Deep Sidhu Dies: वकील से अभिनेता, फिर किसान आंदोलन में नेता बने थे दीप सिद्धू, शंभू बार्डर पर लगाया था अलग माेर्चा
Deep Sidhu Death मुंबई-पुणे मार्ग पर सिद्धू की मुलाकात सनी देयोल के साथ उनके फार्म हाउस में हुई और इसके बाद दोनों में दोस्ती हो गई। दीप सिद्धू ने सनी देयोल के कहने पर मुंबई में रहना शुरू कर दिया और साथ ही वकालत शुरू कर दी।
गुरप्रेम लहरी, बठिंडा। Deep Sidhu Death: पेशे से वकील रहे और फिर अभिनेता बने दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत के बाद पंजाबी फिल्म जगत में शोक की लहर है। मुक्तसर के गांव में जन्मे सिद्धू ने छोटी उम्र में नाम कमाया, हालांकि उनका नाम किसान आंदोलन के दौरान लाल किला हिंसा में भी जुड़ा। बतौर वकील अपने पेशे की शुरुआत करने वाले सिद्धू बाद में अभिनेता बने और फिर किसान आंदोलन के दौरान वह युवा किसानों के नेता भी बन गए। दीप सिद्धू वकालत की पढ़ाई पुणे में की।
मुंबई-पुणे मार्ग पर सिद्धू की मुलाकात सनी देयोल के साथ उनके फार्म हाउस में हुई और इसके बाद दोनों में दोस्ती हो गई। दीप सिद्धू ने सनी देयोल के कहने पर मुंबई में रहना शुरू कर दिया और साथ ही वकालत शुरू कर दी। सिद्धू की वकालत का काम अच्छा चलने लगा और बालीवुड की बड़ी हस्तियों ने अपना कानूनी काम उन्हें देना शुरू कर दिया। वह सनी देयोल का कानून काम भी देखने लगे। देयोल परिवार के साथ नजदीकियां बढ़ने के बाद वह उनके परिवार के सदस्य की तरह ही रहने लगे।
देयोल परिवार में सनी देयोल के कामकाज का पूरा जिम्मा उन्हें सौंप दिया गया। दीप सिद्धू मूल रूप से जिला श्री मुक्तसर साहिब के गांव उदयकरन के रहने वाले थे और वहां से शिफ्ट होकर जिला बठिंडा जिले के गांव बहमण दिवाना में आकर रहने लगे। इसके बाद वकालत की पढ़ाई करने के लिए पुणे गए। दीप सिधू का एक भाई भी है जो लुधियाना में रहता है।
शंभू बार्डर पर लगाया था अलग से मोर्चा
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन में भी दीप सिद्धू शामिल रहे और किसानों व युवाओं को लामबंद किया। उन्होंने शंभू बार्डर पर अलग से मोर्चा लगाया जो लंबे समय तक चला। इसके बाद भी दिल्ली में किसान आंदोलन में शामिल हुए और पिछले साल 26 जनवरी की लाल किला हिंसा की घटना में उनका नाम आ जाने के कारण वह काफी समय तक फरार रहे। लेकिन बाद में उनको अंतरिम जमानत मिल गई।
कमी कभी पूरी नहीं की जा सकती
सिद्धू के साथ मेरा रिश्ता एक्टर और डायरेक्टर से बढ़कर था। मैंने सपने में भी नहीं सोचा था के पंजाबी सिनेमा का हीरा ऐसे ही हमें छोड़ कर चला जाएगा। उनकी कमी कभी पूरी नहीं की जा सकती। सिद्धू के दिल में पंजाब और पंजाबियत के प्रति दर्द था। इस कारण ही उसने अपने कैरियर को दांव पर लगाकर मोर्चा संभाला, लेकिन कुछ लोगों ने उनके माथे पर गद्दार का टैग लगा दिया। - अमरदीप सिंह गिल, फिल्म निर्देशक।
हमें पहले सूचना मिली कि दीप का एक्सीडेंट हो गया है। हम घर से दिल्ली के लिए रवाना हुए ही थे कि रास्ते पता चला कि वह अब इस दुनिया में नहीं रहे। वह बहुत छोटी उम्र में बड़े काम करके गया है। हमें इस बात का गर्व है लेकिन उसका घाटा कभी पूरा नहीं होगा। - मुक्खा ठेकेदार, दीप सिद्धू के चचेरे भाई।