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    Azadi ka Amrit Mahotsav: लुधियाना में शहीद सुखदेव के पैतृक घर पहुंचे आइटीबीपी के cyclist

    Azadi ka Amrit Mahotsav आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर भारत सरकार की तरफ से आयोजित साइकिल रैली 27 अगस्त को भारत-चीन सीमा (लेह-लद्दाख) स्थित गोगरा से आरम्भ होकर पंजाब के रास्ते देश के विभिन्न भागों की परिक्रमा करते हुए 31 अक्तूबर को गुजरात के केवड़िया में संपन होगी।

    By Vipin KumarEdited By: Updated: Wed, 22 Sep 2021 01:01 PM (IST)
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    आइटीबीपी जवानों ने शहीद सुखदेव थापर की प्रतिमा के सामने नतमस्तक होकर सलामी दी। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, लुधियाना। Azadi ka Amrit Mahotsav: आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत आईटीबीपी के जवानों की लेह लद्दाख से शुरू की साइकिल रैली लुधियाना के नौघरा स्थित शहीद सुखदेव थापर के पैतृक घर पहुंची। आइटीबीपी जवानों ने शहीद सुखदेव थापर की प्रतिमा के सामने नतमस्तक होकर उन्हें सलामी दी। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर भारत सरकार की तरफ से आयोजित साइकिल रैली 27 अगस्त को भारत-चीन सीमा (लेह-लद्दाख) स्थित गोगरा से आरम्भ होकर पंजाब के रास्ते देश के विभिन्न भागों की परिक्रमा करते हुए 31 अक्तूबर को गुजरात राज्य के केवड़िया में संपन होगी।

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    शहीद सुखदेव थापर मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष व शहीद के वंशज अशोक थापर, राजा ग्रोवर, अरुण लेखी, त्रिभुवन थापर, शुभम ग्रोवर, कपिल किशोर गुप्ता ने भारत-तिब्बत सीमा पुिलस के जवानों को शहीद सुखदेव की प्रतिमा देकर सम्मानित किया। इससे पूर्व रैली में शामिल आईटीबीपी उतर-पश्चिम फ्रंटियर के जवानों ने अमृतसर स्थित स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की यादगार जलियांवाला बाग, जगराओं स्थित स्वतंत्रता सेनानी व शहीद लाला लाजपतराय की जन्मस्थली के दर्शन कर शहीद सुखदेव के पैतृक निवास पंहुची। शहीद सुखदेव की जन्मस्थली से अशोक थापर ने झंडी दिखाकर साइकिल रैली को शहीद ऊधम सिंह की सुनाम स्थित स्माधि स्थल के लिए रवाना किया।

    रैली का नेतृत्व कर रहे आइटीबीपी के जवानों ने शहीद सुखदेव की जन्मस्थली की मिट्टी हाथों पर रख कर कहा कि उनका सौभागय है कि वह देश के लिए खुद को कुर्बान करने वाले महान शहीद की गोद में बैठ कर उनका आशीर्वाद लेने का सुअवसर मिला है। अशोक थापर ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों का शहीद की जन्म स्थली पंहुचने पर स्वागत करते हुए कहा कि आजादी से पूर्व स्वतंत्रता सेनानियो ने अंग्रेजी हकूमत की जंजीरों में जकड़ी भारत माता को मुक्त करवाने के लिए प्राणों की आहुतियां देकर देश को आजाद देशों की कतार में खड़ा करने में आहम योगदान दिया। वहीं आई.टी.बी.पी के जवान मौजूदा समय में भारत भूमि पर बुरी नजर रखने वाले चीन जैसे देश के मुकाबला करके भारत की आजादी की रक्षा में जुटे हैं।