Meritorious School : 6 साल बाद मेरिटोरियस स्कूलों को विद्यार्थियों की वर्दी का फंड जारी, प्रत्येक बच्चे के खाते में ट्रांसफर होंगे 1400 रुपये
पंजाब के 10 मेरिटोरियस स्कूलों को विद्यार्थियों की वर्दी के लिए फंड जारी हो गया है। इससे पहले सालों में विद्यार्थियों को मेरिटोरियस स्कूलों में अन्य सभी सुविधाएं निशुल्क मिलती थी जबकि वर्दी उन्हें अपने पैसों से खरीदनी पड़ती थी।

लुधियाना [राधिका कपूर]। द मेरिटोरियस सोसायटी की ओर से चलाए जा रहे राज्य भर के 10 मेरिटोरियस स्कूलों को 6 सालों के बाद विद्यार्थियों की वर्दी के लिए फंड जारी हुआ है। इससे पहले केवल एक बार साल 2014-15 में विद्यार्थियों को फंड जारी किया गया था जिससे वह स्कूल में दाखिले के तहत नि:शुल्क वर्दी ले सके थे। हालांकि इन स्कूलों में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों को नि:शुल्क सुविधाएं मुहैया होती है। खैर छह सालों के बाद विद्यार्थी अब निश्लुक वर्दी का फायदा उठा सकेंगे।
इससे पहले सालों में विद्यार्थियों को मेरिटोरियस स्कूलों में अन्य सभी सुविधाएं निशुल्क मिलती थी जबकि वर्दी उन्हें अपने पैसों से खरीदनी पड़ती थी। सेशन 2022-23 के लिए मेरिटोरियस स्कूलों में अब काउंसलिंग प्रक्रिया चल रही है। उम्मीद है कि बारह अगस्त को होने वाले दाखिले के बाद 16 अगस्त से क्लासिस शुरू कर दी जाए। ऐसे में मेरिटोरियस स्कूलों का फोकस अब विद्यार्थियों को दी जाने वाली वर्दी पर है।
1400 रुपये प्रति विद्यार्थी फंड हो चुका है जारी
मेरिटोरियस स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को 1400 रुपये प्रति विद्यार्थी के हिसाब से फंड जारी हो चुका है। स्कूलों ने इन फंड को विद्यार्थियों के खातों में ट्रांसफर करना है जिसके बाद ट्रांसफर किए फंड का ब्यौरा सोसायटी को भेजना है। विद्यार्थियों ने खातों में आए फंड के जरिए वर्दी खरीदनी है। विद्यार्थियों को दी जाने वाली वर्दियों में लड़कों के लिए कमीज पैंट के दो जोड़े, सिख लड़कों के लिए पांच मीटर पग, स्वेटर और बूट जुराबों का जोड़ा। इसी तरह लड़कियों के लिए सलवार कमीज और दुपट्टे के दो जोड़े, एक स्वेटर तथा बूट व जुराबे।
स्कूली स्तर पर एक जैसी वर्दी बनाई जाए यकीनी
सोसायटी ने मेरिटोरियस स्कूलों को हिदायत दी है कि वर्दियां मुहैया कराने के लिए स्कूल स्तर पर लेक्चरार की कमेटी का गठन किया जाए। कमेटी विद्यार्थियों को दी जाने वाली वर्दी संबंधी फैसला करेगी पर इतना जरूर तय किया जाएगा कि स्कूली स्तर पर वर्दी में एकसारता हो। वर्दी के रंग संबंधी फैसला भी स्कूल कमेटी पर छोड़ा गया है।

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