जानिए कैसे किसान की बेटी ने कराेड़पति मंत्री को चुनावी अखाड़े में चटाई धूल, पढ़िये संगरूर की एमएलए नरिंदर कौर की कहानी
Narinder Kaur Bharaj भराज वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव दौरान आप उम्मीदवार भगवंत मान के हक में पोलिंग एजेंट बूथ लगाकर चर्चा में आई थी जहां रिवायती पार्टियों का लड़कों पर बूथ न लगाने का कड़ा दबाव था। इसके चलते भराज ने अकेले पोलिंग एजेंट बूथ लगाया।

जागरण संवाददाता, संगरूर। पंजाब के गांव भराज के एक किसान की 27 वर्षीय बेटी नरिंदर कौर भराज ने कांग्रेस के धुरंधर कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिंगला को 36420 मतों के अंतर से करारी शिकस्त देकर हलका संगरूर की पहली महिला विधायक बनने का रिकार्ड कायम किया। 8 वर्ष के राजनीतिक सफर में भराज ने पहली विधानसभा चुनाव दौरान ही राजनीति के धुरंधर नेताओं को चुनावी अखाड़े में धूल चटाई।

भराज वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव दौरान आप उम्मीदवार भगवंत मान के हक में पोलिंग एजेंट बूथ लगाकर चर्चा में आई थी, जहां रिवायती पार्टियों का लड़कों पर बूथ न लगाने का कड़ा दबाव था। इसके चलते भराज ने अकेले पोलिंग एजेंट बूथ लगाया।

भगवंत मान खुद नरिंदर कौर भराज से मुलाकात करने के लिए उनके गांव पहुंचे थे, जिसके बाद नरिंदर कौर भराज ने आम आदमी पार्टी का दामन थामा। बूथ लगाने पर नरिंदर कौर भराज को फर्स्ट पोलिंग एजेंट का खिताब भी मिला।
गांव भराज में हुआ जन्म, भगत सिंह की सोच से प्रभावित

किसान गुरमेल सिंह के घर 17 अगस्त 1994 को माता चरणजीत कौर के कोख से बेटी नरिंदर कौर भराज ने जन्म लिया। चंद एकड़ जमीन पर खेती करके परिवार का गुजारा चलाने वाली नरिंदर कौर भराज ने अपनी शिक्षा इलाके के स्कूल से ही प्राप्त की व संगरूर के भाई गुरदास कालेज आफ लॉ से वर्ष 2021 में एलएलबी की पढ़ाई की।

इंकलाब की बात करने वाली नरिंदर कौर भराज शहीद भगत सिंह की सोच, आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल व सांसद भगवंत मान की कार्यप्रणाली से काफी प्रभावित रही। इसके चलते ही उन्होंने आम आदमी पार्टी में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा। आम आदमी पार्टी यूथ विंग पंजाब की प्रवक्ता व जिला यूथ विंग संगरूर की प्रधान के पद पर जिम्मेदारी निभा रही हैं।
बेटियों को खुले आसमान में उड़ने का दें हौसला

नरिंदर कौर भराज ने कहा कि उनके दादा स्वर्गीय गुरदियाल सिंह भराज, उनके पिता गुरमेल सिंह व माता चरणजीत कौर ने उनका हमेशा हौसला बढ़ाया है। उन्हें कभी लड़की नहीं माना, बल्कि एक पुत्र की भांति उसे हौंसला दिया। बेटियों को अगर हर मां-बाप इसी प्रकार आजादी से जीने का हौसला दें तो हर बेटी अपने परिवार व देश का नाम रोशन कर सकती है। वह हर बेटी व परिवार का हौसला बनेगी, जो पुरुष प्रधान समाज की परिभाषा को बदल देंगी।

उन्होंने समाज के लिए राजनीति की परिभाषा बदलने व सभी लोगों को एकसमान शासन देने के लिए राजनीति में कदम रखा है। हलके के लोगों से मिले सहयोग की बदौलत आज वह विधायक बनी है, लेकिन यह नरिंदर कौर की जीत नहीं, बल्कि लोगों की जीत है।
वर्ष 2018 में लड़ा था पंचायती चुनाव, मिली थी हार

वर्ष 2018 दौरान हुए पंचायती चुनाव दौरान नरिंदर कौर भराज ने अपने गांव से सरपंची का चुनाव लड़ा था, इसमें वह राम सिंह सिद्धू से मात्र चंद वोटों के अंतर से हार गई थी। लेकिन इस हाल से उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा, बल्कि और मेहनत करते हुए लोगों के बीच अपनी जगह बनाने में जुट गई।
न कोई वाहन, न कोई आभूषण व अन्य संपत्ति

आम आदमी पार्टी की पहली महिला विधायक नरिंदर कौर भराज के पास मात्र 24409 की ही संपत्ति है। उनके पास न कोई वाहन व न ही कोई अन्य अचल संपत्ति है। वह अपना चुनाव प्रचार भी दोपहिया स्कूटी पर करती रही हैं, जबकि उनके मुकाबले में करोड़पति कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिंगला व भाजपा के कारोबारी अरविंद खन्ना चुनाव मैदान में थे। वह स्कूटी पर ही अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए आई। भराज के पास कोई आभूषण भी नहीं है और न ही उनके पास अपना कोई मकान है, बल्कि वह अपने माता-पिता के पुश्तैनी घर पर रहती है। भराज के पास मात्र 13213 रुपये की ही नकदी है।

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