Sand Price Hike: पंजाब में रेत-बजरी के दाम छू रहे आसमान, माइनिंग प्रभावित होने से 500 से अधिक बड़े प्रोजेक्ट अटके
Building Material Price Today पंजाब में रेत-बजरी महांगा हाेने से लाेग परेशान है। बड़ी बात यह है कि प्रोजेक्टाें को पूरा करने के लिए बिल्डिर्स हिमाचल स ...और पढ़ें

मुनीश शर्मा, लुधियाना। Building Material Price Today पंजाब में पिछले तीन महीनों से आक्सीजन पर चल रहे बिल्डिंग प्रोजेक्टस अब बंदी की कगार पर पहुंच गए हैं। इसका मुख्य कारण बिल्डिंग मटीरियल के दामों में हो रही बेहताशा वृद्वि एवं किल्लत है। पंजाब में इन दिनों बिल्डर्स को सफेद रेता 13 की बजाए 45 रुपये फुट, क्रशर 28 की बजाए 42 रुपये प्रति फुट, मोटा रेता 36 की बजाए 55 रुपये प्रति फुट मिल रहा है।
पिछले दो सप्ताह से इसकी उपलब्धता भी कम हो गई है और हिमाचल से मंगवाने के लिए भाड़े के रुप में महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। कई कारोबारियों ने महंगाई और शार्टेज के चलते प्रोजेक्ट भी रोक दिए हैं। पंजाब के 500 से अधिक बड़े प्रोजेक्ट इसके चलते अटक गए हैं। भवन निर्माण में रेता और बजरी सबसे बड़े रा मटीरियल है। ऐसे में इनकी किल्लत दिन प्रतिदिन बढ़ने से इसकी कालाबाजारी आरंभ हो गई है।
दामों में 25 से 30 प्रतिशत का इजाफा हो रहा है। ऐसे में जिन दामों पर प्रोजेक्ट आरंभ किए गए हैं, इसकी इनपुट कास्ट पूरी न होने से न तो इनका रिव्यू हो पा रहा है और न ही इतने महंगे दामों में रा मटीरियल खरीदकर बिल्डिर्स भवन निर्माण कर पा रहे हैं। कई प्रोजेक्ट जो अंतिम पड़ाव में हैं, उनको पूरा करने के लिए बिल्डिर्स साथ लगते राज्यों हिमाचल से मटीरियल मंगवा रहे हैं।
प्रोजेक्ट पूरा करना बड़ी चुनाैती
लुधियाना बिल्डर्स एसोसिएशन के प्रधान इंजीनियर अजीत सिंह ने कहा कि हमारे लिए यह एक बड़ी चुनौती का समय है। पहले ही कोविड के दौरान नकदी संकट के चलते कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट रूक गए थे और अब जब काम पटरी पर लौटने लगा है, तो रेता और बजरी के दाम आसमान को छू रहे हैं। इसके साथ ही बिल्डिंग मटीरियल से संबंधित कई उत्पादों के दामों में भारी उछाल है। दाम बढ़ने के साथ साथ अब किल्लत भी हो रही है। जिसके चलते कई प्रोजेक्ट अधर में छोड़ने पड़े हैं। क्योंकि निर्माण करवाने वाले दामों में संशोधन करने के लिए तैयार नहीं है और महंगे दामों पर मटीरियल लेकर प्रोजेक्ट पूरा करना संभव नहीं।
रेत और बजरी की किल्लत
जीके ग्रुप के सीएमडी गुलशन कुमार ने कहा कि भवन निर्माण को लेकर रा मटीरियल न होना एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। रेत और बजरी की किल्लत के साथ साथ इसके दाम आसमान छू रहे हैं। सरकार के निर्माण के बाद उम्मीद थी कि दामों में कमी आएगी, लेकिन उल्टा दाम बढ़ने के साथ इसकी किल्लत बढ़ी है। इसको लेकर सरकार को तत्काल कदम उठाने चाहिए, ताकि इस सेक्टर को राहत मिले और लोगों को वाजिब दामों में भवन निर्माण कर सकें।

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