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Gandhi Jayanti 2022: महात्मा गांधी का पंजाब से रहा है खास नाता, दांडी मार्च से युवाओं में भरा था जाेश

Gandhi Jayanti 2022 पंजाब से गांधी जी का खासा नाता रहा है। आजादी के आंदाेलन में सबसे ज्यादा पंजाबियाें ने शहादत पाई थी। बताया जा रहा है कि बापू गांधी की अस्थियों के एक भाग का विसर्जन लुधियाना स्थित सतलुज नदी में भी किया गया था।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sun, 02 Oct 2022 07:33 AM (IST)Updated: Sun, 02 Oct 2022 07:33 AM (IST)
Gandhi Jayanti 2022: महात्मा गांधी का पंजाब से रहा है खास नाता, दांडी मार्च से युवाओं में भरा था जाेश
Gandhi Jayanti 2022: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पंजाब से खासा नाता रहा है। (फाइल फाेटाे)

आनलाइन, डेस्क, लुधियाना। Gandhi Jayanti 2022: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पंजाब से खासा नाता रहा है। स्वतंत्रता आंदाेलन के दाैरान वह कई बार लुधियाना भी आए थे। गांधी जी के जाेशीले भाषण के पंजाबी खासे दीवाने थे। यही कारण था कि आजादी के आंदाेलन में सबसे ज्यादा पंजाबियाें ने शहादत पाई थी। बताया जा रहा है कि बापू गांधी की अस्थियों के एक भाग का विसर्जन लुधियाना स्थित सतलुज नदी में भी किया गया था।

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सतलुज किनारे उसी स्थान पर एक स्मारक भी बनाया गया, लेकिन आज वहां कोई नहीं आता। यही हाल शहर में नगर निगम के पास स्थापित गांधी की प्रतिमा का है, जहां चारों ओर गंदगी है। जानकारों का कहना है कि पहले लोग यहां इस समारक को देखने व बापू को श्रद्धा सुमन अर्पित करने आते थे, लेकिन अब शाम ढलते ही यहां नशेड़ियों का अड्डा बन जाता है।

लुधियाना में नमक आंदोलन के दौरान निकाला था दांडी मार्च

शहर के चौड़ा बाजार में गांधी जी ने नमक आंदोलन के दौरान दांडी मार्च निकाला था। देशवासियाें को अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध एकजुट करने के मकसद से वह देश के विभिन्न शहरों में पदयात्रा पर निकले थे। उस वक्त उनके चरण स्पर्श से धन्य हुई शहर की धरती को इस बात का भी मान है कि विडंबना यह है कि प्रशासनिक अनदेखी व लोगों की उदासीनता के चलते गांधी जी से जुड़ी इन यादगारों की स्थिति आज दयनीय हो गई है।

गांधी जी का कई मायनों में रहा है लुधियाना से रिश्ता

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का लुधियाना से कई मायनों में नाता रहा है। कभी वह नमक आंदोलन के तहत लुधियाना आए तो वहीं उनके निधन के बाद उनकी अस्थियां सतलुज में प्रवाह की गई। बताया जाता है कि बापू गांधी नमक आंदोलन के तहत दांडी मार्च करते हुए लुधियाना पहुंचे थे। राधेश्याम पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहते हैं कि हमें पता चला था कि गांधी जी चौड़ा बाजार में आ रहे हैं। इसके बाद मैं अपने तीन-चार दोस्तों के साथ चौड़ा बाजार पहुंचा, जहां से गांधी जी ने यात्रा शुरू की थी।

इस्लामगंज में गांधी कुष्ठ आश्रम का निर्माण

कुष्ठ रोगियों के प्रति महात्मा गांधी का काफी मोह था, यही कारण है कि उनकी याद में इस्लामगंज में गांधी कुष्ठ आश्रम का निर्माण किया गया, जहां कुष्ठ रोगियों के उपचार के साथ उनकी सेवा की जाती है। कुष्ठ आश्रम में 17 सितंबर 1992 को महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया गया, ताकि आश्रम के लिए प्रेरणा बने बापू को श्रद्धांजलि दी जा सके। तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह ने प्रतिमा का विधिवत रूप से अनावरण किया था

सतलुज के किनारे गांधी प्राकृतिक चिकित्सा अस्पताल

वर्ष 1974 में सतलुज के किनारे स्मारक के अलावा एक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र बनाया गया था। चूंकि गांधी जी को प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति काफी मोह था, इसलिए यहां प्राकृतिक अस्पताल बनाया गया। इसका उद्घाटन 1974 में तत्कालीन पंजाब के मुख्यमंत्री ज्ञानी जैल सिंह ने किया था। आज भी यहां दूर-दूर से लाेग आते हैं।


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