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    लुधियाना लोधी क्लब के चुनाव में नया मोड, फाइनांस सचिव पर देर रात बनी आम सहमति

    By Vipin KumarEdited By:
    Updated: Sat, 27 Feb 2021 12:50 PM (IST)

    तीन पदों पर आम सहमति से चुनाव होने के बाद क्लब की राजनीति में इस बार आम सहमति से अन्य सीटों पर भी आम सहमति बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए बैठकों का दौर आरंभ हो गया है।

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    लोधी क्लब चुनाव में आम सहमति से फाइनांस सचिव विजेता सफेद शर्ट में मनीष गुप्ता, पार्षद सन्नी भल्ला, सीए विशाल।

    लुधियाना, जेएनएन। रविवार को नामांकन वापिस लेने से दो दिन पूर्व ही लोधी क्लब चुनावों में नया मोड़ सामने आया है। शुक्रवार की देर रात शहर के रसूखदारों की ओर से की गई एक बैठक में फाइनांस सचिव के पद पर आम सहमति बन गई है। इसके लिए कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु के सबसे चहेते पार्षद सन्नी भल्ला ने अहम भूमिका निभाई है। इसके साथ ही दोनों ग्रुपों की आम सहमति के लिए शहर के प्रमुख कारेबारी अश्वनी गर्ग ने अपने निवास स्थान पर एक चाय पार्टी भी रखी।

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    लोधी क्लब चुनाव में आम सहमति से फाइनांस सचिव मनीष गुप्ता को बधाई देते समर्थक। (जागरण)

    ज्ञात हो कि नामांकन वापसी के लिए रविवार को अंतिम दिन है, जबकि नामांकन भरने की अंतिम तिथि बीत चुकी है। ऐसे में सीए विशाल गर्ग के नामांकन वापस लेने से मनीष गुप्ता आम सहमति से फाइनांस सचिव बन जाएंगे। इससे पूर्व कल्चरल सचिव डा. मोहनजीत कौर एवं महिला एग्जीक्यूटिव सदस्य निति गुप्ता के सामने भी किसी की ओर से नामांकन न भरे जाने से निरविरोध विजेता बन चुके हैं। अब तक तीन पदों पर आम सहमति बन चुकी है।

    -- रविवार शाम तक कई पदों पर आम सहमति में जुटे रसूखदार

    तीन पदों पर आम सहमति से चुनाव होने के बाद क्लब की राजनीति में इस बार आम सहमति से अन्य सीटों पर भी आम सहमति बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए बैठकों का दौर आरंभ हो गया है और कई सीटों पर आम सहमति के लिए तरह तरह के आफर्स दिए जा रहे हैं। इसमें शहर के बड़े राजनीतिज्ञ, कारोबारी और समाजिक लोग भूमिका अदा कर रहे हैं। अब देखने योग्य होगा कि रविवार को कौन कौन अपने नामांकन वापिस लेता है और किस किस में आम सहमति एवं चुनाव की स्थिति बनती हैं।

    --  तीनों निरविरोध प्रत्याशियों की चुनाव में रहेगी अहम भूमिका

    तीन प्रत्याशियों के आम सहमति से चुनाव जीत जाने के बाद अब बाकी पदों के लिए इनकी भूमिका अहम होगी। क्योंकि अब इन्हें अपना चुनाव नहीं लड़ना और यह तीनों पदाधिकारी जिसके हक में प्रचार करेंगे, उनके लिए जीत दर्ज करना बेहद आसान होगा। ऐसे में इनकी जीत के बाद विभिन्न पदों पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी इन्हें अपने हक में प्रचार करने के लिए लुभाने में जुट गए हैं। अब देखने योग्य होगा कि विजेता किस पद के लिए अपना समर्थन देकर उनकी जीत के लिए काम करते हैं।