बिक्रम मजीठिया के मोबाइल से मिले सिम को लेकर बड़ा खुलासा, खन्ना के जसमीत सिंह के नाम पर हुआ था जारी
पंजाब ड्रग्स मामले में बिक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी के बाद जांच खन्ना तक पहुंची है। मजीठिया के पास मिले मोबाइल में खन्ना के जसमीत सिंह के नाम का सिम कार्ड था जिसे 2021 में खरीदा गया था। जसमीत के मजीठिया से संबंधों की जांच हो रही है और वह गिरफ्तारी के बाद कनाडा चला गया। विजिलेंस और पुलिस ने जसमीत के परिवार से पूछताछ की है।

विपन भारद्वाज, खन्ना (लुधियाना)। पंजाब के हाई-फाई ड्रग्स केस में पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी के बाद अब इस मामले के तार खन्ना से जुड़ गए हैं। इसके बाद विजिलेंस के साथ-साथ पंजाब पुलिस के अधिकारी भी खन्ना में इस केस की जांच में जुट गए हैं। जानकारी के अनुसार मजीठिया की गिरफ्तारी के समय जो मोबाइल बरामद हुए थे, उनमें से एक मोबाइल में जो सिम चल रहा था, वो खन्ना के जसमीत सिंह के नाम पर है।
बताया जा रहा है कि इस सिम को 2021 में खरीदा गया था। अब जांच का विषय यह है कि जसमीत सिंह के बिक्रम मजीठिया के साथ क्या संबंध थे ? बिक्रम मजीठिया के पास जसमीत के नाम का सिम कैसे पहुंचा ? किस दुकान से सिम खरीदा गया? मजीठिया इस सिम को क्यों चला रहे थे? इन सभी सवालों के जवाब के लिए आगे की जांच जारी है।
इसी बीच यह खबर भी सामने आई है कि मजीठिया की गिरफ्तारी के बाद जसमीत सिंह 13 जुलाई को कनाडा चला गया। उसका जनवरी 2024 का वीजा लगा हुआ था, लेकिन वह मजीठिया की गिरफ्तारी के बाद ही कनाडा क्यों गया। यह भी जांच का विषय बन गया है। सूत्रों के अनुसार कुछ दिनों पहले विजिलेंस मोहाली की एक टीम जसमीत सिंह के घर पहुंची थी। वहां जसमीत के माता पिता और छोटे भाई से पूछताछ की गई थी।
पता चला है कि बुधवार को खन्ना पुलिस के अधिकारी जसमीत के घर जांच के लिए पहुंचे थे। इससे पहले जसमीत सिंह के पिता को फतेहगढ़ साहिब में भी एसपी स्तर के अधिकारी ने पूछताछ के लिए बुलाया था। क्योंकि, जसमीत का पासपोर्ट फतेहगढ़ साहिब के एड्रेस पर बना है। पहले यह परिवार फतेहगढ़ साहिब में रहता था।
अड्डा इंचार्ज के बाद इमिग्रेशन का काम करने लगा था जसमीत
जानकारी के अनुसार जसमीत सिंह का परिवार खन्ना में समराला रोड पर किराए के मकान में रहता है। जसमीत सिंह बस स्टैंड खन्ना में अड्डा इंचार्ज था और निजी कंपनियों के लिए काम करता था। कोरोना काल के समय 2021 में एक निजी कंपनी के लिए काम किया। बाहरी राज्यों के लोगों के लिए बसों का प्रबंध करता था। यहां से बसें बाहरी राज्यों के लिए भेजता था। उस समय ही सिम खरीदा गया। अब जांच का विषय यह भी है कि 2021 में मोबाइल सिम खरीदना आसान था।
आज के समय जितनी वेरिफिकेशन नहीं थी। क्या जसमीत के दस्तावेजों का कहीं गलत इस्तेमाल तो किसी ने नहीं किया। यह भी जांच का विषय है। कैमरे सामने आने से परिवार का इंकारइस पूरे मामले में जसमीत के परिवार ने कैमरे सामने आने से इनकार किया। जसमीत के पिता ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। जब विजिलेंस और पुलिस उनके घर आई तो सिर्फ यह बताया गया कि विजिलेंस केस के बारे में कुछ पूछताछ करनी है।
फिलहाल उनकी कनाडा में बेटे से बात नहीं हुई है। वे अपने बेटे से भी पता करेंगे कि आखिर जो आरोप लग रहे हैं वो पूरा मामला है क्या है। क्या उसे पता है या फिर वे किसी केस में फंस रहे हैं। बेटे से बात के बाद ही बताया जा सकता है। उधर, खन्ना के एसपी इन्वेस्टीगेशन पवनजीत ने कहा कि उन्हें इस बाबत कोई भी जानकारी नहीं है।
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