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    स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला के जेल जाने के बाद आया बदलाव, पढ़ें पटियाला की और राेचक खबरें

    By Vipin KumarEdited By:
    Updated: Mon, 06 Jun 2022 09:06 AM (IST)

    मंत्री सिंगला की गिरफ्तारी के बाद सेहत विभाग के अधिकारियों ने केंद्रों की वर्किंग जांचनी शुरू कर दी है। इसके लिए वह स्वयं इन केंद्रों पर पहुंच कर वहां की स्थिति का जायजा ले रहे हैं और जरूरत पड़ने पर जरूरी निर्देश भी जारी करने लगे हैं।

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    पटियाला के सिविल सजर्न डा. राजू धीर एक सेहत केंद्र की चेकिंग करते हुए। फाइल फोटो

    पटियाला, दीपक माैदगिल। मंत्री जी को जेल की हवा क्या खानी पड़ गई, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली ही बदल गई। विभाग की कारगुजारी में सुधार के लिए जो कार्य पहले यदा-कदा होते थे, वह अब अधिकारियों के रूटीन का हिस्सा बन गए हैं। ऐसा ही कुछ इन दिनों जिले में सेहत विभाग के विभिन्न केंद्रों की चेकिंग को लेकर हो रहा है।

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    सेहत विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों ने अब अपने अधीन आते केंद्रों की वर्किंग जांचनी शुरू कर दी है। इसके लिए वह स्वयं इन केंद्रों पर पहुंच कर वहां की स्थिति का जायजा ले रहे हैं और जरूरत पड़ने पर जरूरी निर्देश भी जारी करने लगे हैं। उच्च अधिकारियों की इसी सक्रियता को लेकर जूनियर स्टाफ चर्चा करने लगा है कि यह बदलाव हाल ही में आया है। इस बारे में संकेत दिए जा रहे हैं कि विभाग के मंत्री के जेल जाने के बाद ही यह बदलाव आया है।

    प्रधानगी के लिए इंटरनेट मीडिया वार

    राजनीति में कुर्सी तक पहुंचने के लिए दो तरह से प्रयास किए जाते हैं। पहले तो अगर कुर्सी पर विराजमान कोई विरोधी पार्टी से है तो उसके खिलाफ उसी की पार्टी के नेताओं से जोड़-तोड़ करके उक्त प्रधान को प्रधानगी से हटाना। इसके बाद अगला लक्ष्य होता है प्रधानगी के लिए खाली उक्त कुर्सी पर विराजमान होने के लिए अपनी ही पार्टी के नेताओं का समर्थन हासिल करना फिर उसके लिए चाहे अपनी ही पार्टी के किसी बड़े नेता का विरोध ही क्यों न करना पड़ जाए। भादसों नगर पंचायत के प्रधान पद पर काबिज होने के लिए आम आदमी पार्टी की लोकल लीडरशिप में इन दिनों ऐसा ही माहौल बना है। यह नेता अपनी ही पार्टी के उन नेताओं की ¨खचाई इंटरनेट मीडिया पर करने लगे हैं, जो प्रधान पद के लिए दावा कर रहे हैं। अब दिलचस्पी बनी है कि यह इंटरनेट मीडिया वार आखिर क्या रंग लाएगी।

    कांग्रेसियाें में हलचल पर नजरें

    कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं द्वारा पाला बदलकर भाजपा के खेमे में जाने के बाद अब शाही शहर के राजनीतिक गलियारों में स्थानीय कांग्रेसियों के बारे चर्चा गर्माने लगी हैं। चर्चा करने वाले राजनीतिक चटखारे लेते हुए कहते हैं कि शाही शहर के कई कांग्रेस नेता भी पाला बदलने के संकेत दे रहे हैं। यूं भी शाही परिवार के कांग्रेस से अलग होने के बाद शहर में कांग्रेस का जनाधार कुछ न कुछ तो खिसका ही है। दूसरी ओर शाही परिवार चाहे पंजाब लोक कांग्रेस से जुड़ा है लेकिन इस नई पार्टी की जड़ें शहर में ज्यादा मजबूत नहीं हैं। ऐसे में शाही शहर के कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेता अगर पाला बदलकर दूसरी पार्टी में चले जाते हैं तो किसी को आश्चर्य नहीं जताना चाहिए। आखिर कांग्रेस में राज्यस्तर पर यह गतिविधि जोर पकड़ चुकी है। अब देखना है कि शाही शहर के कौन से कांग्रेसी इस बारे में आगे आते हैं।

    गुपचुप ढंग से कैसे चलेगी सरकार

    सत्ता की कुर्सी पर काबिज होने वाली पार्टी बदली तो लोग बदलाव की आस करने लगे। अब बदलाव कहां-कहां आया यह तो अलग बात है लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्रियों द्वारा शहर में गुपचुप तरीके से दौरा करके किसी समागम में शिरकत करने का नया सिलसिला जरूर शुरू हो चुका है। हालात ऐसे हैं कि सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्री या वरिष्ठ नेता अगर शहर में किसी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचते हैं तो उसकी जानकारी बड़े पैमाने पर सार्वजनिक ही नहीं की जा रही। सिर्फ उस कार्यक्रम से संबंधित लोगों तक ही वह जानकारी होती है। ऐसे में अब आम लोग नाराजगी जताने लगे हैं कि अगर उन्होंने अपना कोई मुद्दा या कोई शिकायत मंत्री जी या फिर वरिष्ठ नेता के ध्यान में लाना हो तो आखिर इस तरह की कार्यशैली में वह ऐसा कैसे कर सकेंगे। साथ ही सवाल किया कि आखिर गुपचुप तरीके से कैसे सही चलेगी सरकार।

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