फाइब्रो स्कैन मशीन से अब लीवर का बेहतर इलाज
जब तक लिवर 70 फीसद डैमेज न हो जाए तब तक पता ही नहीं चलता कि लिवर में कोई गड़बड़ है।
जासं, लुधियाना : जब तक लिवर 70 फीसद डैमेज न हो जाए, तब तक पता ही नहीं चलता कि लिवर में कोई गड़बड़ है। इसके अलावा पेट में होने वाली किसी भी समस्या का समाधान केवल बायोप्सी के जरिए ही होता था। इसके लिए पेट के अंदर से अंग का छोटा सा हिस्सा निकालना पड़ता था, जो दर्दनाक, जटिल प्रक्रिया है। मगर अब फाइब्रो स्कैन सिस्टम के माध्यम से बायोप्सी के बिना ही इलाज संभव हो सकेगा। इससे लिवर का इलाज भी आसानी से किया जा सकता है।
फोर्टिस अस्पताल में फाइब्रो स्कैन सिस्टम शुरू करते समय एडिशनल डायरेक्टर गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. नितिन बहल ने यह जानकारी दी। फोर्टिस हेल्थकेयर के रिजनल मेडिकल डायरेक्टर (नॉर्थ) डॉ. गुरबीर सिंह, लुधियाना के जोनल डायरेक्टर डॉ. पिनाक मोदगिल ने फाइब्रो स्कैन सिस्टम व गैस्ट्रो लैब का उद्घाटन किया। डॉ. बहल ने कहा कि फाइब्रो स्कैन पेट के रोगों का इलाज करने के लिए सुरक्षित व तुरंत असर करने वाली तकनीक है। पंजाब के लोग अन्य देशवासियों के मुकाबले अधिक वजन वाले और शराब का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। इस वजह से उन्हें हैपेटाइटिस बी, सी या फैटी लिवर की बीमारी होने का डर भी ज्यादा रहता है। यह बीमारी बढ़कर लिवर सिरोसिस का रूप धारण कर लेती है। इससे पीलिया, पैरों में सूजन या खून की उल्टी होने लगती है। इसका इलाज तुरंत करना जरूरी होता है। पहली ही स्टेज में बीमारी का लग जाएगा पता
डॉ. बहल ने कहा कि फाइब्रो स्कैन सिस्टम से पांच मिनट में बिना किसी दर्द के लिवर की स्कैनिग की जा सकती है। इससे बीमारी से पहले और बाद की स्टेज का भी आंकलन किया जा सकता है। लिवर बायोप्सी में यह संभव नहीं था। फाइब्रो स्कैन लिवर में फाइब्रोसिस (स्कारिग) और स्टीटोसिस (वसायुक्त परिवर्तन) को मापता है। इससे बीमारी को पहली स्टेज पर ही पहचाना जा सकता है।