बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के फाउंडर वीसी डॉ. एलएस चावला का निधन
मेडिकल क्षेत्र की जानी मानी हस्ती व बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेस के फाउंडर वाइस चासलर डॉ. लवतार सिंह चावला का शुक्रवार सुबह डीएमसीएच में निधन हो गया।
लुधियाना (संस) : मेडिकल क्षेत्र की जानी मानी हस्ती व बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेस के फाउंडर वाइस चासलर डॉ. लवतार सिंह चावला का शुक्रवार सुबह डीएमसीएच में निधन हो गया। 84 वर्षीय डॉ. चावला ने सुबह दस बजे अंतिम सास ली। वे पिछले एक सप्ताह से बीमार चल रहे थे। उनका अंतिम संस्कार 2 सितंबर को सिविल लाइन स्थित श्मशानघाट में किया जाएगा। उनके निधन पर शहर के चिकित्सकों ने गहरा शोक व्यक्त किए। आईडीपीडी के डॉ. अरुण मित्रा, डॉ. एसएस सूदन,डॉ. शकील उर रहमान, डॉ. भारती उप्पल, डॉ. बलबीर शाह, डॉ. एमके महाजन, डॉ. नरजीत कौर, डॉ. एनएस बावा, आईएमए लुधियाना के प्रेजीडेंट डॉ. अरूण गुप्ता, सिविल अस्पताल के मेडिसन विशेषज्ञ डॉ. अविनाश जिंदल सहित कई चिकित्सकों ने गहरा शोक व्यक्त किया। आईडीपीडी के सेक्त्रेटरी डॉ. अरूण मित्रा ने कहा कि डॉ. चावला के निधन से एक युग खत्म हो गया। लेकिन वह अपने पीछे डाक्टरी तजुर्बे की एक अमीर विरासत छोड़ गए हैं। वह अपने आखिरी सास तक डॉक्टरी क्षेत्र को नए शिखर पर ले जाने के साथ साथ दुनिया भर में अमन स्थापित करने के लिए सरगर्म रहे। डॉ. मित्रा ने कहा कि 27 सितंबर वर्ष 1934 में जन्में लवतार सिंह चावला की पहचान पेट के रोगों के इलाज में माहिर के तौर पर होती थी। अमृतसर के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस व एमडी करने के बाद उन्होंने पीजीआई से अपने कैरियर की शुरूआत की। वर्ष 1971 में वह लुधियाना आए। वह टैगोर नगर में रह रहे थे। वर्ष 1986 से लेकर अगस्त 1994 तक वह दयानंद मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के प्रिंसिपल रहे। जबकि वर्ष 1988 से लेकर वर्ष 1993 तक वह मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया के मैंबर रहे। भारत सरकार की ओर से उनके समर्पण केा देखते हुए वर्ष 1995 से लेकर वर्ष 2000 और फिर वर्ष 2000 से 2005 तक उनके सेवा काल में वृद्धि की गई। मेडिकल क्षेत्र में दिए गए उनके योगदान के लिए उन्हें डॉ. बीसी राहे अवार्ड के साथ भी सम्मानित किया जा चुका है। डॉ. मित्रा ने कहा कि डॉ. एलएस चावला के निधन से कभी भी पूरी न होने वाली क्षति हुई है।
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