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    Bhatinda AIIMS में बिना मान्यता के ही पीजी में दे दिया प्रवेश, अब कहा-सभी जूनियर रेजिडेंट

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Mon, 25 Jul 2022 10:07 AM (IST)

    Bhatinda AIIMS बठिंडा एम्‍स में बिना मान्‍यता के ही पीजी कोर्स में एडमिशन द‍े दिया गया। यहांं करीब 50 मेडिकल विद्यार्थियों को पीजी कोर्स के लिए चुना गया और उनको एडमिशन दे दिया गया लेकिन अब उनकाे कहा जा रहा है कि सभी जूनियर रेजिडेंट हैं।

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    बठिंडा एम्‍स में पीजी कोर्स में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों का भविष्‍य खतरे में पड़ गया है। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, बठिंडा। यहां एम्‍म के करीब 50 मेडिकल विद्यार्थी अजीब पेंच में फंस गए हैंं। उनको बठिंडा एम्‍स (Bhatinda AIIMS) में पीजी कोर्स में एडमिशन दे दिया गया, लेकिन करीब छह माह बाद खुलासा हुआ कि इसकी यहां पर मान्‍यता ही नहीं है। अब बठिंडा एम्‍स का प्रबंधन इनको जूनियर रेजिडेंट बता रहा है। 

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    50 विद्यार्थियों का भविष्‍य हुआ अंधकारमय

    जानकारी के अनुसार,जनवरी, 2022 में देश के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान एम्स में विद्यार्थियों ने स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम (पीजी) में दाखिला लिया था। वहीं, अब प्रवेश के छह माह बाद बठिंडा एम्स प्रशासन की तरफ से उनकी मान्यता व प्रवेश को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इससे एम्स में प्रवेश लेने वाले करीब 50 छात्रों का भविष्य अंधकार में है।

    बठिंडा एम्‍स ने 21 जुलाई को मेल कर बताया कि वे पीजी स्‍टूडेंट नहीं

    प्रभावित विद्यार्थियों ने बताया कि 21 जुलाई को बठिंडा एम्स की तरफ से इन सभी 50 विद्यार्थियों को एक मेल के जरिए जानकारी दी गई कि उन्हें पीजी स्टूडेंट नहीं माना जाएगा। संस्थान इन सभी को नान एकेडमिक जेआरएस (जूनियर रिजिडेंट) मानकर चलेगा।

    छात्रों का कहना है कि उन्हें जूनियर रेजिडेंट बनने के लिए आल इंडिया लेवल की यह परीक्षा पास करने की जरूरत भी नहीं थी। यह काम वह अपने-अपने राज्यों में भी कर सकते थे। वह पीजी कोर्स में इसलिए आए, ताकि इसके आधार पर आगे की पढ़ाई या काम कर सकें।

    विद्यार्थी अब कर रहे हैं प्रदर्शन

    अब विद्यार्थी एम्स प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं व इंसाफ की मांग कर रहे हैं। विद्यार्थियों ने बताया कि बडा एम्स में 50 सीटों के लिए दिल्ली एम्स ने 14 नवंबर, 2021 को पेपर लिया था। इसका परिणाम 20 नवंबर को घोषित किया गया था। इस कोर्स के लिए बठिंडा एम्‍स तीन दिसंबर को 50 सीटें आरक्षित की थी। इन पर जनवरी में प्रवेश लिया गया था। एम्स प्रशासन ने कहा था कि उनका कोर्स एक फरवरी से शुरू होगा।

    ओटी व इमरजेंसी की सुविधा शुरू न होने के बाद भी दे दिया प्रवेश

    विद्यार्थियों का आरोप है कि उन्होंने एमडी, एमएस, एमडीएस में प्रवेश लिया था, लेकिन अब एम्स के अधिकारी कह रहे हैं कि उनका प्रवेश एक फरवरी से इसलिए मान्य नहीं होगा, क्योंकि डिग्री के लिए ओटी (आपरेशन थियेटर) व एमरजेंसी में काम करना जरूरी है। एम्स में अभी भी ओटी व इमरजेंसी की सुविधा पूरी तरह से शुरू नहीं हुई है।

    आज हो सकती है छात्रों की एम्स प्रबंधन के साथ बैठक

    वहीं प्रदर्शन कर रहे छात्रों की सोमवार को एम्स प्रबंधन के साथ बैठक हो सकती है। अगर बैठक में कोई हल नहीं निकलता है या फिर विद्यार्थियों को उचित आश्वासन नहीं मिलता है तो उनका संघर्ष जारी रहेगा।

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