कांग्रेसियों का पलटवार; कहा-दलबदलू नेता हैं गोशा, सोनिया गांधी के साथ खिंचवाई फोटो की वायरल
कांग्रेसियों ने ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रधान सोनिया गांधी को सम्मानित करने वाली गोशा की फोटो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी है। ...और पढ़ें

लुधियाना, [अर्शदीप समर]। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा पर कालिख पोतने वाले यूथ अकाली नेता गुरदीप सिंह गोशा पर इस बार कांग्रेसियों ने मिलकर पलटवार किया है। कांग्रेसियों ने कुछ साल पहले गोशा द्वारा ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रधान सोनिया गांधी को सम्मानित करने वाली एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी है। फोटो में यूथ अकाली नेता गोशा सोनिया गांधी को दिल्ली में सम्मानित कर रहे हैं। कांग्रेसियों का कहना है कि गोशा मौकापरस्त राजनीति करते हैं।
जब गोशा दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान परमजीत सिंह सरना ग्रुप के साथ थे, तब उन्होंने कांग्रेस के हित में ही नारेबाजी भी की थी और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रधान सोनिया गांधी को सम्मानित भी किया था। उस समय गोशा कांग्रेस का गुणगान करते थे। जैसे ही उनकी सरना ग्रुप में दाल नहीं गली तो वह शिरोमणि अकाली दल में आ गए। अब शिअद के नेताओं के साथ मिलकर उसी कांग्रेस के खिलाफ नारे लगाते हैं और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा पर कालिख पोत रहे हैं। कांग्रेसियों ने उन्हें दलबदलू नेता का भी नाम दिया है।
गोशा मक्कड़ के खिलाफ लड़ चुके हैं चुनाव
वहीं जब गोशा ने शिअद के खिलाफ मोर्चा खोला था, उस समय की ऑडियो और वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल की गई, जिसमें गोशा शिअद के खिलाफ ही जमकर बयान दे रहे हैं। कई साल पहले जब गोशा ने अकाली दल के नेता और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ के खिलाफ चुनाव लड़ा था, उसे भी कांग्रेस भुना रही है।
गोशा ने रंग बदल लिया है वे दलबदलू नेता हैं : सांसद बिट्टू
सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि किसी समय पर सरना गु्रपके साथ मिलकर गुरदीप सिंह गोशा कांग्रेस के हित में नारे लगाते होते थे और उन्होंने सोनिया गांधी को सम्मानित भी किया था, लेकिन गोशा ने दल बदलते ही रंग भी बदल लिया। ऐसे नेताओं को दल बदलू ही कहा जाता है।
पंथ विरोधी थे सरना, इसलिए उनका छोड़ा साथ : गोशा
यूथ अकाली नेता गुरदीप सिंह गोशा ने माना कि वह कई साल पहले सरना गु्रप के साथ मिलकर सोनिया गांधी को मिले थे। उस समय केंद्र में कांग्रेस सरकार थी और 1984 दंगों के आरोपितों को सजा दिलवाने और पंथ के मसलों को लेकर सोनिया गांधी को मांग पत्र दिया था, लेकिन सरना और कांग्रेस की मिलीभगत देख आहत होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। अब शिअद का सिपाही हूं और हमेशा रहूंगा।
जमानत पर आए हैं गोशा और दुगरी

गत दिनों अकाली नेता गुरदीप सिंह गोशा और मीतपाल दुगरी ने सलेम टाबरी स्थित पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की प्रतिमा पर कालिख पोती थी और हाथों को लाल कर दिया था। मामले में गोशा और दुगरी के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। वह जमानत पर बाहर आए हैं।

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