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    लुधियाना के इस स्कूल में दाखिले के लिए आती हैं सिफारिशें, 50 वर्ष पहले तीन क्वार्टर से हुआ था शुरू

    By Radhika kapoorEdited By: Deepika
    Updated: Sat, 19 Nov 2022 10:46 AM (IST)

    लुधियाना में पीएयू कैंपस में स्थित सरकारी स्मार्ट स्कूल में दाखिले के लिए लोगों की भीड़ देखने को मिलती है। अच्छी शिक्षा और सभी सुविधाएं होने के कारण अभिभावक राजनेताओं और मत्रियों तक से सिफारिश करवाने का प्रयास करते हैं।

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    लुधियाना में पीएयू सरकारी स्मार्ट स्कूल l (जागरण)

    राधिका कपूर, लुधियाना। साल 1972 में पीएयू में तीन क्वार्टरों 9/35, 36 और 37 से स्कूल की शुरुआत की गई थी। उस समय यह स्कूल मिडिल हुआ करता था और यहां पर अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई होती थी। स्कूल की शुरूआत से पहले यहां सरस्वती माडल स्कूल अंग्रेजी माध्यम हुआ करता था। पीएयू के इंप्लाइज ने उस समय के मंत्री रहे सरदारी लाल कपूर से मांग की थी कि यहां के इंप्लाइज के लिए भी एक स्कूल होना चाहिए।

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    उन्होंने मांग स्वीकार करते हुए इस स्कूल का उद्घाटन किया। तब स्कूल में 400 के करीब विद्यार्थी पढ़ा करते थे। विद्यार्थियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पीएयू कैंपस में ही नई इमारत बना स्कूल वहां शिफ्ट कर दिया गया। उस समय इसका उद्घाटन वाइस चांसलर रहे डा. मोहिंदर सिंह रंधावा ने किया था। साढ़े आठ एकड़ में बने इस स्कूल को साल 1975 में हाई और 1990 में सीनियर सेकेंडरी स्कूल में अपग्रेड कर दिया गया।

    आमतौर पर बच्चों के दाखिले के समय निजी स्कूलों में सिफारिशों का दौर देखने को मिलता है। शहर का एक सरकारी स्कूल ऐसा भी है जहां बड़ी कक्षाओं में बच्चों के दाखिले के लिए अभिभावकों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। यहां तक कि लोग राजनेताओं और मत्रियों तक से सिफारिश करवाने का प्रयास करते हैं। हम बात कर रहे हैं पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) कैंपस में स्थित सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल की। यहां दाखिले के लिए लोगों की जद्दोजहद का मुख्य कारण स्कूल में पढ़ाई और संबंधित सभी सुविधाएं मुहैया होना है।

    गुरचरण कोचर रही थीं पहली अध्यापिका

    साल 1972 में स्कूल को जब तीन क्वाटरों में शुरू किया गया था तब पहली अध्यापिका गुरशरण कोचर ने एसएस मिस्ट्रेस के तौर पर ज्वाइन किया था जो वर्तमान में नामी साहित्यकार हैं। इस दौरान ही समिट्री रोड स्कूल के स्टाफ को डेपोटेशन पर यहां कक्षाएं लगाने के लिए भेजा जाता था। गुरचरण कोचर ने बताया कि स्कूल के साथ उनकी काफी यादें जुड़ी हुई हैं। उनके मुताबिक स्कूल में जहां वर्तमान में अत्याधुनिक सुविधाएं हैं वहीं, पढ़ाई में भी विद्यार्थी शानदार प्रदर्शन करते आ रहे हैं जोकि शहर के लिए काफी गर्व की बात है।

    यह हैं स्कूल के चमकते सितारे

    स्कूल के कई ऐसे चमकते सितारे हैं जो प्रमुख पदों पर अपनी सेवाएं निभा रहे हैं। इंजीनियरिंग की बात करें या फिर बात हो डाक्टरी की, हर जगह स्कूल से पढ़े विद्यार्थी शिखर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें नाम हैं डीएमसीएच में मेडिसिन विभाग में कार्यरत डा. पुनीत औलख का जोकि स्कूल की पूर्व छात्रा रही हैं।

    वहीं, आइजी रिटायर्ड हुए यूरिंदर सिंह, पीएयू की बोटनी प्रोफेसर सीमा बेदी, दीपक गुप्ता, संजीत सिंह, चिरंजीव सिंह इत्यादि ऐसे नाम हैं जो स्कूल से पढ़े हैं। यही नहीं, स्कूल की मौजूदा प्रिंसिपल बलविंदर कौर भी पूर्व छात्रा रही हैं।

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