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    Praveen Sobti Deathः अमृतसर में 'भीम' का दम देख सभी रह गए थे दंग, हुकूमत फिल्म में निभाई थी खलनायक की भूमिका

    By Vipin KumarEdited By:
    Updated: Wed, 09 Feb 2022 08:11 AM (IST)

    Praveen Sobti Deathः महाभारत के महाबली यानी भीम का पात्र निभाने वाले प्रवीण कुमार सोबती का किरदार आज भी जनमानस के नेत्र पटल पर घूमता है। तरनतारन के गांव सरहाली में जन्मे प्रवीण कुमार आज हमारे बीच नहीं रहे।

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    प्रवीण कुमार ने 1965 से 1967 तक खालसा कालेज में बीए की पढ़ाई की थी। (फाइल फाेटाे)

    नितिन धीमान, अमृतसर। Actor Praveen Sobti Death Newsः  महाभारत में भीम का किरदार निभाने वाले प्रवीण कुमार सोबती निधन से पंजाब में शाेक की लहर है। वर्ष 1988 में सूचना—प्रसार एवं मनोरंजन के साधन सीमित थे। उस दौर में बीआर चोपड़ा द्वारा निर्देशित 'महाभारत' का प्रसारण देखने के लिए देश के धर्मपरायण लोग सब काम छोड़कर ब्लैक एंड व्हाइट टीवी के सामने नजरें गढ़ाकर बैठ जाते थे।

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    महाभारत के महाबली यानी भीम का पात्र निभाने वाले प्रवीण कुमार सोबती का किरदार आज भी जनमानस के नेत्र पटल पर घूमता है। तरनतारन के गांव सरहाली में जन्मे प्रवीण कुमार आज हमारे बीच नहीं रहे, पर तरनतारन व अमृतसर से उनका गहरा नाता रहा। दरअसल, प्रवीण कुमार ने 1965 से 1967 तक खालसा कालेज में बीए की पढ़ाई की थी। सात फुट छह इंच लंबाई व डील डौल के स्वामी प्रवीण कुमार का नाम खालसा कालेज में होनहार छात्रों की सूची में शामिल थे, वहीं कुशल एथलीट भी।

    डिस्कस व हैमर थ्रो में उनका कोई सानी नहीं था। कालेज की एक प्रतियोगिता में प्रवीण कुमार ने जिस फुर्ती और ताकत से डिस्क्स थ्रो फेंका, उसे देखकर सब दंग रह गए थे। उनका रिकार्ड आज तक कोई तोड़ नहीं पाया। आज भी खालसा कालेज के वार्षिक पुस्तिका में प्रवीण सोबती की तस्वीरें प्रकाशित होती हैं।

    पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रवीण कुमार ने सोवियत संघ के खिलाफ हैमर थ्रो फेंका और इसमें स्वर्ण पदक झटका। 1968 में मैक्सिको व 1972 में म्यूनिख ओलंपिक में डिस्कस थ्रो में स्वर्ण जीते। इसके अलावा एशियन्स गेम्स, राष्‍ट्रमंडल खेलों सहित कई देशों में आयोजित प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेकर स्वर्ण पदक जीते थे। महाभारत में उन्हें भीम का किरदार भी इसलिए मिला, क्योंकि वे महाबली भीम जैसी डीलडौल रखते थे और ताकतवर भी थे। उनकी कद काठी को देखते हुए सीमा सुरक्षा बल ने उन्हें डिप्टी कमांडेंट के रूप में पदस्थ किया था। उनकी उपलब्धियों की सूची देखकर सरकार ने उन्हें महाराजा रंजीत सिंह व अर्जुन अवार्ड से नवाजा।

    भीम के जीवन की अनछुए पहलुओं पर किताब लिख रहे नवदीप सिंह

    प्रवीण कुमार सोबती पर लेखक नवदीप सिंह पुस्तक लिख रहे थे। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वह प्रवीण कुमार से हाल ही में मिले भी थे। नवदीप सिंह के अनुसार प्रवीण कुमार की तबीयत ठीक नहीं थी। वह ज्यादा समय घर पर ही रहते थे। उनके निधन से शोक ग्रस्त हूं, पर उनके जीवन पर पुस्तक लिखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित भी करूंगा। गोल्डन ब्वाय नीरज चोपड़ा के जीवन पर पुस्तक लिखने वाले लेखक नवदीप सिंह गिल ने प्रवीण कुमार के जीवन पर पुस्तक लिखने जा रहे थे।

    लाकडाउन में फिर से दिखी भीम की ताकत

    प्रवीण कुमार कोरेाना काल में फिर दूरदर्शन की स्क्रीन पर नजर आए। लाकडाउन में महाभारत का पुन: प्रसार हुआ। 1988 में महाभारत देखने वाले लोगों लोगों ने पुन: इसका प्रसारण देखा, वहीं नई पीढ़ी ने भी धर्मयुद्ध की गाथा को आत्मसात किया। शोधकर्ता सुरिंदर कोछड़ बताते हैं कि प्रवीण कुमार सोबती मेरे पिताजी के मामा जी के बेटे थे। अमृतसर से सोबती परिवार दिल्ली चला गया और वहां प्लास्टिक की फैक्ट्री चलाने लगे। प्रवीण कुमार की फिल्मों में भी एंट्री हुई। उन्होंने हुकूमत फिल्म में खलनायक की दमदार भूमिका निभाई थी।

    वहीं पंजाबी फिल्म भलेखा में भी अभिनय किया। किसी को यह मालूम न था कि एक दिन प्रवीण कुमार सबसे बड़े धर्मयुद्ध पर आधारित धारावाहिक में अभिनय करेंगे। इसके अलावा उन्होंने रक्षा फिल्म से डेब्यू किया था। हुकूमत फिल्म में खलनायक की दमदार भूमिका करने पर प्रवीण कुमार को आज भी याद किया जाता है।