शुभ और लाभ हैं श्री गणेश जी के दो पुत्र : पं. देसराज
श्री प्राचीन गुग्गा माड़ी शिव मंदिर में गणेश महोत्सव के उपलक्ष में पंडित देशराज शास्त्री ने बताया कि देवों के देव महादेव के दूसरे पुत्र श्री गणेश जी देवताओं में प्रथम पूज्य हैं।
जासं, खन्ना : श्री प्राचीन गुग्गा माड़ी शिव मंदिर में गणेश महोत्सव के उपलक्ष में पंडित देशराज शास्त्री ने बताया कि देवों के देव महादेव के दूसरे पुत्र श्री गणेश जी देवताओं में प्रथम पूज्य हैं। किसी भी कार्य के प्रारंभ से पूर्व उनकी पूजा अनिवार्य है। ऐसा करने से वह कार्य बिना किसी विघ्न पूर्ण हो जाता है। भगवान गणेश शुभता, बुद्धि और ज्ञान के देवता हैं। उन्होंने बताया कि गजानन की दो पत्नियां रिद्धि और सिद्धि हैं। गणेश जी को रिद्धि से क्षेम और सिद्धि से लाभ नाम के दो पुत्र हैं। जब कार्तिकेय दक्षिण में असुरों से संग्राम के लिए गए थे और उन्होंने युद्ध में असुरों को पराजित कर दिया था, तब भगवान शिव ने गणेश जी के पुत्र का नाम क्षेम रखा। माता पार्वती उनको प्रेम से शुभ और लाभ नाम से पुकारती थीं। इस तरह से गणेश जी के दो पुत्रों का नाम शुभ और लाभ हुआ।
शास्त्री ने बताया कि दीवाली, धार्मिक कार्यक्रम या पूजा पाठ के दौरान पूजा घर या मुख्य दरवाजे के पास हम स्वास्तिक बनाते हैं। उसके बगल में शुभ-लाभ लिखते हैं। ऐसा करने के पीछे एक पौराणिक मत है। हिदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान गणेश 'बुद्धि के देवता' हैं, ऐसे में 'स्वास्तिक' बुद्धि का पवित्र प्रतीक है। स्वास्तिक की दोनों अलग-अलग रेखाएं गजानन की पत्नी रिद्धि-सिद्धि को दर्शाती हैं। गणेशजी के पुत्रों के नाम शुभ, लाभ 'स्वास्तिक' के दाएं-बाएं लिखते हैं। इस मौके पर कनाडा से अंकुर शर्मा विशेष रूप से मुख्य यजमान के तौर पर पूजा में शामिल हुए।
इस अवसर पर प्रधान प्रेमचंद बख्शी, अनमोल साही, पूजा गोयल, नरेश होंडा, राजन जिदल, अशोक विनायक, प्रदीप सिगला, अमित लोमस, रमन वशिष्ठ, नवदीप सैनी, दुष्यंत शर्मा, कपिल बेकटर, सुनील भनोट, सोनू भनोट, रोहित जिदल, कांता बांसल, स्नेह रानी, रेखा शर्मा, लता शर्मा, सुनीता जिदल, गीता जिदल, दीपिका हांडा, अमन गुप्ता भी मौजूद रहे।
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