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    Lok Sabha Election 2024: लुधियाना सीट से कांग्रेस इस कैंडिडेट पर खेल सकती है दांव, रवनीत बिट्टू को देंगे टक्कर?

    Lok Sabha Election 2024 लुधियाना (Ludhiana Lok Sabha Seat) पर कांग्रेस रवनीत बिट्टू के खिलाफ सुखजिंदर रंधावा को चुनावी मैदान में उतार सकती है। विधानसभा में पार्टी के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के साथ सांसद रवनीत बिट्टू की इंटरनेट मीडिया पर बहसबाजी के बाद कांग्रेस ने रंधावा को उतारने का मन बनाया है। बिट्टू ने पहले प्रताप सिंह बाजवा को लुधियाना आकर चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी।

    By Bhupender Singh Bhatia Edited By: Himani Sharma Updated: Sun, 14 Apr 2024 12:28 PM (IST)
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    रवनीत बिट्टू के खिलाफ पूर्व डिप्टी CM रंधावा पर दांव खेल सकती है कांग्रेस (फाइल फोटो)

    भूपेंदर भाटिया-जितेंद्र शर्मा, लुधियाना/पठानकोट। Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने वाले तीन बार के सांसद रवनीत बिट्टू (Ravneet Bittu) के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव 65 वर्षीय सुखजिंदर रंधावा (Sukhjinder Randhawa) पर दांव खेल सकती है। बदलते राजनीतिक समीकरण के बीच लुधियाना (Ludhiana Lok Sabha Seat) से रंधावा के नाम पर अंतिम मुहर एक-दो दिन में लगने की संभावना है।

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    कांग्रेस ने रंधावा को उतारने का बनाया मन

    विधानसभा में पार्टी के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के साथ सांसद रवनीत बिट्टू की इंटरनेट मीडिया पर बहसबाजी के बाद कांग्रेस ने रंधावा को उतारने का मन बनाया है। बिट्टू ने पहले प्रताप सिंह बाजवा को लुधियाना आकर चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी, जिसके बाद बाजवा ने कहा था कि उसे जीतने नहीं देंगे और मजबूत उम्मीदवार उतारेंगे।

    उन्होंने यहां तक कहा था कि लुधियाना के उम्मीदवार पर पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी में चर्चा के बाद मामला सीईसी के पास पहुंचा और उस पर मंथन हुआ। उसके बाद लुधियाना से रंधावा को उतारने का मन बनाया गया है।

    चार दावेदारों का पार्टी में करवाया गया था इंटरनल सर्वे

    जानकारी के अनुसार कांग्रेस ने लुधियाना से उम्मीदवार उतारने के पहले चार दावेदारों का पार्टी में इंटरनल सर्वे करवाया था। इसमें वर्तमान सांसद मनीष तिवारी, पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु, पूर्व विधायक संजय तलवाड़ और गुरकीरत कोटली के नाम शामिल थे। बताया जाता है कि चारों दावेदारों को सर्वे में नाकार दिया गया था। इसके बाद पार्टी ने कुछ नए चेहरों पर विचार किया और बाहरी क्षेत्र से रंधावा के नाम पर सहमति बनती गई।

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    रंधावा के नाम पर सहमति बनने का एक और बड़ा कारण आशु के खिलाफ कांग्रेस के ही कुछ विधायकों द्वारा हाइकमान को रिपोर्ट की है। बताया जाता है कि उन विधायकों ने यहां तक कहा है कि यदि आशु को टिकट दी जाती है तो वह पार्टी छोड़ देंगे और किसी अन्य विकल्प की ओर आगे बढ़ेंगे। इसके बाद रंधावा के नाम पर मजबूती बढ़ी।

    प्रताप सिंह बाजवा दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं

    उधर, प्रताप सिंह बाजवा लगातार दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से संपर्क किया गया तो वह इस संबंध में कोई भी बयान देने से कतराते रहे।

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    उनका कहना था कि उम्मीदवारों के नामों तो अंतिम मुहर लगाने के लिए शुक्रवार को स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग हुई थी, लेकिन उसमें अंतिम राय नहीं बनने पर शनिवार को फिर से स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई। स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट सीईसी के पास पहुंच गई है। कमेटी जल्द नाम की घोषणा कर देगी।