69 साल पुराना और 12 एकड़ में फैला कपूर अस्पताल दो घंटे में कर दिया सील Ludhiana News
दो घंटे में हुई यह कार्रवाई सब रजिस्ट्रार कार्यालय केंद्रीय में तैनात तहसीलदार हरसिमरन सिंह व तहसीलदार नवदीप सिंह भोगल की देखरेख में की गई।
लुधियाना, जेएनएन। माता रानी चौक स्थित 12 एकड़ में फैले डॉक्टर बीएल कपूर मेमोरियल अस्पताल को जिला प्रशासन ने सील कर दिया। इस दौरान मेडिकल सुपरिंटेंडेंट कार्यालय के साथ-साथ नर्सिंग इंस्टीट्यूट व हॉस्टल की इमारत को भी सील कर दिया। कार्रवाई में मेडिकल सुपरिंटेंडेट निवास को जेसीबी से गिरा दिया गया। अस्पताल परिसर में बने क्वार्टरों में रह रहे कर्मचारियों ने दावा किया कि उनके पास कोर्ट का स्टे ऑर्डर है, पर मौके पर वह इसे दिखा न सके। अधिकारियों ने उन्हें तीन दिन की मोहलत देते हुए कहा कि अगर वह स्टे न दिखा पाए तो उन्हें उसी दिन यह जगह खाली करनी होगी। भारी पुलिस बल की मौजूदगी के चलते टीम का विरोध करने का साहस कोई न कर पाया। दो घंटे में हुई यह कार्रवाई सब रजिस्ट्रार कार्यालय केंद्रीय में तैनात तहसीलदार हरसिमरन सिंह व तहसीलदार नवदीप सिंह भोगल की देखरेख में की गई।
सोमवार को स्टे ऑर्डर दिखाओ, नहीं तो परिसर खाली करो
अधिकारी जब अस्पताल परिसर में कर्मचारियों के लिए बने 30 के करीब क्वार्टरों पर कार्रवाई करने पहुंचे तो वहां रह रहे कुछ कर्मचारियों ने दावा किया कि उनके पास कोर्ट का स्टे है। अधिकतर कर्मचारियों ने माना कि उनके पास कोर्ट का कोई आदेश नहीं है पर चार कर्मचारी स्टे की बात पर अड़े रहे। कर्मचारियों का तर्क था कि अभी तक अस्पताल प्रबंधन ने उनका हिसाब नहीं किया। इस पर अधिकारियों ने उन्हें तीन दिन का समय देते हुए कहा कि अगर सोमवार को स्टे आॅर्डर नहीं दिखा पाए तो उसी समय उन्हें परिसर खाली करना होगा।
अस्पताल की दो सौ दुकानों पर संशय अभी भी बरकरार
ओल्ड जीटी रोड के नाम से जानी जाती शहर की इस महत्वपूर्ण सड़क पर बने इस अस्पताल ने दौ सौ के करीब दुकाने किराए पर दे रखी है। इन दुकानों का क्या बनेगा इस पर संशय अभी भी बरकरार है। कार्रवाई करने पहुंचे अधिकारियों को भी इस संबंधी कुछ स्पष्ट नहीं था। उनका कहना था कि उन्हें अभी अस्पताल परिसर की सीलिंग के ही आदेश मिले हैं।
लीज खत्म होने पर हाईकोर्ट से स्टे लाया था अस्पताल प्रबंधन
1950 में सरकारी जमीन लीज पर लेकर डॉक्टर बीएल कपूर मेमोरियल अस्पताल बनाया गया था। 1980 में लीज खत्म होने पर जिला प्रशासन ने अस्पताल प्रबंधन को जमीन खाली करने के आदेश दिए। इस दौरान एसडीएम और डीसी की कोर्ट में केस चला पर प्रबंधन इसे जीत न पाया। इसके बाद प्रबंधन हाईकोर्ट से स्टे ले आया। फरवरी 2019 में प्रबंधन ने पहले से ही घाटे में चल रहे अस्पताल को बंद करने का निर्णय लेते हुए हाईकोर्ट का केस वापस लेकर जिला प्रशासन को सूचित कर दिया। इसी के आधार पर ही शनिवार की कार्रवाई चली।
हाईकोर्ट का केस वापस लेकर हमने जिला प्रशासन को सूचित कर दिया था
मेडिकल सुपरिंटेंडट डॉ. हरजीत सिंह ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने घाटे में चल रहे अस्पताल को न चलाने का निर्णय लिया था। इसी के चलते हाईकोर्ट में लीज संबंधी चल रहा केस प्रबंधन ने वापस लेकर जिला प्रशासन को सूचित कर दिया था। इसी आधार पर जिला प्रशासन की कार्रवाई हुई है।
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