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    Delhi-Katra Expressway: आठ महीने का इंतजार... संगरूर में घग्गर नदी पर ब्रिज न बनने से रुकी पंजाब-हरियाणा की कनेक्टिविटी

    दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे के निर्माण में संगरूर में घग्गर नदी पर पुल का काम अधूरा रहने से पंजाब-हरियाणा की कनेक्टिविटी बाधित है। पुल निर्माण में देरी के कारण लगभग 70 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का लाभ नहीं मिल पा रहा है। लुधियाना मालेरकोटला और संगरूर के लोग अभी भी एक्सप्रेसवे का उपयोग करके दिल्ली तक आसानी से नहीं पहुंच पा रहे जिससे उन्हें आठ महीने और इंतजार करना होगा।

    By Varinder Rana Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Mon, 05 May 2025 02:09 PM (IST)
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    संगरूर में घग्गर नदी पर ब्रिज निर्माण पूरा न होने से परेशानी

    वरिंदर राणा, लुधियाना। केंद्र सरकार की भारत माला परियोजना के तहत बन रहे दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस वे में संगरूर में घग्गर नदी पर ब्रिज निर्माण पूरा नहीं के कारण पंजाब-हरियाणा की कनेक्टिविटी नहीं बन सकी है। घग्गर नदी के दोनों तरफ छह किलोमीटर एरिया में सड़क और ब्रिज निर्माण नहीं होने के चलते लगभग 70 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे का फायदा लोग नहीं उठा पा रहे हैं।

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    अगर इस ब्रिज का निर्माण समय रहते होता तो किसान आंदोलन के चलते लोगों के लिए यह रास्ता एक लाभदायक साबित हो सकता था। वहीं इस समय भी लुधियाना, मालेरकोटला से लेकर संगरूर जिले के लोग इस एक्सप्रेस वे का इस्तेमाल कर आसानी से दिल्ली पहुंच सकते थे।

    जिस गति के साथ घग्गर नदी पर काम कर चला है, उसके हिसाब से लोगों को कम से कम आठ माह और इंतजार करना होगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने भारत माला योजना के तहत दिल्ली कटरा ग्रीन एक्सप्रेसवे का निर्माण का खाका तैयार किया था।

    इस योजना के तहत दिल्ली से लेकर कटरा तक 670 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे को तैयार किया जाना है। यह एक्सप्रेसवे पंजाब के सात जिला से होकर गुजरता है। इसमें पटियाला, संगरूर, मालेरकोटला, लुधियाना, जालंधर, कपूरथला और गुरदासपुर शामिल हैं।

    इस परियोजना का सबसे अहम हिस्सा घग्गर नदी पर बन रहा ब्रिज है। इस ब्रिज के चलते पंजाब हरियाणा में आपसी कनेक्टिविटी बैठती है। इस अधूरा ब्रिज होने के चलते लोगों को दिल्ली से खनौरी तक आने का रास्ता मिल रहा है। इसके बाद लोगों को पुराने वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है।

    इस कारण लोग एक्सप्रेस वे से अभी दूरी बना कर बैठे है। फिलहाल मालेरकोटला से लेकर पातड़ां तक का ही सफर एक्सप्रेस वे पर किया जा रहा है। इसमें भी गांव संतोखगढ़ के पास दो किलोमीटर एरिया में निर्माण अभी अधूरा चल रहा है।

    पहले नहीं दिया ध्यान, अब बनाए जा रहे 74 डक्टस

    घग्गर नदी में वर्षा के मौसम में सबसे ज्यादा पानी आता है। एनएचएआइ की तरफ से यहां पर मिट्टी डालकर एक्सप्रेस वे तैयार करने का काम जारी रखा गया।

    बीते साल जैसे घग्गर नदी उफान पर आई, इसके आसपास एरिया में दस फुट तक पानी आ गया। इस पानी के बहाव में एक्सप्रेस वे पर डाली गई मिट्टी भी बह गई। अब घग्गर नदी के दोनों तरफ तीन-तीन किलोमीटर एरिया में 74 डक्टस बनाई जा रही है। इनका लगभग 70 प्रतिशत काम पूरा हो सका है।

    120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगे वाहन

    एनएचएआइ द्वारा ग्रीन एक्सप्रेसवे को 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के हिसाब से डिजाइन किया गया है। जिससे कटरा तक पहुंचने के लिए जहां पहले दस घंटे का समय लगता था, योजना के पूरा होने पर छह घंटे का समय लगेगा। वहीं कमर्शियल वाहनों के लिए रफ्तार की सीमा 80 किलोमीटर प्रति घंटा तय है।

    फिलहाल इसे चार लेन का बनाया जा रहा है, लेकिन दोनों लेन के बीच में 20 मीटर की जगह खाली छोड़ी गई है, ताकि भविष्य में इसे आठ लेन तक का बनाया जा सके। खास बात ये है कि विदेशों की तर्ज पर यहां एमेनेटिज हब बनाए जाएंगे। जहां खानपान, वाहन रिपेयरिंग, पेट्रोल पंप पर सीएनजी और ईवी चार्जिंग तो होगी ही, साथ ही रेस्ट रूम की भी सुविधा होगी। यानी रात को नींद की झपकी आने पर ठहरने की व्यवस्था भी होगी।

    इन वाहनों की नो एंट्री

    • टू व्हीलर
    • थ्री व्हीलर
    • ट्रैक्टर-ट्राली

    योजना पर एक नजर

    दिल्ली-कटरा प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 670 किमी की है। इसमें से मुख्य एक्सप्रेसवे 570 किमी का है, जो जसोरखेड़ी से गुरदासपुर तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे 397.712 किमी और गुरदासपुर से कटरा तक ब्राउनफील्ड एक्सप्रेसवे 172.288 किमी लंबा होगा। इसके साथ ही नकोदर से अमृतसर तक ग्रीनफील्ड स्पर 99 किमी का होगा। इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 39 हजार करोड़ रुपए है। इसमें 14 रेलवे ओवरब्रिज व 31 इंटरचेंज होंगे। साथ ही 11 बड़े फ्लाईओवेर भी हैं।