गुरु नाम का सिमरन सब दुखों की दवा : संत जगजीत
जासं, जगराओं
जगराओं के लोपों आश्रम में रविवार को लोपो संप्रदाय के मौजूदा गद्दीनशीन संत जगजीत सिंह लोपो ने सचखंड निवासी स्वामी दरबारी दास और स्वामी जोरा सिंह की याद में करवाए धार्मिक राहूनी समागम में सिखों के दसवें गुरू श्री गुरु ग्रंथ साहब जी की अमर कथा की वर्षा संगतों पर करते कहा कि गुरु के नाम का सिमरन ही सब दुखों की दवा है।
उन्होंने कहा कि प्रभु का कण-कण में वास है और हमें प्रभु का सिमरन रोजमर्रा कम से कम दो घटे प्रात: काल और शाम को करना चाहिए। कहा कि गुरु इंसानियत की सेवा करने का उपदेश देता है परन्तु मनुष्य गुरु के उपदेश को अपने लाभ के लिए इस्तेमाल कर लेता है जिस कारण मनुष्य का मन गुरु के नाम का सिमरन करने में नहीं लगता।
गुरु शब्द को महा शक्तिशाली करार देते हुए संत लोपो ने कहा कि जिस मनुष्य पर गुरु का रंग चढ़ता है वह व्यक्ति दुनियावी पदार्थो को त्याग कर गुरु की मस्ती में मग्न हो जाता है। आस्था, विश्वास, श्रद्धा और भरोसा मनुष्य में होने बहुत जरूरी हैं। जिस व्यक्ति को अपने आप पर भरोसा नहीं वह कभी भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता।
धार्मिक समागम में शिंदर सिंह लोपो, बिन्दर सिंह लोपों, काला सिंह लोपों, जगजीत सिंह, हरिन्दर सिंह कलसी, क्रम सिंह सेखों, कुलवंत सिंह मलक, संतोख सिंह अकालगढ़, बहादर सिंह जगराओं, दर्शन सिंह जगराओं, सरूप सिंह जगराओं, ग्यान सिंह, हरविन्दर सिंह खन्ना, सोनी दुराहा, बिट्टू, सौदागर सिंह कलकत्ते वाले, ठेकेदार हरभजन सिंह, हरध्यान सिंह लुधियाना, जीत सिंह, इकबाल सिंघ छज्जावाल, बाबू सिंह जगराओं, जोगिन्द्र सिंह जगराओं, बीबी अजमेर सिंह इंग्लैंड, बीबी महेन्दर कौर तेहाड़ा, बीबी हरदयाल कोर लुधियाना, दर्शन कोर लुधियाना, बलजीत कोर, महिंद्र कोर गालिब, ज्ञानी सिंह जगराओं, सरूप सिंह चीमना, मनजीत सिंह, कोठे राहलें सरपंच हरी सिंह, राजा सिंह गालिब, गुरशरन सिंह कोकरी, बाबू माणूके वाले आदि से बड़ी संख्या में संगत उपस्थित थी।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।