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    लुधियाना में विधायक से विवाद के बाद मेला बंद, ठेकेदार ने की आत्मदाह की कोशिश; MLA पर 10 लाख मांगने का आरोप

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 11:20 PM (IST)

    लुधियाना के दरेसी ग्राउंड में विधायक के साथ विवाद के कारण मेला बंद हो गया जिससे रामलीला और डोला प्रबंधक कमेटियों ने सड़क पर प्रदर्शन किया। आरोप है कि विधायक ने ठेकेदार से 10 लाख रुपये मांगे थे। पैसे न मिलने पर ठेकेदार ने आत्मदाह का प्रयास किया जिससे लोग आक्रोशित हो गए और सड़क जाम कर दी। हिंदू नेता भी धरने में शामिल हुए।

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    लुधियाना में विधायक से विवाद के बाद मेला बंद, ठेकेदार ने की आत्मदाह की कोशिश। फोटो जागऱण

    संवाद सहयोगी, लुधियाना। दरेसी ग्राउंड में वर्षों से आयोजित होने वाला मेला विधायक से हुए विवाद के कारण चंद मिनटों में बंद कर दिया गया। इस घटना की जानकारी मिलते ही रामलीला प्रबंधक कमेटी और डोला प्रबंधक कमेटी ने डोला सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।

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    आरोप है कि सेंट्रल के विधायक मेला लगाने के लिए ठेकेदार से 10 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं। पैसे न मिलने की स्थिति में ठेकेदार को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। इस तनाव के बीच ठेकेदार ने आत्मदाह की कोशिश की, जिसके बाद गुस्साए लोगों ने दरेसी ग्राउंड के बाहर सड़क को पूरी तरह जाम कर दिया।

    धरने की खबर सुनकर हिंदू नेता भी वहां जुट गए और सड़क पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया।

    दरेसी ग्राउंड में मेले के ठेकेदार प्रधान अशोक ने बताया कि यह मेला लगभग 70 साल से आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सेंट्रल के विधायक ने उनसे 10 लाख रुपये की मांग की। जब उन्होंने कहा कि वह इतनी बड़ी राशि नहीं दे सकते तो उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया गया।

    आरोप है कि उन्होंने एक नेता के साथ विधायक के समक्ष जाकर अपनी स्थिति स्पष्ट की, लेकिन उन्हें बदसलूकी का सामना करना पड़ा और दफ्तर से वापस भेज दिया गया। इसके बाद मेले में तहबजारी टीम को भेजा गया, जिसने रेहड़ी और दोपहिया वाहन चालकों को परेशान करना शुरू कर दिया। यह सिलसिला कुछ दिनों तक चलता रहा।

    शुक्रवार को कुछ समय के लिए मेला बंद किया गया, लेकिन शनिवार की शाम स्थिति उस समय बिगड़ गई जब प्रधान अशोक ने दरेसी चौक पर आत्मदाह करने के इरादे से अपने शरीर पर तेल डालना शुरू कर दिया, जिसे देखकर वहां मौजूद लोगों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और उनकी बोतल छीनकर पानी डाला। इस घटना का वीडियो भी लोगों ने अपने मोबाइल में कैद किया, जो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया।

    बिना मेला देखे लोग लौटे, डोला यात्रा रोड पर रोका

    ठाकुर द्वारा मंदिर के महंत गौरव दास ने कहा कि यह डोला यात्रा उनकी चौथी पीढ़ी द्वारा निकाली जा रही है। इस मेले के साथ हर साल डोला यात्रा भी निकाली जाती है। शनिवार शाम जब यह यात्रा निकाली जाने लगी तो उन्होंने देखा कि मेला बंद था और लोग अपने बच्चों के साथ मेला देखे बिना लौट रहे थे। उन्होंने डोला यात्रा को दरेसी ग्राउंड रोड पर रोक दिया और कमेटी के सदस्यों ने भी इसके विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी। इस समय रामलीला प्रबंधक कमेटी के लोग भी उनके साथ शामिल हो गए।

    विधायक हुए एफबी पर लाइव, राजनीतिक स्टंट बताया

    विधायक अशोक पराशर पप्पी ने फेसबुक पर लाइव आकर इस मामले को राजनीति का स्टंट बताया। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से पहले ही आदेश दिए गए थे कि मेले में सड़कों पर दुकाने नहीं लगाने दी जाएंगी। ठेका अंदर का हुआ है, बाहर का नहीं। मेले के नजदीक स्कूल और अस्पताल हैं, और सड़कों पर दुकाने होने से लोग परेशान होते हैं। विधायक ने कहा कि ठेकेदार पैसे लेकर मेले के बाहर दुकानें लगवा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वह भी सनातनी हैं और उन्हें किसी से प्रमाणपत्र लेने की आवश्यकता नहीं है। अब वह इस मामले में विजिलेंस जांच करवाने और मानहानि का दावा करने की योजना बना रहे हैं।

    पुलिस छावनी में तब्दील हुई दरेसी रोड

    मेला बंद होने के कारण विवाद इतना बढ़ गया कि दरेसी रोड को पूरी तरह जाम कर दिया गया। शनिवार रात लोगों ने बाजार की दुकाने भी बंद करवा दीं। माहौल को देखते हुए वहां करीब सात थानों की पुलिस और दो एसीपी पहुंचे, जिसके बाद दरेसी रोड पुलिस छावनी में तब्दील हो गई। पुलिस अधिकारी उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन धरना दे रहे लोगों का कहना था कि पहले इस मामले में कार्रवाई होगी, तभी वे धरना समाप्त करेंगे।