Punjab News: ग्राहक बनकर पहुंचे DRI अधिकारी, तेंदुए की खाल सहित दो तस्कर को किया गिरफ्तार
राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने तेंदुए की खाल की तस्करी के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारी चंडीगढ़ में एक गुप्त अभियान के दौरान हुई जब तस्कर खाल बेचने की कोशिश कर रहे थे। पूछताछ में पता चला कि आरोपी जयपुर और उदयपुर से खाल लेकर आए थे।

जागरण संवाददाता, लुधियाना। अवैध वन्यजीव तस्करी से संबंधित खूफिया जानकारी के आधार पर राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), क्षेत्रीय इकाई चंडीगढ़ और क्षेत्रीय इकाई लुधियाना ने 18 सितंबर दिन वीरवार को एक योजनाबद्ध गुप्त अभियान शुरू किया।
खुफिया जानकारी से संकेत मिला कि कुछ व्यक्ति जो तेंदुए की खाल के अवैध व्यापार में लगे एक संगठित गिरोह का हिस्सा माने जा रहे थे, चंडीगढ़ में एक गुप्त स्थान पर इस तरह की तस्करी बेचने की कोशिश कर रहे थे। तत्परता से कार्रवाई करते हुए चंडीगढ़ आरयू के डीआरआई अधिकारियों ने संभावित खरीदार बनकर संदिग्धों को पकड़ने के लिए एक गुप्त अभियान चलाया।
टीम ने सौदा तय करने के बहाने तस्करों से संपर्क किया और उन्हें तस्करी का सामान बनाने के लिए लुभाने में सफल रही। तेंदुए की खाल की मौजूदगी की पुष्टि होते ही अधिकारी तुरंत आगे बढ़े और दोनों व्यक्तियों को पकड़ लिया और प्रतिबंधित वन्यजीव वस्तु को जब्त कर लिया।
प्रारंभिक पूछताछ से पता चला है कि आरोपी खाल लेने जयपुर और उदयपुर से चंडीगढ़ आए थे, जिसके हिमाचल प्रदेश से आने का संदेह है, ताकि बाद में तस्करी और व्यावसायिक बिक्री की जा सके तेंदुआ (पैंथेरा पार्डस) वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची में सूचीबद्ध है, जो इसे भारत में सर्वोच्च कानूनी संरक्षण प्रदान करता है।
किसी भी प्रजाति या उसके शरीर के अंगों को अपने पास रखना, परिवहन करना या व्यावसायिक व्यापार करना इस अधिनियम के तहत एक गंभीर दंडनीय अपराध है। प्रतिबंधित वस्तु की जब्ती के बाद, दोनों व्यक्तियों को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के उल्लंघन के आरोप में डीआरआई टीम द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया।
दोनों आरोपियों को चंडीगढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के समक्ष पेश किया गया और बाद में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। आगे की आवश्यक कार्रवाई जारी है।

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