भाव्या की ड्रीम मशीन करेगी सेना और इंडस्ट्री की मदद, इंडिया बुक ऑफ रिकॉडर्स में अंकित हुआ नाम
भाव्या बांसल का मल्टीपपर्ज रोबोट- द ड्रीम मशीन डिफेंस और इंडस्ट्री के लिए मददगार होगी।इसके लिए भाव्या का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉडर्स में अंकित हुआ है।
जेएनएन, लुधियाना: भाव्या बांसल का मल्टीपपर्ज रोबोट- द ड्रीम मशीन डिफेंस और इंडस्ट्री के लिए मददगार होगी। इसके लिए भाव्या का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉडर्स में अंकित हुआ है। यह ड्रीम मशीन डिफेंस और इंडस्ट्री दोनों सेक्टर को किस तरह फायदा पहुंचाएगी, इसके बारे में भाव्या ने मंगलवार को जानकारी दी। भाव्या ने बताया कि मानो बॉर्डर पर सेना का युद्ध हो रहा है तो इस मशीन के जरिए हथियार, फूड, फर्स्ट एड मुहैया कराए जा सकेंगे। वहीं इंडस्ट्री में मेटल और न्यूक्लीयर केमिकल्स एक जगह से दूसरी जगह भेजने के लिए यह ड्रीम मशीन मदद करेगी। पैराशूट के जरिए इस मशीन को लैंड भी कराया जा सकता है। रिमोर्ट से चलने वाली इस मशीन में जीपीएस की भी सुविधा है। फुटेज के लिए तीन सीसीटीवी कैमरा और चार सोलर पैनल लगा कर तैयार किया गया है। फिलहाल ढाई फीट की इस मशीन में वाई-फाई रूटर भी लगा है जो पचास मीटर की रेंज तक इंटरनेट सुविधा मुहैया करा सकेगा। द ड्रीम मशीन को सोलर पैनल के जरिए दो से तीन घंटे में चार्ज किया जा सकता है। वैसे इसका जितना उपयोग होगा, उसके मुताबिक यह चलेगी। इंसान जैसा दिखने वाला रोबोट बनाने की इच्छा सतपाल मित्तल स्कूल के कक्षा सातवीं में पढ़ रहे 13 वर्षीय भाव्या ने कहा कि रोबोटिक्स में उसकी बचपन से रुचि रही है। तीन सालों से वह रोबोट बना रहा है पर ड्रीम मशीन बनाने का आइडिया उसका अपना है। वह पिछले कुछ महीनों से सोच रहा था कि ऐसी चीज बनाए जो असल जीवन में प्रयोग की जा सके। अब इंसान जैसा दिखने वाला वह रोबोट बनाने की इच्छा रखता है।
किचलू नगर के विज रोबो सेंटर से तीन सालों से को¨चग भी ले रहा है। रोबोटिक फील्ड में ही वह आगे आना चाहता है। ड्रीम मशीन को डिजाइन करने में तीन महीने का समय लगा है। रोबोट प्रोग्रा¨मग के बाद पहली बार तैयार की मशीन वर्ष 2017 में भाव्या ने पहली बार रोबोट बनाया था पर उसमें केवल प्रोग्रा¨मग ही डाली थी। पर अपने स्तर पर नए आइडिया के साथ इस्तेमाल में लाने वाली ड्रीम मशीन पहली बार तैयार की है। वर्ष 2017 में भाव्या ने पहली बार रोबोट बनाया था पर उसमें केवल प्रोग्रा¨मग ही डाली थी।
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