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    'भगवंत मान और लालजीत भुल्लर को पद छोड़ना चाहिए', पंचायतों को भंग करने के मामले में बोले SAD चीफ सुखबीर बादल

    By Bhupender Singh Bhatia Edited By: Rajat Mourya
    Updated: Sun, 03 Sep 2023 10:14 PM (IST)

    Punjab Politics शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पंचायतों को भंग करने और अधिकारियों को निलंबित करने पर मान सरकार पर जुबानी हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान जानबूझकर अधिकारियों को बलि का बकरा बना रहे हैं और खुद बचने की कोशिश कर रहे हैं। अगर किसी को दंडित करने की आवश्यकता है तो वह पंचायती राज मंत्री और मुख्यमंत्री हैं।

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    'भगवंत मान और लालजीत भुल्लर को पद छोड़ना चाहिए', पंचायतों को भंग करने के मामले में बोले सुखबीर बादल

    लुधियाना, जागरण संवाददाता। Sukhbir Badal On Bhagwant Mann शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि प्रदेश में पंचायतें भंग करने के मामले में मुख्यमंत्री भगवंत मान जानबूझकर अधिकारियों को बलि का बकरा बना रहे हैं और खुद बचने की कोशिश कर रहे हैं। पंचायतों को भंग करने की पूरी प्रक्रिया मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के माध्यम से भगवंत मान द्वारा शुरू, संचालित और हस्ताक्षरित की गई थी।

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    उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारियों ने संबंधित फाइल को केवल मुख्यमंत्री के अवलोकन और आवश्यक आदेशों के लिए प्रस्तुत किया था। अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि अधिकारियों ने फाइल पर विशेष रूप से नोट किया था कि इसे "मुख्यमंत्री की इच्छानुसार" भेजा जा रहा है। बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री को मंत्री भुल्लर को हटा देना चाहिए था और नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए था।

    बता दें कि शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल (Sukhbir Badal) शहर में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। बादल ने कहा कि पंचायती राज मंत्री ने 26 जुलाई को पंचायतों को भंग करने के स्पष्ट एजेंडे के साथ एक बैठक बुलाई थी। उन्होंने कहा कि इसके बाद दो अगस्त को मंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ और महाधिवक्ता कार्यालय के एक प्रतिनिधि की उपस्थिति में दो बैठकें कीं, जिसके बाद पंचायतों को भंग करने का निर्णय लिया गया। इन तथ्यों के आलोक में यह स्पष्ट है कि पंचायती राज मंत्री ने मुख्यमंत्री की सहमति से यह निर्णय लिया।

    'पंचायती राज मंत्री और सीएम को किया जाना चाहिए दंडित'

    बादल ने कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा लिए गए प्रतिकूल नोटिस के बाद अगर किसी को दंडित करने की आवश्यकता है तो वह पंचायती राज मंत्री और मुख्यमंत्री हैं, न कि दो नौकरशाह जिन्हें निलंबित कर दिया गया है।

    शिअद अध्यक्ष ने राज्य से उत्तर प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में उद्योग की उड़ान का हवाला देते हुए कहा कि आप सरकार की अक्षमता के कारण पंजाब दशकों पीछे जा रहा है। इन सबके बावजूद, मुख्यमंत्री अपने बॉस अरविंद केजरीवाल को पंजाब सरकार के विमान से देश भर में घुमाने में संतुष्ट हैं।

    राज्यपाल-मुख्यमंत्री की खींचतान पर क्या बोले बादल

    राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच हालिया खींचतान पर बादल ने कहा कि समस्या की उत्पत्ति इस तथ्य में निहित है कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल की रिपोर्ट पर ध्यान नहीं दिया कि शहर में शराब की दुकानों से दवाएं बेची जा रही थीं। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, तो राज्यपाल ने मामले को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को भेज दिया, जिसने 66 शराब की दुकानों से सिंथेटिक दवाओं की बरामदगी के बाद उन्हें सील कर दिया।

    उन्होंने कहा कि इन शराब की दुकानों को बाद में उसी प्रबंधन के तहत फिर से खोल दिया गया है जो आप सरकार द्वारा ड्रग माफिया को दिए जा रहे संरक्षण के बारे में बहुत कुछ बताता है। इस मौके पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शरणजीत सिंह ढिल्लों, रणजीत सिंह ढिल्लों, जिला शहरी अध्यक्ष भूपिंदर सिंह भिंडा, विपन सूद काका और आरडी शर्मा उपस्थित थे।