जन्म या जाति से नहीं, कर्म से महान होता व्यक्ति: संजय जैन
एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस के महावीर भवन में नवकार महामंत्र का पाठ का उच्चारण हुआ।

संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस के महावीर भवन में नवकार महामंत्र का पाठ का उच्चारण हुआ। पाठ में श्रावक और श्राविकाओं ने हाजिरी लगाई। महावीर जैन युवक संघ प्रमुख संजय जैन ने भगवान महावीर स्वामी जी की जीवनी से अवगत कराते हुए कहा कि भगवान महावीर का युग बड़ी विसंगतियों का युग था। धार्मिक मतवाद परस्पर ज्ञान और भक्ति के सिद्धांतों को समक्ष रखकर झगड़ रहे थे। इस तरह समाज में वैमनस्य का वातावरण पैदा हो गया था। दूसरी ओर पुरुषार्थ और भाग्य को लेकर चितन के क्षेत्र में ऊहापोह मची हुई थी। भगवान महावीर भाग्यवादी नहीं, पुरुषार्थवादी थे। उनकी दृष्टि में प्रत्येक आत्मा अनंत गुण संपन्न है। अत: उसे अपने इन गुणों को विकसित कर पुरुषार्थवादी बनना चाहिए। बहुत से धर्म दर्शनों की मान्यता है कि जो भाग्य में है। वह होकर ही रहता है। अत: पुरुषार्थ करने का कोई महत्व नहीं है। भगवान महावीर ने स्पष्ट कहा कि भाग्य अदृश्य है अर्थात दिखाई नहीं देता और पुरुषार्थ आप के अधीन है। अत: पुरुषार्थ को प्रश्रय दो उसी से आय का भाग्य निर्मित होगा। भगवान महावीर ने पुरुषार्थ करते हुए कर्म को महत्व दिया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति जन्म या जाति से महान नहीं होता, अपितु कर्म से महान होता है। इस अवसर पर एसएस जैन सभाध्यक्ष अरिदमन जैन, सीनियर उपाध्यक्ष सुभाष जैन महावीर, महामंत्री प्रमोद जैन, चातुर्मास कमेटी चेयरमैन जितेंद्र जैन श्रमण, रविदर जैन भ्राता, विनोद जैन गोयम, संजय जैन आदि शामिल थे।
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