी फरार हैं। आने वाले दिनों में विजिलेंस इस मामले में सप्लीमेंट्री चालान भी पेश कर सकती है। मुख्य रूप से कथित पीए मीनू मल्होत्रा और इंद्रजीत सिंह इंदी और बर्खास्त डिप्टी डायरेक्टर आरके सिंगला अब भी फरार हैं। हाल में दो डीएफएससी को गिरफ्तार किया गया है, उनसे भी पूछताछ की जा रही है।
दोनों डीएफएससी न्यायिक हिरासत में भेजे
बीते मंगलवार को गिरफ्तार किए गए डीएफएससी सुखविंदर सिंह और हरविंदर कौर को रिमांड खत्म होने के बाद शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दोनों पर आरोप है कि तेलू राम को लाभ पहुंचाने के लिए उन्होंने रिश्वत ली थी।
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