Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लुधियाना-बठिंडा हाईवे पर दो सप्ताह से धरने पर बैठे किसान की मौत, घर जाते समय पानी के टैंक में गिरने से हुआ हादसा

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 03:47 PM (IST)

    लुधियाना-बठिंडा हाईवे पर मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान चरण सिंह की ट्यूबवेल टैंक में गिरने से मौत हो गई। किसान पिछले दो सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे थे। किसान नेताओं ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया और इसे किसान विरोधी नीतियों का नतीजा बताया। तनावपूर्ण माहौल में बिना पोस्टमार्टम के अंतिम संस्कार किया गया।

    Hero Image
    लुधियाना-बठिंडा हाईवे पर दो सप्ताह से धरने पर बैठे किसान की मौत हो गई है।

    संवाद सहयोगी, जगराओं (लुधियाना)। ग्रीन लैंड लुधियाना-बठिंडा राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की मांग को लेकर पिछले दो सप्ताह से रायकोट के गांव रामगढ़ सिवियां में धरने पर बैठे किसान चरण सिंह निवासी बोपाराय खुर्द की धरने के बाद घर जाते समय रास्ते में ट्यूबवेल के पानी के टैंक में गिरने से मौत हो गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शनिवार की सुबह खेत मालिक नबरदार सुरिंदरपाल सिंह ने चरण सिंह का शव देखा और गांव सिवियां के नबरदार इंद्रपाल सिंह व थाना सदर रायकोट के प्रभारी कुलविंदर सिंह को सूचना दी। पूर्व सरपंच हरप्रीत सिंह और मृतक के बेटे दलवीर सिंह ने मिलकर शव को बाहर निकाला और धरना स्थल पर पहुंचाया।

    पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने का प्रयास किया, लेकिन परिवार और किसान नेताओं ने सरकार को इसके लिए जिम्मेदार मानते हुए पोस्टमार्टम से साफ मना कर दिया। भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के जिला उपाध्यक्ष हरबख्श सिंह और पूर्व सरपंच हरप्रीत सिंह ने चरण सिंह को शहीद का दर्जा देते हुए कहा कि सरकार की बेरुखी से किसानों को मुआवजा नहीं मिल रहा।

    किसानों का कहना है कि यह घटना केवल एक हादसा नहीं बल्कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों का परिणाम है। मुआवजे में देरी ने किसानों को आर्थिक संकट में डालने के साथ उनकी जान पर भी खतरा पैदा कर दिया है। तनावपूर्ण माहौल में मृतक किसान चरण सिंह का अंतिम संस्कार बिना पोस्टमार्टम के कर दिया गया।